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जनसरोकार और हम (गिर्दा के गीतों की वर्तमान प्रासंगिकता) |
| Saturday, August 22 at 11:00am |
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| बी. एस. नेगी. पोलिटेक्निक कॉलेज, कौलागढ़ रोड, देहरादून |
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जनांदोलनों व जनगीतों का सदैव ही एक दूसरे के साथ गहन सम्बन्ध रहा है तथा दोनों ने पारस्परिक भूमिकाओं को बेहद करीब से प्रभावित किया है I साहित्यकारों ने अलग अलग विधाओं से जनांदोलनो की गति को बढ़ाने में अप... |
Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna and 33 others are also in the guest list. |
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