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Monday, August 10, 2015

17 साल से नहीं मिला मुआवजज़ा-25 हज़ार किसानोंं ने राष्ट्रपति से मांगी खुदकुशी की आज्ञा

17 साल से नहीं मिला मुआवजज़ा-25 हज़ार किसानोंं ने राष्ट्रपति से मांगी खुदकुशी की आज्ञा

मथुरा।बीजेपी सांसद हेमा मालिनी के संसदीय क्षेत्र मथुरा में 25 हजार किसानों ने रविवार को राष्ट्रपति के नाम चिट्ठी लिखकर फांसी लगाकर सामूहिक आत्महत्या करने की परमिशन मांगी है।गोकुल बैराज बनाने के लिए जमीन से बेदखल किए गए ये 25 हजार किसान पिछले 17 सालों से मुआवजे के लिए भटक रहे हैं।जमीन चले जाने के बाद इनके पास रोजी-रोटी का कोई जरिया नहीं बचा है।इस बारे में एडीएम (फाइनेंस) जयशंकर मिश्रा का कहना है कि सिर्फ 30 से 35 किसानों का मुआवजा अटका हुआ है।इनमें से 13 किसानों का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है जिस पर 12 अगस्त को सुनवाई होनी है।कोर्ट के फैसले के बाद मुआवजा दिया जाएगा जबकि बाकी किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है।मिश्र के मुताबिक भारतीय किसान संघ जो आंकड़ा बता रहा है वह गलत है।भारतीय किसान संघ के कुंवर सिंह निषाद ने बताया कि किसानों की जमीन कब्जाने के बाद से सरकार ने उन्हें 800 करोड़ का मुआवजा अभी तक नहीं दिया।किसानों को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है।कुंवर ने बताया "हर रोज गोकुल क्षेत्र के किसानों को पुलिस टॉर्चर का शिकार होना पड़ता है।गोकुल बैराज बांध में 11 गांव के किसानों की 700 एकड़ जमीन पानी में डूब चुकी है। करीब 943 किसान अपनी जमीन गंवा चुके हैं।साल 2011 में हाईकोर्ट में इस मामले में एक किसान के मुकदमे का फैसला आने पर जिला प्रशासन ने कुल जमीन का आकलन किया था।इसके मुताबिक अब किसानों को मुआवजे के रूप में कुल 800 करोड़ रुपए मिलने हैं।भारतीय किसान संघ का आरोप है कि पिछले 17 साल से यह प्रॉब्लम ब्यूरोक्रेसी और पॉलिटिक्स की वजह से ज्यादा उलझ गई है।इस मामले को मथुरा की मौजूदा बीजेपी सांसद हेमा मालिनी और मछलीशहर के सांसद रामचरित्र निषाद ने लोकसभा में उठाया है।बीजेपी लीडर साध्वी निरंजन ज्योति ने मथुरा जेल में बंद किसानों से मुलाकात की थी।इस मुद्दे पर लोकदल और बसपा के विधायकों ने यूपी विधानसभा में हंगामा भी किया था।कुंवर सिंह ने बताया कि साल 1992 में गोकुल बैराज का कंस्ट्रक्शन शुरू हुआ था और 1998 में यह बनकर तैयार हो गया।इसके बाद किसानों के विरोध के चलते बैराज का एक गेट बंद कर दिया गया जिससे 11 ग्राम पंचायतों की 700 हेक्टेयर जमीन पानी में डूब गई थी।गोकुल क्षेत्र के किसानों का आरोप है कि साल 2014 में गोकुल बैराज में ली गई किसानों की जमीन के चारों ओर के सर्कल रेट ढाई गुना बढ़ा दिए गए लेकिन मुआवजा क्षेत्र में आने वाली जमीन के सर्कल रेट जानबूझकर लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने नहीं बढ़ाए।अब किसानों की मांग है कि यूपी सरकार इसे तुरंत ढाई गुना करे।साथ ही 1998 से आज तक जलमग्न रही भूमि के किसानों को उनकी फसल का मुआवजा भी दिया जाए।वीएचपी लीडर साध्वी प्राची ने मथुरा जाने का एलान किया है।उन्होंने कहा "राष्ट्रपति से 25 हजार किसानों का फांसी लगा खुदकुशी करने की इजाजत मांगना एक बड़ा मामला है।गोकुल बैराज से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के बजाय यूपी सरकार किसानों से मजाक कर रही है।



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