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Thursday, February 25, 2010

आर्थिक सत्यानाश की तैयारी

 
आर्थिक सत्यानाश की तैयारी

पलाश विश्वास
 

सभी पूर्वानुमानों से अधिक होगी आर्थिक वृद्धि दरः प्रणव

हिन्दुस्तान दैनिक - ‎१०-०२-२०१०‎
वित्त मंत्रालय ने अपनी अर्ध-वार्षिक समीक्षा में 2009-10 की जीडीपी वृद्धि अधिकतम 7.75 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था। हालांकि केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के सोमवार को जारी आंकड़ों में इस साल जीडीपी वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का अग्रिम अनुमान व्यक्त किया गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 7.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि रहने की भविष्यवाणी कर चुके हैं। बहरहाल, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी अभी भी आश्वस्त हैं कि यह अब ...
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इकनॉमिक सर्वे 2009-10: यहां जानिए मुख्य बातें
25 Feb 2010, 1656 hrs IST,Ethindi.com

2009-10 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अगले 4 साल में भारत सबसे तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं में होगा। और क्या क्या खास जानिए यहां...

सचिन के बल्ले में आज भी है वही दम: इमरान खान
25 Feb 2010, 1629 hrs IST,इकनॉमिक टाइम्स

सचिन भले ही अपने 37वें जन्मदिन की ओर बढ़ रहे हों, लेकिन 200 रनों की उनकी नाबाद पारी फिटनेस और क्रिकेट को लेकर उनकी प्रतिबद्धता का सबूत है...

हेडलाइन्स >>

http://hindi.economictimes.indiatimes.com/

PMEC ने की परमाणु ऊर्जा में निजी सेक्टर को शामिल करने की वकालत
20 Feb 2010, 1618 hrs IST, इकनॉमिक टाइम्स

 

 नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने अपनी रिपोर्ट में ऊर्जा सेक्टर को दीर्घकालीन ग्रोथ का जरिया बताते हुए कहा है कि इस सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव है। पीएमईएसी ने कहा है कि ऐसे में इस सेक्टर में ऊर्जा उत्पादन क्षमता और वितरण नेटवर्क के काम में तेजी लानी चाहिए।

परमाणु ऊर्जा को जरूरत बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लिए जरूरी रेगुलेटरी बदलाव किए जाने चाहिए ताकि इस सेक्टर में निवेश करने के लिए उत्साह दिखा रही निजी सेक्टर की कंपनियां कारोबार शुरू कर सकें। रिपोर्ट में दो अवरोधों की भी बात की गई है। सीमित ऊर्जा उपकरण और संसाधनों के आवंटन में होने वाली देरी को प्रमुख बाधा माना गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दिक्कतों के चलते क्षमता बढ़ाने में मुश्किल हो रही है।

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि वितरण के दौरान पावर लॉस कम करने के लिए जरूरी निवेश और चरणबद्ध बदलाव होने चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, 'पावर कारोबार को वित्तीय रूप से मुनाफा देने वाला बनाने के लिए यह एक पूर्व शर्त है। इससे निवेश बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।' पीएमईएसी के चेयरमैन सी रंगराजन ने अर्थव्यवस्था की समीक्षा 2009-10 जारी की। इसमें कहा गया है, 'रेगुलेटरी नियमों में तत्काल बदलाव करने की जरूरत है ताकि जो निजी कंपनियां परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं, वे कारोबार शुरू कर सकें।' देश में परमाणु ऊर्जा सेक्टर इस वक्त काफी नियामक बंदिशों में है। इस वजह से इस सेक्टर में केवल एक सरकारी कंपनी न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआईएल) ही काम कर रही है। मौजूदा नियमों के मुताबिक, एनपीसीआईएल के बिना कोई भी कंपनी परमाणु ऊर्जा के सेक्टर में काम नहीं कर सकती है। परमाणु ऊर्जा एक्ट के मुताबिक, निजी कंपनियां एनपीसीआईएल के साथ छोटे पार्टनर के तौर पर भागीदारी कर परमाणु संयंत्र लगा सकती हैं।

देश में कुल परमाणु ऊर्जा उत्पादन बमुश्किल 4,120 मेगावाट है। सरकार की योजना साल 2012 तक इसे बढ़ाकर 10,000 मेगावाट तक पहुंचाने की है। भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते ने देश में परमाणु ऊर्जा उत्पादन की क्षमता में बढ़ोतरी का मार्ग खोल दिया है। अब सरकार को उम्मीद है कि देश में साल 2020 तक 40,000 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन होने लगेगा। रिपोर्ट में कहा गया है, 'यह बात ध्यान रखने योग्य है कि हम कच्चे तेल के आयातक हैं। कच्चे तेल की कीमतों में पिछले कुछ साल में तेज उछाल आया है और यह प्रक्रिया जारी है। ऐसे में सबसे जरूरी यह है कि हम परमाणु ऊर्जा इंडस्ट्री को मजबूत बनाएं ताकि इसका ऊर्जा उत्पादन में योगदान बढ़ाया जा सके। इस वक्त परमाणु ऊर्जा का कुल ऊर्जा उत्पादन में योगदान केवल दो फीसदी है। इसे कई गुना बढ़ाया जा सकता है।'

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी और निजी कंपनियों को ऊर्जा सेक्टर में अपने किए जा रहे प्रयासों में तेजी लानी चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षमता विस्तार में पिछले कुछ साल में अच्छा सुधार आया है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में कुल क्षमता का एक-तिहाई हिस्सा निजी कंपनियों की ओर से आ सकता है। सकार का लक्ष्य 11वें प्लान में 78,500 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता हासिल करने की है। इसमें से 30,00 मेगावाट निजी सेक्टर से आने की उम्मीद है।

आज जारी आर्थिक सर्वे से सत्यनाश की पूरी तैयारी हो गई है.भारतीय कंपनियां अपने डर के कारण वैश्विक मौके खो रही हैं और बदलाव के विरोध के कारण उन्हें घरेलू स्तर पर वृद्धि में मुश्किल हो
रही है। यह बात गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कही है।उन्होंने ऑल इंडिया मैनेजमेंट असोसिएशन (आइमा) के पुरस्कार वितरण समारोह के मौके पर कहा कि हम अपने डर के कारण मौके खो रहे हैं जबकि यह डर अनजाना है। हालांकि उन्होंने इसका ब्यौरा नहीं दिया। भारतीय कंपनियां विदेश में विस्तार करती रही हैं लेकिन पिछले दो साल में आर्थिक संकट के कारण कोई प्रमुख सौदा नहीं हुआ है।



पूँजीपतियों को स्तिमुलुस जारी चार लाख करोर का, जबकि गरीबो पर टैक्स के बोझ.आम बजट पेश किए जाने से बमुश्किल एक हफ्ता पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद
(पीएमईएसी) ने कहा कि राजकोषीय मोर्चे पर हालात दुरुस्त करने की प्रक्रिया अगले कारोबारी साल से ही शुरू हो जानी चाहिए। इस तरह, पीएमईएसी ने अप्रत्यक्ष तौर पर सिफारिश कर दी है कि राजकोषीय राहत उपायों का पिटारा समेटने का काम अप्रैल से ही शुरू होना चाहिए। इसके साथ, पीएमईएसी ने यह उम्मीद भी जताई कि कृषि क्षेत्र में दमदार सुधार के बूते कारोबारी साल 2011-12 तक 9 फीसदी की जीडीपी वृद्धि दर हासिल की जा सकती है।

 

चिदंबरम ने कहा कि पारंपरिक ढर्रे को तोड़ कर ही सफल हुआ जा सकता है। व्यापार और वित्तीय संगठनों को आने वाली मुश्किलों के बारे में चिदंबरम ने कहा कि हम उन्हें बढ़ने नहीं दे रहे हैं और इस वजह हम बड़े मौके खो रहे हैं। देश के सबसे बड़े स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी सफलता के बावजूद यह सरकारी बैंक ग्लोबल लेवल पर कोई खास भूमिका नहीं निभा रहा है।
 
