मेरे शहर में रात...मेरी खिड़की से...!
कुछ है जो रात को भी जगता है...
कुछ है जो रात को भी जगता है...
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बदरा ने जब दस्तक दी तो ...
खेतों ने आँचल फैलाया
बूंदों ने फिर देखो तो ये
कैसा है माहौल बनाया..
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