Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Thursday, September 10, 2015

थोड़ी देर में व्‍यापमं कांड की राजधानी भोपाल में विश्व हिंदी सम्मेलन 2015 शुरू होने जा रहा है। राजेश जोशी जैसे कुछ हिंदी के कवियों-लेखकों को इस बात का क्षोभ है कि उन्‍हें इस सम्‍मेलन में क्‍यों नहीं बुलाया गया। दूसरी ओर कुछ ऐसे हिंदीसेवी हैं जिन्‍हें बाकायदा भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल में ललितकांड रचयिता सुषमाजी की छत्रछाया में जगह दी गयी है, जैसे Om Thanvi, Ashok Chakradhar, Prasoon Joshi, Dinkar Kumar,Harisuman Bisht इत्‍यादि। हिंदी के युवा मास्‍टर Anuj Lugun वहां जा रहे हैं तो मीडिया के युवा मास्‍टर Vineet Kumar दुखी होकर दीवान पर पोस्‍ट दाग रहे हैं।

थोड़ी देर में व्‍यापमं कांड की राजधानी भोपाल में विश्व हिंदी सम्मेलन 2015 शुरू होने जा रहा है। राजेश जोशी जैसे कुछ हिंदी के कवियों-लेखकों को इस बात का क्षोभ है कि उन्‍हें इस सम्‍मेलन में क्‍यों नहीं बुलाया गया। दूसरी ओर कुछ ऐसे हिंदीसेवी हैं जिन्‍हें बाकायदा भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल में ललितकांड रचयिता सुषमाजी की छत्रछाया में जगह दी गयी है, जैसे Om ThanviAshok ChakradharPrasoon JoshiDinkar Kumar,Harisuman Bisht इत्‍यादि। हिंदी के युवा मास्‍टर Anuj Lugun वहां जा रहे हैं तो मीडिया के युवा मास्‍टर Vineet Kumar दुखी होकर दीवान पर पोस्‍ट दाग रहे हैं। ''हिंदी विद्वान'' के परिचय से एक वीरेंद्र यादव का भी नाम सरकारी प्रतिनिधिमंडल में है, लेकिन वे लखनऊ वाले आलोचक वीरेंद्र यादव नहीं हैं, उनका कोई हमनाम है। भ्रम दूर करने के लिए यह बताना ज़रूरी था। बहरहाल, जाने वाले खुश हैं, जिन्‍हें नहीं बुलाया गया वे दुखी हैं।

मैं फिलहाल वहां किसी के जाने, सरकारी प्रतिनिधिमंडल का हिस्‍सा बनने और दूसरों को न बुलाए जाने के दुख पर कुछ नहीं कहूंगा। आने-जाने की बात बहुत हो चुकी क्‍योंकि लोगों का स्‍टैंडर्ड तर्क यह होता है कि बहिष्‍कार के बजाय हमने वहां मंच से क्‍या कहा, उसे जानिए। मैं नहीं जानता कि प्रधानजी जब कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे तो दिनकर कुमार को मन में कैसा लगेगा, जिन्‍होंने बीते साल भर उनके खिलाफ तमाम कविताएं लिखकर एक किताब ही बना डाली है। मुझे बस इतना पता है कि भोपाल गैस कांड के पीडि़तों ने प्रधानजी से उनके भोपाल दौरे पर मिलने का वक्‍त मांगा था जो उन्‍होंने नहीं दिया है।

ओम थानवी ने बिड़ला वाला पुरस्‍कार लेते वक्‍त राजभवन में कल्‍याण सिंह के सामने अपने मन की बात बोल आने का दावा किया था। मैं चाहता हूं कि हमारे ये तमाम हिंदीसेवी वहां मंच से सत्‍ता के मुंह पर थोड़ा सच बोल आने का साहस कर लें। प्रधानजी के सामने एक बार बस इतना कह दें कि पहले हिंदीभाषी उन तमाम भोपालवासियों से जाकर मिल आओ जिनकी पीढि़यां ज़हरीली गैस की मिलावट से अपंग पैदा हुए जा रही हैं। शिवराज से बस इतना कह दें कि पहले उन तमाम निर्दोष हिंदीभाषियों को जेल से निकालो जिन्‍हें तुमने व्‍यापमं के असली दोषियों की जगह जेल में बंद किया हुआ है। इस अंतरराष्‍ट्रीय मंच से कोई तो कह दे कि पहले 50 मासूम लोगों और पत्रकार अक्षय सिंह की मौत का हिसाब दो, उसके बाद हिंदी की फि़क्र करना।

ज्‍यादा नहीं, दिनकर कुमार बस आठ शब्‍द बोल दें- वे प्रधानजी के सामने अपने अछपित कविता संग्रह का बस शीर्षक बोल दें, कि ''मेरा देश तुम्‍हारी घृणा की प्रयोगशाला नहीं है''। अनुज लुगुन, क्‍या इतना करोगे भाई कि जब राजनाथ सिंह समापन कर के निकलें तो तुम अपनी कविता की ये चार लाइनें कह दो, ''कि क्या ये बन्दूक जनता से सुरक्षा के लिए / जनता के लिए नेताजी को संवैधानिक तरीके से दिए गए हैं / जैसे कोई मध्ययुग का सामन्त अपने लठैतों के साथ / आ पहुँचा हो अपनी दानवीरता का प्रदर्शन करने...।''

आइए, दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन में ''सम्मलित'' हों...।

(सरकार की वेबसाइट http://vishwahindisammelan.gov.in से)

Abhishek Srivastava's photo.
--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Post a Comment