प्रधानमंत्री के आर्थिक पैनल ने बजट में राहत पैकेज को आंशिक तौर पर वापस लेने की वकालत तो कर दी है, लेकिन इसकी वापसी के संकेत से देश का उद्योग जगत काफी चिंतित दिख रहा है। प्रमुख उद्योग चैंबर सीआईआई ने वर्ष 2009-10 की आर्थिक समीक्षा का स्वागत करते हुए बढ़ते राजकोषीय घाटे, गिरते निवेश और बढ़ती खाद्य कीमतों पर चिंता जताई है।
 
देश के सबसे बड़े बिजनेस अखबार 'द इकनॉमिक टाइम्स' , हाल में लॉन्च बिजनेस न्यूज चैनल 'ईटी नाउ' और economictimes.com ने आगामी केंद्रीय बजट पर लोगों द्वारा वित्त मंत्री तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए प्रमुख सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक से हाथ मिलाया है। 'ईटी-फेसबुक टॉक टू एफएम' नामक इस पहल के तहत आप economictimes.com पर लॉग इन कर बजट पर अपने विचार या सलाह भेज सकते हैं। पाठकों की राय को वित्त मंत्री के सामने रखा जाएगा। इससे प्रणव मुखर्जी तक लोगों की बात पहुंच सकेगी।

इस खास पहल के तहत न सिर्फ पाठकों को बजट को लेकर अपनी उम्मीदों को जाहिर करने का मौका मिलेगा, बल्कि वे बजट पेश किए जाने के बाद भी economictimes.com पर अपनी राय दे सकेंगे। जाहिर है कि हमारे पाठक इस मंच के जरिए आसानी से वित्त मंत्री तक अपनी पहुंच बना सकते हैं और उन्हें बता सकते हैं कि बजट में समाज के विभिन्न तबके के लिए और क्या किया जा सकता है। पाठकों द्वारा जाहिर की गई राय economictimes.com के अलावा उनके फेसबुक पेज पर दिखेगी। इस पहल के तहत दी गई सभी राय का सार तैयार कर इसे वित्त मंत्री तक पहुंचाया जाएगा।

इस मंच के जरिए छात्र, कामकाजी महिलाएं, वेतनभोगियों और कारोबारियों के लिए भारत के नीति-निर्माताओं तक अपनी बात पहुंचाने का मौका है। इस समझौते पर टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड के सीईओ ऋषि खियानी ने कहा, 'फेसबुक के साथ जुड़कर हमें काफी खुशी हो रही है। भारत की प्रमुख बिजनेस वेबसाइट और सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट के बीच समझौता हमारे लिए हर तरफ से जीत का गठबंधन है।'

सी रंगराजन की अगुवाई वाली पीएमईएसी का मानना है कि मौजूदा साल में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसदी के पूर्वानुमान से ज्यादा रह सकती है। इसने दूसरे अनुमानों की तर्ज पर 2010-11 में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी रहने की भविष्यवाणी की है।

 

परिषद का मानना है कि मुद्रास्फीति दर और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने की अक्षमता इन अनुमानों के आड़े आ सकती है। ये अनुमान मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र के दमदार प्रदर्शन की उम्मीदों पर टिके हैं, जिसमें वृद्धि दर 2010-11 में 5 फीसदी और 2011-12 में 4 फीसदी रह सकती है। लंबी अवधि की वृद्धि में कृषि क्षेत्र और बुनियादी ढांचे की भूमिका रेखांकित करते हुए ईएसी ने कृषि पैदावार बढ़ाने का सुझाव दिया और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च घटाने के खिलाफ चेतावनी दी। हालांकि, मालूम होता है कि परिषद ने रिजर्व बैंक के उस हालिया रुख से इत्तफाक जताया है, जिसमें बैंक ने कहा था कि अपवाद स्थिति के अलावा अप्रैल में होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा में ही ब्याज दरों की समीक्षा की जाएगी।

सीआरआर बढ़ाने के आरबीआई के कदम पर गौर करते हुए ईएसी ने कहा कि आगे उठाए जाने वाले कदम इस बात पर निर्भर करेंगे कि कर्ज की मांग में कितना इजाफा होता है, तरलता से जुड़े हालात कैसे रहते हैं और कीमतों पर कितना दबाव पड़ता है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के सामने मुश्किल एजेंडा रखते हुए परिषद ने कहा, 'बीते दो साल में जो भारी-भरकम राजकोषीय घाटा सामने आया है, सरकार आगे भी उसे जारी रहने नहीं दे सकती और आगामी करोबारी साल में ही राजकोषीय मोर्चे पर सख्ती की कोशिशें अमल में लानी होंगी।' सरकार ने जुलाई 2009 में तय किया था कि 2011-12 के लिए राजकोषीय घाटा 5.5 फीसदी तक ही रखा जाएगा। ईएसी ने चेतावनी दी है कि इतने भारी घाटे के चलते ब्याज दरें बढ़ सकती हैं और मौद्रिक नीति पर दबाव आ सकता है।

हालांकि, उसने यह भी कहा कि राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी का अधिकांश हिस्सा खर्च के कारण है, ऐसे में खर्च कम करने का लक्ष्य भी बनाया जाना चाहिए और इसे जीडीपी के 1 फीसदी तक लाया जा सकता है। परिषद ने यह चेतावनी भी दी कि पूंजीगत खर्च में कटौती करने की कोई गुंजाइश नहीं है। दिलचस्प है कि ईएसी ने राजकोषीय राहत उपाय वापस लेने की पृष्ठभूमि में टैक्स में इजाफे का मशविरा नहीं दिया, बल्कि इसे जीएसटी लागू करने रोडमैप के तौर पर दिखाया गया है। उसने कहा कि जैसा कि लक्ष्य तय किया गया था, जीएसटी को 1 अप्रैल 2010 से शुरू करना मुमकिन नहीं है, लेकिन नया टैक्स केंदीय स्तर से शुरू किया जा सकता है। परिषद ने दलील दी कि ऐसा करने के लिए सभी सेवाओं को कर के दायरे में लाया जाना चाहिए और सेनवैट तथा सेवा कर के लिए एक एकीकृत सीमा और दर ढांचा होना चाहिए।

 

व्यापार घाटा अप्रैल-दिसंबर में घटकर 76.24 अरब डॉलर रहेगा
  • वर्ष 2009 के अप्रैल-दिसंबर अवधि में आयात 23.6 परसेंट घटा
  • वर्ष 2009 के अप्रैल-दिसंबर अवधि में निर्यात20.3 परसेंट घटा
  • वित्त वर्ष 2009-10 में सकल राजस्व घाटा 6.5 परसेंट रहेगा
  • गरीबों का मासिक राशन कार्ड दिये जाने की सिफारिश जिसका देश में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सके
  • फूड कूपन के जरिये प्रत्यक्ष रूप से खाद्यान सब्सिडी दिये जाने पर विचार किया जाए
  • कारोबारी साल 2009-10 में कृषि और संबंद्ध क्षेत्र का उत्पादन 0.2 परसेंट घटा
  • सर्वे में सरकारी खर्चों में कमी पर ज़ोर, राजकोषीय स्थिति मजबूत बनाने की सलाह
  • टेलिकॉम सेक्टर के लिए टैक्स स्ट्रक्चर को दुरुस्त किया जाए
  • मार्केट में सरकार का दखल घटाए जाए
  • फर्टिलाइजर की कीमतें डीकंट्रोल हों यानी उन पर से सरकारी नियंत्रण खत्म हो
  • दूसरी तिमाही में 5 लाख लोगों को मिली नौकरी: इकनॉमिक सर्वे[ 1510hrs ]
  • कृषि क्षेत्र की खराब हालत चिंता का विषय
  • फूड, फर्टिलाइजर, डीजल और केरोसीन की कीमतें फ्री हों: ईको सर्वे[ 1251hrs ]
  • धीरे-धीरे खत्म हो स्टिमुलस: इकनॉमिक सर्वे[ 1231hrs ]
  • कुछ और महीनों तक महंगे होंगे खाने के सामान: इकनॉमिक सर्वे[ 1216hrs ]
  • सेविंग्स का इस्तेमाल इन्फ्रा सेक्टर के विकास के लिए किया जाना चाहिए
  • इकनॉमिक सर्वे '10:फ्यूल की मौजूदा कीमतें वाजिब नहीं
  • सर्वे में एक्साइज ड्यूटी में कटौती किए जाने की बात
  • टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में गिरावट का रुख जारी रहेगा
  • कारोबारी साल 2011-12 में 9% सर्विस सेक्टर की विकास दर 9%रहेगी
  • अगले 4 साल में भारत सबसे तेजी से विकास कर रही इकॉनमी में होगा
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढ़ावा दिए जाने की वकालत
  • पेंशन रिफॉर्म को टॉप प्रॉयोरिटी पर रखे जाने की बात पर भी सर्वे में जोर
  • मर्केंडाइज के लिए इंपोर्ट टैक्स घटाए जाने की बात भी सर्वे में
  • इकनॉमिक सर्वे '10: पब्लिक सेक्टर के बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ काफी ज्यादा
  • हेल्थकेयर सेक्टर में FDI नियमों को आसान बनाने की हिमायत
  • इकनॉमिक सर्वे: बढ़ती महंगाई पर चिंता, इसे दूर करने पर होगा विचार
  • इकनॉमिक सर्वे 2009-10: स्टिमुलस पैकेज को धीरे-धीरे खत्म किया जाए
  • कारोबारी साल 11-12 में 9% विकास दर की उम्मीद
  • कारोबारी साल 2010-11 में विकास दर 8.25% से 8.75% रहने की उम्मीद
  • इकनॉमिक सर्वे 2009-10: डबल डिजिट ग्रोथ 4 साल में हासिल किए जाने का अनुमान
  • वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कारोबारी साल 2009-10 के लिए इकनॉमिक सर्वे संसद में पेश कर दिया

कृषि मंत्री शरद पवार ने भी गुरुवार को दावा किया कि खराब समय बीत
गया। चीनी, दाल और सब्जी जैसी रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के दाम अब घटने लगे हैं। संसद के दोनों सदनों में महंगाई पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बेकाबू होती महंगाई के लिए बिचौलियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार महंगाई पर काबू पाने के पूरे प्रयास कर रही है। बिचौलियों ने थोक और खुदरा के भावों में बहुत फर्क पैदा कर दिया है।
 
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कारोबारी साल 2009-10 के लिए इकनॉमिक सर्वे (इकॉनमी की आर्थिक समीक्षा) संसद में पेश कर दिया है।
इकनॉमिक सर्वे में उम्मीद जताई गई है कि अगले 4 साल में देश डबल डिजिट ग्रोथ रेट हासिल कर लेगा और अगले 4 साल में भारत सबसे तेजी से विकास कर रही इकॉनमी में होगा। सर्वे में कहा गया है कि चालू कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में देश में करीब 5 लाख लोगों को नौकरी मिली।

सर्वे के मुताबिक, कारोबारी साल 2010-11 में देश के जीडीपी की विकास दर 8.25% से 8.75% के बीच रहने की उम्मीद है। इसके अगले कारोबारी साल यानी कारोबारी साल 2011-12 में विकास दर 9% से ऊपर रहने की उम्मीद है। कारोबारी साल 2011-12 में 9 परसेंट सर्विस सेक्टर की विकास दर 9 परसेंट रहने की बात की गई है।

सर्वे में स्टिमुलस पैकेज को धीरे-धीरे खत्म किए जाने की वकालत की गई है। इसमें बढ़ती महंगाई दर पर चिंता जताई गई है और बढ़ती महंगाई दर की वजह सप्लाई की गड़बड़ी को बताते हुए इसे दुर किए जाने की भी बात सर्वे में है। खाने के सामान के दाम में बढ़ोतरी को लेकर खासी चिंता सर्वे में है। हेल्थकेयर सेक्टर में एफडीआई नियमों को आसान बनाने की हिमायत की है।

सर्वे में एक्साइज ड्यूटी में कटौती किए जाने की बात तो की ही गई है, साथ ही कहा गया है कि फ्यूल की मौजूदा कीमतों वाजिब नहीं हैं। मार्केट में सरकार का दखल घटाए जाने और टेलिकॉम सेक्टर के लिए टैक्स स्ट्रक्चर को दुरुस्त किए जाने की हिमायत भी सर्वे में है।

सर्वे में कहा गया है कि पब्लिक सेक्टर के बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ काफी ज्यादा है। मर्केंडाइज के लिए इंपोर्ट टैक्स घटाए जाने की बात भी सर्वे में है। इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढ़ावा दिए जाने की वकालत करते हुए सर्वे में कहा गया है कि इस सेक्टर के विकास की राह में आने वाली बाधाओं को फौरन दूर किया जाना चाहिए। सेविंग्स का इस्तेमाल इन्फ्रा सेक्टर के विकास के लिए किया जाना चाहिए।

पेंशन रिफॉर्म को टॉप प्रॉयोरिटी पर रखे जाने की बात भी सर्वे में जोर देकर कही गई है। सर्वे के मुताबिक, टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में गिरावट का रुख जारी रहेगा। शिपिंग सेक्टर के लिए टैक्स नियमों को आसान बनाने की बात भी इसमें है।

सर्वे में कृषि क्षेत्र की खराब हालत पर चिंता जताई गई है। फर्टिलाइजर की कीमतों को डीकंट्रोल किए जाने यानी उस पर से सरकारी नियंत्रण खत्म किए जाने की बात भी इसमें है।

आइए डालते हैं इकनॉमिक सर्वे 2009-10 के खास पहलुओं पर नजर:

फूड और फ्यूल की कीमतें फ्री हों

इकनॉमिक सर्वे में सरकार से गुजारिश की गई है कि वह फूड, फर्टिलाइजर, डीजल और केरोसीन की कीमतों से अपना नियंत्रण खत्म कर दे। यानी इन चीजों की कीमतों से सरकारी दखल खत्म कर दिया जाए और इनकी कीमतें बाजार पर छोड़ दी जाएं और बाजार इनकी कीमत खुद तय करे। फिलहाल सरकार इन चीजों पर सब्सिडी देती है। सर्वे में सब्सिडी के असर को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं।

सर्वे में कहा गया है कि यदि सरकार इन चीजों की कीमतों से अपना नियंत्रण हटा लेती है तो इसके जरिये उसे इकॉनमी की बड़ी गतिविधियों के लिए धन आएगा और गरीबी खत्म किए जाने में मदद मिलेगी। सर्वे के मुताबिक, बड़े पैमाने पर दी जा रही सब्सिडी की वजह से सरकार पर वित्तीय बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है और इससे इकॉनमी के विकास के लिए जरूरी काम नहीं हो पा रहे।

धीरे-धीरे खत्म हो स्टिमुलस

इकनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि देश की इकॉनमी एक बार फिर से 9 परसेंट की विकास दर की ओर लौट रही है और ऐसी स्थिति में सरकार को स्टिमुलस पैकेज को धीरे-धीरे खत्म कर देना चाहिए। गौरतलब है कि पिछले साल ग्लोबल मंदी के असर से बचने के लिए और देश की इकॉनमी को सहारा देने के लिए सरकार ने कई सेक्टर्स को स्टिमुलस पैकेज दिया था।

सर्वे में कहा गया है कि यदि सरकार स्टिमुलस पैकेज को वापस लेती है तो इससे उसे देश के राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। चालू कारोबारी साल (2009-10) में राजकोषीय घाटे के जीडीपी के 6.8 रहने का अनुमान है। सर्वे में कहा गया है - 'देश की इकॉनमी को ग्लोबल क्राइसिस की जद से बचाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का काफी पॉजिटिव असर देखने को मिला है। पर अब अच्छीखासी रिकवरी को देखते हुए उन स्टिमुलस पैकेज को धीरे-धीरे खत्म किए जाने का वक्त है, जो सरकार ने पिछले 15 से 18 महीनों के दौरान दिए हैं।'

अभी महंगे होंगे खाने के सामान

इकनॉमिक सर्वे में आशंका जाहिर की गई है कि आने वाले कुछ महीनों में खाने के सामान की कीमतें बढ़ेंगी। कमजोर फूड मैनेजमेंट पॉलिसी को डबल डिजिट फूड इन्फ्लेशन के लिए जिम्मेदार बताया गया है।

संसद में पेश इकनॉमिक सर्वे में कहा गया है - 'पिछले साल दिसंबर से खाने के सामान के दामों में तेज बढ़ोतरी के संकेत दिखने शुरू हुए और इसके कुछ और महीनों तक जारी रहने की आशंका है।'

सर्वे के मुताबिक, चीनी की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी इंपोर्टेड रॉ शुगर की मार्केट में रीलीज न किए जाने की वजह से आई है। हालांकि सर्वे में उम्मीद जताई गई है कि सरकारी की ओर से अपनाई गई नीतियों की वजह से खाने के सामान के दाम में गिरावट और स्थिरता देखने को मिलेगी।

दूसरी तिमाही में 5 लाख लोगों को मिली नौकरी

सर्वे के मुताबिक, चालू कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में भारत के जॉब मार्केट में अच्छीखासी रिकवरी देखने को मिली और इस दौरान करीब 5 लाख लोगों को नौकरी मिली, जबकि पिछले साल अप्रैल से जून के बीच करीब 1 लाख 31 हजार लोगों की नौकरी गई थी।

इकनॉमिक सर्वे में नौकरी से जुड़े ये आंकड़ें 11 राज्यों में टेक्सटाइल, लेदर, मेटल, ऑटोमोबाइल, जेम एंड जूलरी, ट्रांसपोर्ट, आईटी, बीपीओ और हेंडलूम एंड पावरलूम सेक्टर्स की 2873 यूनिटों से जुटाई गई जानकारियों के आधार पर तैयार किए गए हैं।

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने लोकसभा में सर्वे पेश करते हुए कहा कि लेदर को छोड़कर बाकी 7 सेक्टरों में नौकरी संख्या में जुलाई-सितंबर तिमाही में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मुखर्जी ने कहा कि दूसरी तिमाही में जिन लोगों को नौकरी मिली उनमें से 80 परसेंट को पे-रोल पर नौकरी मिली है।

लोकसभा में दिन भर चली बहस का जवाब देते हुए कृषि एवं खाद्य मंत्री पवार ने माना कि महंगाई से जनता पर असर पड़ रहा है। उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि सरकार महंगाई रोकने के हरसंभव उपाय कर रही है। पवार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। बीजेपी और लेफ्ट के अलावा एसपी, आरजेडी और बीएसपी जैसे सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे दल भी वॉकआउट कर गए। चर्चा के दौरान विपक्ष के निशाने पर रहे पवार ने कहा कि सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। चाहे उपभोक्ता कानून में सुधार कर राज्यों को ज्यादा अधिकार देने की बात हो या खाद्यान्न आवंटित करने का मामला हो, सरकार ने सभी कदम उठाए हैं। विपक्ष की मांग पर मुख्यमंत्रियों की बैठक भी बुलाई है।

उधर, विपक्ष ने सरकार पर घोटाला दर घोटाला करके महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाते हुए सारे मामले पर श्वेत पत्र लाने की मांग की। सरकार को समर्थन देने का दावा करने वाले एसपी, बीएसपी और आरजेडी ने महंगाई पर सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई।

लोकसभा में चर्चा की शुरुआत विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने की। सुषमा ने आरोप लगाया कि महंगाई बढ़ने का कारण गेहूं, चावल, दालों और चीनी के आयात-निर्यात घोटाले हैं। उन्होंने घोटालों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाने की मांग की। सुषमा ने सोनिया गांधी से कहा कि गठबंधन की नेता होने के कारण सरकार चलाने की जिम्मेदारी उनकी (सोनिया की) है, वह प्रधानमंत्री को महंगाई पर नियंत्रण के लिए सही कदम उठाने के निर्देश दें। सुषमा जब सरकार पर तीखे वार कर रहीं थी, तब सदन में बैठे पवार मुस्कुरा रहे थे। इस पर आक्रोशित सुषमा ने कहा- वह (पवार) मुस्कुरा रहे हैं। उनकी मुस्कराहट मत देखिए। सरकार की गलत नीतियों का फल भुगत रहे गरीबों की आंखों में आंसू देखिए।

कांग्रेस के संजय निरुपम ने जवाब देते हुए कहा कि सट्टा बाजार एनडीए ने शुरू किया था। महंगाई के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि जमाखोरों और कालाबाजारियों के खिलाफ कार्रवाई करना राज्यों का काम है। संजय की शिवसेना सदस्यों के साथ झड़पें भी हुईं।

मुखर्जी ने कहा कि थोक मंडियों से रिटेल में आते-आते फलों और सब्जियों के दाम दोगुने हो जाते हैं। दूसरी तरफ किसान को बढ़ी हुई कीमतों का लाभ नहीं मिल पाता। मुखर्जी ने माना कि कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून हमारा वादा है, उसे लाया जाएगा। खाद्य सुरक्षा के लिए मध्यम अवधि के और दीर्घकालिक उपायों वाली रणनीति बनाना होगी।

मुलायम और लालू यादव ने मिलकर यूपीए पर हमला बोला। आरजेडी चीफ ने कहा कि यूपीए का अहंकार उसे गर्त में ले जाएगा। आप अभिमानी हैं, आउट ऑफ कंट्रोल हैं। मुलायम ने कहा कि आजादी के बाद इतनी महंगाई कभी नहीं बढ़ी। उन्होंने सरकार पर पूंजीपतियों से सांठगांठ का आरोप लगाया।
 

अब सिंगूर में लगेगी रेलकोच फैक्ट्री


पश्चिम बंगाल के सिंगूर जिले के विवादास्पद स्थल पर अब रेलकोच फैक्टरी लगाने का प्रस्ताव है। राज्य सरकार के आग्रह पर रेलमंत्री
ममता बनर्जी ने यहां रेलकोच फैक्ट्री लगाने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन साथ ही यह शर्त रख दी है कि पहले उन किसानों की भूमि लौटानी होगी जो उसे सरकार को देने के इच्छुक नहीं हैं।

संसद में 2010-11 का रेल बजट पेश करते हुए ममता ने कहा कि मंत्रालय को पश्चिम बंगाल सरकार से सिंगूर में रेलकोच फैक्ट्री लगाने का आग्रह मिला था। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय ने राज्य सरकार को अपनी मंशा से अवगत करा दिया है। राज्य सरकार को विवादास्पद स्थल की 997.11 एकड़ भूमि में से करीब 400 एकड़ भूमि उन किसानों को लौटानी होगी जिन्होंने भूमि अधिग्रहण का विरोध किया था।

निजी क्षेत्र के टाटा ग्रुप ने सिंगूर जिले में अपनी बहुचर्चित लखटकिया कार नैनो के निर्माण के लिए 1500 करोड़ रुपये का कारखाना लगाने का प्रस्ताव किया था। राज्य सरकार ने इसके लिए भूमि भी अधिग्रहीत कर ली थी। लेकिन किसानों के भारी विरोध के चलते टाटा को अपना प्लांट यहां से हटाकर गुजरात ले जाना पड़ा। राज्य सरकार ने अब इसी स्थान पर रेल के डिब्बे बनाने का कारखाना लगाने का रेल मंत्री से आग्रह किया है, जिसे उन्होंने मान लिया है और कहा है कि अनिच्छुक किसानों की भूमि राज्य सरकार को लौटानी होगी।

दूसरी तिमाही में 5 लाख लोगों को मिली नौकरी: इकनॉमिक सर्वे

 

चालू कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में भारत के जॉब मार्केट में अच्छीखासी रिकवरी देखने को मिली और इस दौरान करीब 5 लाख लोगों को
नौकरी मिली, जबकि पिछले साल अप्रैल से जून के बीच करीब 1 लाख 31 हजार लोगों की नौकरी गई थी। चालू कारोबारी साल के लिए पेश किए गए इकनॉमिक सर्वे में ये बातें कही गई हैं।

इकनॉमिक सर्वे में नौकरी से जुड़े ये आंकड़ें 11 राज्यों में टेक्सटाइल, लेदर, मेटल, ऑटोमोबाइल, जेम एंड जूलरी, ट्रांसपोर्ट, आईटी, बीपीओ और हेंडलूम एंड पावरलूम सेक्टर्स की 2873 यूनिटों से जुटाई गई जानकारियों के आधार पर तैयार किए गए हैं।

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने लोकसभा में सर्वे पेश करते हुए कहा कि लेदर को छोड़कर बाकी 7 सेक्टरों में नौकरी संख्या में जुलाई-सितंबर तिमाही में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मुखर्जी ने कहा कि दूसरी तिमाही में जिन लोगों को नौकरी मिली उनमें से 80 परसेंट को पे-रोल पर नौकरी मिली है।

खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 17.58% पर आई
25 Feb 2010, 1435 hrs IST, भाषा
 
नई दिल्ली: दालों और सब्जियों की कीमतों में कमी के कारण 13 फरवरी को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति की दर घटकर 17.58 फीसद पर आ गई। पिछले
सप्ताह खाद्य मुद्रास्फीति की दर 17.97 प्रतिशत के स्तर पर रही थी।

समीक्षाधीन सप्ताह में दालों की कीमतों में एक प्रतिशत की कमी आई वहीं सब्जियां 5.7 फीसद तक सस्ती हुई।

सालाना आधार पर समीक्षाधीन सप्ताह में आलू की कीमतों में 30.40 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई, जो छह फरवरी को समाप्त सप्ताह में 57.67 फीसद थी। इसी प्रकार सालाना आधार पर प्याज की कीमतें 12.46 फीसद तक अधिक थीं। इससे पिछले सप्ताह साल दर साल आधार पर प्याज की कीमतें 29.92 फीसद अधिक थीं।

इसी प्रकार प्राथमिक वस्तु जिनमें कच्चे रूप में खाद्य और अखाद्य दोनों शामिल हैं, की मुद्रास्फीति की दर घटकर 15.84 फीसद पर आ गई, जो इससे पिछले सप्ताह 16.23 फीसद पर थी।

2010 में राहत पैकेज वापसी से इकॉनमी की रिकवरी को खतरा
12 Feb 2010, 1601 hrs IST, इकनॉमिक टाइम्स


दुनिया भर के बाजारों की तेजी से सुधरती सेहत को यूनान में उभरे हालिया घटनाक्रम से झटका लगा है। यूरो को बतौर मुद्रा उपयोग करने वाले इलाके के
एक सदस्य के कर्ज चुका पाने में नाकाम रहने की चेतावनी और उससे पहले दुबई में सरकारी इकाइयों की वजह से पैदा हुई हलचल इस बात का सबूत है कि गहरी मंदी से उबरने की राह प्राय: आसान नहीं होती है। भारी राजकोषीय घाटे और उसकी वजह से कर्ज बढ़ने के कारण कई देशों को राहत पैकेज वापस लेने पड़ सकते हैं। दूसरी ओर, राजकोषीय मोर्चे पर अचानक सख्ती दिखाने से अर्थव्यवस्था की सुधरती सेहत को झटका लग सकता है। नीति-निर्माताओं के साथ उन लोगों को भी अपनी भूमिका नए सिरे से तय करनी पड़ रही है जो धन के प्रबंधन से जुड़े हुए हैं।

डोएचे बैंक में ग्लोबल मार्केट्स डिवीजन के प्रमुख 47 वर्षीय अंशु जैन वैश्विक अर्थव्यवस्था में संकट और अवसरों के बारे में व्यापक दृष्टिकोण पेश करते हैं। लंदन से कामकाज संभालने वाले जैन बैंकिंग क्षेत्र में बहुत ज्यादा कायदे-कानून के हिमायती नहीं हैं। ईटी नाउ की सीनियर एडिटर शैली चोपड़ा के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत भले ही शेष विश्व से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसकी अपनी अलग विकास गाथा है जिसने इसे वैश्विक संकट के बीच विजेता के रूप में उभारा है। बातचीत के प्रमुख अंश:


विश्व अर्थव्यवस्था की सेहत सुधरने के बारे में आपकी क्या राय है?

वैश्विक कारोबार में सुधार और अधिकतर देशों के जीडीपी में बढ़ोतरी के साथ हम स्थायित्व के संकेत देख रहे हैं। हालांकि, भविष्य में चिंता के तीन कारण भी दिख रहे हैं- कई सरकारों का राजकोषीय राहत उपायों को वापस लेना, नियम-कानून संबंधी प्रस्तावित सुधार और सॉवरेन क्रेडिट का अपेक्षाकृत बड़ा जोखिम।

राजकोषीय राहत उपाय वापस लेने के क्या खतरे हो सकते हैं?

इस संबंध में ग्रेट डिप्रेशन और 1990 के दशक के जापानी बैंकिंग संकट से एक अहम सबक लेना चाहिए कि जब भी राहत उपाय बहुत जल्दी वापस लिए जाते हैं तो सुधरती अर्थव्यवस्था को झटका लगने की आशंका रहती है। हमारा मानना है कि नीति-निर्माताओं को यह बात मालूम है और वे सतर्कता से कदम उठाएंगे। हमारा अनुमान है कि 2011 में राहत उपायों को धीरे-धीरे वापस लेना शुरू किया जाएगा।

कई देशों के भारी राजकोषीय घाटे को देखते हुए क्या आपको लगता है कि सरकारों के कर्ज चुकाने में नाकाम (सॉवरेन डिफॉल्ट) रहने की आशंका है?

वित्तीय और आर्थिक तबाही से बचने के लिए तमाम देशों ने निजी क्षेत्र के कर्ज को सार्वजनिक क्षेत्र के कंधे पर रख दिया। इस कदम से एक बड़ा संकट तो टल गया, लेकिन इस कर्ज के भुगतान की लागत भी इसके साथ जुड़ी है। तमाम सरकारें खर्च घटाएंगी, तकरीबन सभी को कड़े फैसले करने होंगे। इसमें अहम बात यह है कि सभी देशों को एकसाथ न देखा जाए।

कंज्यूमर और इनवेस्टमेंट बैंकिंग को अलग करने के प्रयासों को आप किस तरह देखते हैं?

कंज्यूमर और इनवेस्टमेंट बैंकिंग के संयोजन से संकट पैदा नहीं हुआ था। हमारा मानना है कि बैंकिंग गतिविधियों को अलग-अलग करने से उपभोक्ताओं के लिए विकल्प सीमित हो जाएंगे और लागत भी बढ़ जाएगी। बैंकरों, नियामकों और नीति-निर्माताओं को संकट की वजहें ढूंढने और ऐसे समाधान निकालने पर जोर देना चाहिए जो संकट के दोबारा उभरने की आशंका कम से कम पैदा होने देते हों।

भारत के लिए 2010 में आप क्या संभावना देखते हैं?

हमें उम्मीद है कि वैश्विक कारोबार की हालत सुधरने और घरेलू मांग के दम पर 2010 में जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी और 2011 में 7.7 फीसदी रहेगी। लंबी अवधि में देखें तो भारत में आबादी का एक बड़ा हिस्सा कामकाजी आयु वर्ग में आएगा और देश को इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ तेज करने की जरूरत पड़ेगी। वित्तीय मोर्चे पर सरकार कॉरपोरेट डेट मार्केट का दायरा बढ़ाने को इच्छुक है जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रकम के इंतजाम में मदद मिलेगी।

यूनान जैसी स्थिति का हल क्या हो सकता है?

यूरोपीय संघ के लिए यूनान वाकई चुनौती बन गया है। अभी किसी को पता नहीं है कि हल क्या होगा, लेकिन यह संघ के भीतर से ही आएगा। अगर ऐसा नहीं हो सका तो इसकी चपेट में अन्य देश भी आ सकते हैं।

इस पूरे घटनाक्रम में बैंकिंग सेक्टर कहां है, खासतौर से उनके लिए बेलआउट पैकेज पर राजनीतिक विरोध को देखते हुए?

बैंकों के सामने एक अलग चुनौती है। पूरी सियासी आलोचना 2008 की चौथी तिमाही में बैंकों को मिली मदद पर है। पश्चिम में कोई भी अखबार उठाएं, सुर्खियां लालची बैंकरों की बात करती नजर आती हैं, लेकिन यहां भारत में ऐसा नहीं है। मुझे लगता है कि इस तथ्य पर कोई बहस ही नहीं है कि बैंक भी गलतियां करते हैं।

तो क्या बैंकर भी कभी-कभार लालची हो जाते हैं?

कभी-कभार तो सभी लालची हो सकते हैं, लेकिन बैंकरों के बारे में उभर रही आम धारणा गलत है। रिकवरी में बैंकरों को बड़ी भूमिका निभानी है।
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प्रणब और ममता के बीच जंग के लिए तैयार रहें

श्रीपति त्रिवेदी
डेटलाइन इंडिया
नई दिल्ली, 24 फरवरी- रेल बजट तो पेश हो गया और इसमें रेल मंत्री ममता बनर्जी ने जितनी परियोजनाओं के संकल्प पेश किए हैं उनमें से दो तिहाई के लिए ममता के भूतपूर्व गुरु और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी एक पैसा नहीं देने वाले। इसीलिए 26 फरवरी को जब आम बजट पेश होगा तो ममता बनर्जी के तेवर देखने लायक होंगे।
प्रणब मुखर्जी बजट को अंतिम रूप दे चुके हैं और अब कुछ उलझनों को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठ कर ठीक कर रहे हैं। उन्होंने पिछले वित्त मंत्री और वर्तमान गृहमंत्री पी चिदंबरम की सलाह भी ली है। ममता बनर्जी ने जो एक दर्जन रेल परियोजनाएं मांगी थी उनमें से दो मुलाकातो के बाद सिर्फ तीन मंजूर की गई है और इनमें से भी एक के लिए रेल मंत्रालय को अपनी जेब से पैसा खर्च करना होगा। वैसे प्रणब मुखर्जी का सारा जोर सरकारी खजाने यानी राजकोष यानी घाटे को कम करने पर है।
इन दिनों पूरे देश की निगाहें 26 फरवरी को वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले वर्ष 2010-11 के बजट पर लगी हुई हैं। यह बजट इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें वित्तमंत्री विनिवेश, विदेशी निवेश, करारोपण और सब्सिडी जैसे कई महत्वपूर्ण नीतिगत संकेत देते हुए दिखाई देंगे। आर्थिक सुधारों को गतिशील बनाने का संकेत भी बजट से उभरेगा।
निश्चित रूप से इस समय बढ़ता हुआ राजकोषीय घाटा देश की अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी चुनौती है। यह पूरी संभावना है कि वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी नए बजट में अपना अधिकांश ध्यान राजकोषीय घाटा कम करने पर केंद्रित करते हुए दिखाई देंगे।
जिस तरह प्रधानमंत्री मनममोहन सिंह और गृहमंत्री पी चिदंबरम ने वित्तमंत्री रहते हुए राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने की पुरजोर कोशिश से एक सुधारवादी वित्तमंत्री की छवि बनाई है, बतौर वित्तमंत्री वैसी ही सुधारवादी छवि बनाने का पूरा मौका इस बार प्रणब मुखर्जी के पास है।
वैश्वित आर्थिक मंदी के चलते चालू वित्त वर्ष में सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] का 6.8 फीसदी और राजस्व घाटा जीडीपी के मुकाबले पांच फीसदी तक बढ़ जाने का अनुमान है। करीब एक दशक तक एक अंक में रहने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों का कुल घाटा अब बढ़कर दो अंकों में पहुंच चुका है। राजकोषीय घाटा किसी देश को कितनी कठिनाइयों में पहुंचा सकता है, इसका अनुमान यूनान के परेशान प्रधानमंत्री जार्ज पापेंद्र के बार-बार दिए जा रहे इस वक्तव्य से लगाया जा सकता है कि उनके देश यूनान में मतदाताओं को ललचाने और राजनीतिक संरक्षण में धन बर्बाद करने के कारण वित्तीय व्यवस्था ठप्प हो गई है और वित्तीय प्रणाली में कानून के शासन की स्थिति ही समाप्त हो गई।
इतना ही नहीं राहत की योजनाओं में भ्रष्टाचार के कारण सरकार दयनीय वित्तीय स्थिति में पहुंच गई है। स्थिति यह है कि संकट का सामना करने में असमर्थ होकर पूरा यूनान राजकोषीय घाटे से मुक्त होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है।
विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट 'वैश्विक आर्थिक परिदृश्य' में कहा गया है कि भारत सहित अनेक दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए लगातार बढ़ता वित्तीय घाटा खतरे का रूप लेता जा रहा है।
इसमें कोई दो मत नहीं कि भ्रष्टाचार, कर चोरी, अनुचित सार्वजनिक खर्च को राजनीतिक संरक्षण और भारी सब्सिडी के प्रावधान के कारण देश का राजकोषीय घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत में प्रमुख रूप से उर्वरक सब्सिडी का आकार लगभग 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। तेल विपणन से जुड़ी सरकारी कंपनियों का घाटा करीब 30,000 करोड़ रुपये है। खाद्य सब्सिडी का आकार बढ़ता जा रहा है। संसद में दिसंबर 2009 में अनुदानों के लिए 25,725 करोड़ रुपये की पूरक मांग की गई है। राहत पैकेजों की वजह से कर संग्रह खासतौर से अप्रत्यक्ष करों के जरिए होने वाली सरकारी कमाई में कमी आ गई है।
अप्रैल 2009 से नवंबर 2009 के बीच अप्रत्यक्ष कर संग्रह 21 फीसदी घट गया है। पिछले वर्ष के बजट में थ्री-जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के जरिए 35,000 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में आने का प्रावधान था, लेकिन यह रकम अब तक सरकारी खजाने में जाती नहीं दिख रही है। सरकारी खर्च में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
ऐसी कई बजट सब्सिडी को खतरनाक स्तर तक बढ़ने दिया गया, जिनका कोई सामाजिक और आर्थिक प्रभाव नहीं दिख रहा है। बजट अनुमानों के मुकाबले बजट के संशोधित अनुमानों में वित्तीय घाटे में बढ़ोतरी प्रोत्साहन पैकेजके कारण ही नहीं हुई है, बल्कि यह विविध तरह की सब्सिडी, वेतन समीक्षा, कर्ज माफी, नरेगा के विस्तार के लिए वित्त पोषण आदि कारणों से चिंताजनक ऊंचाई पर पहुंची है।
ऐसे में जब राजकोषीय घाटा अनियंत्रित है और छलांगे लगाकर बढ़ रहा है, तब वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी दो दशक पहले के उस परिदृश्य को याद कर सकते हैं, जब मनमोहन सिंह ने 1991 में एक क्रांतिकारी बजट पेश किया था। यह बजट भयानक राजकोषीय घाटे, आसमान पर पहुंची महंगाई दर और विदेश व्यापार के मामले में दिवालिएपन की पृष्ठभूममि में प्रस्तुत किया गया था।
ऐसे ही परिप्रेक्ष्य में अब 2010-11 का बजट पेश करते समय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी को भी अपनी भूमिका बेहद अहम बनाना होगी। वित्तमंत्री को बजट में इस महत्वपूर्ण पहलू पर ध्यान देना होगा कि अब राजकोषीय घाटे के मामले में उपयुक्त कदम उठाने और इनकी चरणबध्द वापसी का समय आ गया है।
निस्संदेह अगर वित्तमंत्री इस वर्ष राजकोषीय घाटे को कम करने की डगर पर बढ़ने का मौका खो देते हैं तो उन्हें दूसरा ऐसा अच्छा मौका नहीं मिलेगा। चूंकि इस वर्ष केवल बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं और अन्य कई राज्यों में वर्ष 2011 में चुनाव होंगे, लिहाजा वित्तीय सुधार के परिप्रेक्ष्य में सख्त कदम उठाने के लिए वित्तमंत्री के पास इसी बजट में सबसे अच्छा मौका है। अब वित्तमंत्री को उनके द्वारा बार-बार दिए गए इस वक्तव्य पर दृढ़तापूर्वक कायम रहना होगा कि वर्ष 2010-11 में वह राजकोषीय घाटे को राष्ट्रीय आय के अनुपात के 5.5 फीसदी और राजस्व घाटे को जीडीपी के कम से कम 2.0 फीसदी नीचे ले जाएंगे।
निश्चित रूप से चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग साढ़े चार लाख करोड़ रुपये की उधारी के बाद वित्त मंत्रालय अपनी झोली भरने के लिए भरपूर प्रयास करते हुए दिखाई देगा। उद्योग-व्यापार के लिए बजट से राहत की उम्मीदें कम हैं। नौकरीपेशा वर्ग, वरिष्ठ नागारिक महिलाओं, छोटे उद्यमी आदि को बजट से कुछ राहत अपेक्षित है।
देश की अर्थव्यवस्था के नए आंकड़ों के आधार पर देखा जाए तो देश में सेवा क्षेत्र, निर्यात व्यापार और औद्योगिक उत्पादन क्षेत्र में स्थितियां सुधर गई हैं। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन [सीएसओ] द्वारा जारी किए गए नवीनतम अग्रिम अनुमानों के मुताबिक वर्ष 2009-10 में अर्थव्यवस्था 7।2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी। 
अर्थव्यवस्था की बढ़ती रफ्तार के ऐसे परिवेश में वित्तमंत्री को वर्ष 2008-09 में दिए गए वित्तीय राहत पैकेज के कुछ भाग को वापस लेना जरूरी होगा। चूंकि गुड एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी को लागू करना करीब एक साल के लिए आगे बढ़ गया है, अत: इस वर्ष उत्पाद कर में दो फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए सरकार के पास कर राजस्व बढ़ाने और सार्वजनिक क्षेत्र की हिस्सेदारी बेचने के अच्छे रास्ते मौजूद हैं।
वित्त मंत्रालय सूत्रों के अनुसार बिजली क्षेत्र के उपक्रम एनटीपीसी, रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन, सतलज जल विद्युत निगम और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम [एनएमडीसी] जैसे सार्वजनिक उपक्रमों में सरकारी आंशिक इक्विटी विनिवेश से सरकार को करीब 50,000 करोड़ रुपये की राशि मिलने की उम्मीद है। नए बजट में सर्विस टैक्स बढ़ाया जा सकता है। इसे बढ़ाकर एक वर्ष पूर्व के स्तर पर लाया जा सकता है।

यूरिया को छोड़ सभी उर्वरकों की सब्सिडी कम हो सकती है। शेयर बाजार के लिए बजट में उपहारों का ढेर नहीं होगा। यहां यह बढ़ते राजकोषीय घाटे के मद्देनजर संसद की वित्त संबंधी स्थाई समिति ने बार-बार अपने प्रतिवेदन में सरकार को सलाह दी है कि उसे बार-बार सब्सिडी और कर छूट देने से बचना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष [आईएमएफ] ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत और अधिक तेजी से विकास कर सकता है, लेकिन उसका राजकोषीय घाटा तर्कसंगत नहीं है। आईएमएफ ने भारत को सलाह दी है कि वह राजकोषीय घाटे पर अंकुश लगाए।
उसका कहना है कि इस समय भारत के लिए सुनहरा मौका है कि वह आर्थिक सुधारों को लागू करे और महसूस करे कि उसकी अर्थव्यवस्था में अकूत संभावनाएं हैं। हम आशा कर सकते हैं कि नए बजट में एक ओर वित्तमंत्री आम आदमी को राहत देने के प्रयास करते हुए दिखाई देंगे। वहीं दूसरी ओर प्रोत्साहन पैकेजों की वापसी की शुरुआत और अर्थव्यवस्था के लिए बोझ बन रही अनावश्यक रियायतों को नियंत्रित करके राजस्व और राजकोषीय घाटे में कमी करने के पुरजोर प्रयासों से अर्थव्यवस्था की तस्वीर को सुहावनी बनाने की डगर पर आगे बढ़ते हुए दिखाई देंगे।


 
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    देश के हर नागरिक पर 8500 रुपये विदेशी कर्ज

    हिन्दुस्तान दैनिक - ‎1 घंटा पहले‎
    वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा गुरुवार को लोकसभा में पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि भारत का विदेशी ऋण मार्च 2009 के अंत में 224.59 अरब अमेरिकी डालर था, जो मार्च 2008 के 224.41 अरब डालर के स्तर से कहीं अधिक है। इस आंकडे़ की अगर एक एक व्यक्ति के आधार पर गणना की जाए तो हर नागरिक पर करीब 8500 रुपये से अधिक का विदेशी कर्ज बैठता है। समीक्षा में कहा गया कि 2009—10 की पहली छमाही के दौरान कुल विदेशी ऋण 18.2 अरब अमेरिकी डालर बढ़कर 242.8 अरब अमेरिकी ...

    आर्थिक समीक्षा : अल्पसंख्यकों के विकास पर व्यय बढ़ा

    That's Hindi - ‎6 घंटे पहले‎
    अल्पसंख्यक वर्गो के लिए छात्रवृत्ति की तीन योजनाएं है। इन योजनाओं के लिए वर्ष 2008-09 में कुल 305 करोड़ रुपये का प्रावधान था जबकि 2009-10 में इसे बढ़ाकर 450 करोड़ रुपये कर दिया गया है। कौशल विकास, रोजगार, स्वच्छता, आवास, पेय जल के क्षेत्र में विकास की कमियों को दूर करने के लिए 2008-09 में अल्पसंख्यकों की बहुलता वाले 90 जिलों में एक बहु क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए वर्ष 2009-10 में 990 करोड़ रुपये का ...

    ठोस बुनियाद के लिए निवेश जरूरी

    Business standard Hindi - ‎13 मिनट पहले‎
    अर्थव्यवस्था में तेज रफ्तार से हो रही वृद्धि के मुताबिक ही बुनियादी ढांचे में निवेश की जरूरत है। संसद में पेश की गई 2009-10 की आर्थिक समीक्षा में यह कहा गया है कि बुनियादी ढांचे में निवेश करना बेहद जरूरी है ताकि वृद्धि की गति को बरकरार रखा जा सके। हालांकि आर्थिक समीक्षा में यह कहा गया है कि यह चुनौतीपूर्ण काम है। सर्वे में यह कहा गया है, 'देश में बुनियादी ढांचे की कमी को देखते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षमता और सेवाओं में बड़े ...

    आर्थिक समीक्षा : वर्ष 2011-12 में विकास दर 9 फीसदी रहेगी(मुख्य बिंदु)

    That's Hindi - ‎8 घंटे पहले‎
    चालू वित्त वर्ष में इसमें 7.2 फीसदी की दर से वृद्धि का अनुमान। - वर्ष 2011-12 में विकास दर के नौ फीसदी को पार करने की संभावना। - चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र में विकास की दर 8.9 फीसदी रहेगी, जो पिछले वर्ष में 3.2 फीसदी थी। - वर्ष 2009-10 में प्रति व्यक्ति आय में 6.5 फीसदी की वृद्धि, जो वर्ष 2008-09 में 3.7 फीसदी थी। - उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 15 जनवरी 2010 तक बैंक ऋण में 13.9 फीसदी की वृद्धि, जबकि गैर खाद्यान्न ऋण में 8.7 फीसदी की वृद्धि। ...

    खाद्यान्न, उर्वरक, डीजल के दाम नियंत्रण मुक्त हों

    Business standard Hindi - ‎3 मिनट पहले‎
    समीक्षा में कहा गया है कि इन क्षेत्रों को दी जा रही सब्सिडी के फायदों के बारे में भरोसे से कुछ नहीं कहा जा सकता। साथ ही कीमतों को नियंत्रण मुक्त किए जाने को महंगाई से जोड़े जाने का भी आर्थिक समीक्षा में विरोध किया गया है। जीडीपी में सब्सिडी की हिस्सेदारी को देखें तो 2003-04 में जहां इसकी हिस्सेदारी 1.6 प्रतिशत थी, 2008-09 में बढ़कर 2.2 प्रतिशत हो गई। वहीं 2009-10 में इसके लिए 1.7 प्रतिशत का बजट बनाया गया है। बड़ी सब्सिडी का करीब 92 प्रतिशत ...

    आर्थिक समीक्षा : सामाजिक क्षेत्र में बढ़ी केंद्र की मदद

    That's Hindi - ‎8 घंटे पहले‎
    केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास सहित सामाजिक सेवाओं पर वर्ष 2003-04 में कुल व्यय (आयोजना एवं आयोजना भिन्न) का 10.46 प्रतिशत व्यय किया था जबकि वर्ष 2009-10 में यह व्यय बढ़कर 19.46 प्रतिशत हो गया। एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम (आईआरडीपी) और सम्बद्ध कार्यक्रमों की पुर्नसरचना के बाद अप्रैल 1999 में केंद्र सरकार ने स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना शुरू की थी। दिसम्बर 2009 में केंद्र की मदद से 36.78 लाख स्व-सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप) गठित ...

    खुदरा ऋण पर रखें नजर और वापस लें राहत पैकेज

    Business standard Hindi - ‎30 मिनट पहले‎
    खुदरा क्षेत्र में कर्ज की रफ्तार वर्ष 2009-10 में अच्छी रही। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि ऋण वृद्धि में इन मापदंडों पर नजर रखना बेहद जरूरी है। हालांकि राहत पैकेज को धीरे-धीरे वापस लेने के उपायों पर गौर करना जरूरी है। समीक्षा में यह कहा गया है कि कृषि क्षेत्र की ऋ ण वृद्धि कमोबेश पिछले साल की तरह ही समान है। वहीं बड़े सेक्टर मसलन उद्योग, पर्सनल लोन और सेवाओं में ऋण वृद्धि धीमी रही है। खुदरा ऋणों की स्थिति बेहद खराब रही ...

    प्रणब दा का आर्थिक सर्वेः जारी रहेगी महंगाई

    IBNKhabar - ‎11 घंटे पहले‎
    सर्वे में कृषि क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने की पहल की गई है। कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए आसान दरों पर कर्ज मुहैया कराने की कोशिश की जाएगी। सर्वे में बताया गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में विकास ने फिर से रफ्तार पकड़ी है। 3-जी स्पेक्ट्रम ऑक्शन दो महीने में हो जाएगी। लोकसभा में आज पेश की गई वर्ष 2009-10 की आर्थिक समीक्षा के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं। -वर्ष 2010-11 में आर्थिक विकास दर 8.75 प्रतिशत रहने की संभावना। ...

    आर्थिक समीक्षा: विदेशी मुद्रा भंडार में 31.5 अरब डॉलर की वृद्धि

    देशबन्धु - ‎10 घंटे पहले‎
    नई दिल्ली। लोकसभा में पेश गुरुवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2009-10 में कहा गया कि अप्रैल -दिसंबर 2009 की अवधि में विदेशी मुद्रा भंडार में 31.5 अरब डॉलर की वृद्धि हुई। समीक्षा में कहा गया कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हुआ है। समीक्षा में कहा गया कि अमेरिकी डॉलर विनिमय दर एक जनवरी 2010 को 46.64 प्रति डॉलर रिकार्ड की गई जो मार्च 2009 के अंत में 50.95 प्रति डॉलर रिकार्ड की गई थी।

    इन परिणामों पर अद्यतित रहें:

    सस्ते अनाज की खोज में चल पड़े सरकारी दुकान की ओर

    Business standard Hindi - ‎17 मिनट पहले‎
    साथ ही बताया गया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में इजाफे के चलते चावल व गेहूं पर आर्थिक लागत पिछले पांच साल में बढ़ी है। समीक्षा के मुताबिक साल 2009-10 (बजट अनुमान) में चावल व गेहूं पर आर्थिक लागत क्रमश: 1504.39 रुपये प्रति क्विंटल और 1893.71 रुपये प्रति क्विंटल अनुमानित है। खाद्यान्न की आर्थिक लागत किसानों को दिए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (बोनस समेत), खरीद का काम और वितरण की लागत पर निर्भर करती है। भारतीय खाद्य निगम को खाद्यान्न ...

    आर्थिक समीक्षा: इंदिरा आवास योजना का लक्ष्य दोगुना

    That's Hindi - ‎8 घंटे पहले‎
    समीक्षा में कहा गया कि वर्ष 2005-06 से 2008-09 तक चार वर्षो की अवधि के दौरान पूरे देश में इंदिरा आवास योजना के तहत 60 लाख मकानों के निर्माण पर विचार किया गया था, जबकि इस लक्ष्य की तुलना में 71.76 लाख मकानों का निर्माण किया गया। समीक्षा में कहा गया कि पूर्व लक्ष्य को दोगुना करते हुए चालू वित्तीय वर्ष 2009-10 से लेकर अगले पांच वर्षो में 120 लाख मकानों के निर्माण करने का प्रस्ताव है।

    मंदी में देश में आये सिर्फ 50.7 लाख विदेशी पर्यटक

    हिन्दुस्तान दैनिक - ‎9 घंटे पहले‎
    वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा गुरुवार को लोकसभा में पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि पर्यटन मंत्रालय ने मंदी के प्रभाव को बेअसर करने के लिए संवर्धन की पहलों सहित कई प्रयास किये हैं। 2009-10 में अप्रैल-दिसंबर के दौरान कुल 37.2 लाख विदेशी पर्यटक भारत आये। समीक्षा में कहा गया कि विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए बडे़ स्तर की परियोजनाएं, मानव संसाधन विकास, आवासीय बुनियादी ढांचे में वृद्धि, घरेलू विदेशी बाजारों ...

    8.5 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान

    डी-डब्लू वर्ल्ड - ‎2 घंटे पहले‎
    घरेलू अर्थव्यवस्था में नई गति का संकेत देते हुए गुरुवार को पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि भारत चार वर्षों में दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा संसद में पेश की गयी 2009-10 की आर्थिक समीक्षा में चालू वित्तीय वर्ष में 7 से 7.5 प्रतिशत और अगले वित्तीय वर्ष में 8 से 8.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है.

    औद्योगिक विकास में तेजी की संभावनाः प्रणव

    हिन्दुस्तान दैनिक - ‎10 घंटे पहले‎
    सरकार ने कहा है कि वैश्विक मंदी और उसके प्रभावों के बावजूद सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में तेजी की बदौलत औद्योगिक विकास के तेज गति से बढ़ने की संभावना है। वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने गुरुवार को लोकसभा में वर्ष 2009-10 की आर्थिक समीक्षा पेश करते हुए कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में वर्ष 2007-08 में शुरू हुई मंदी का प्रभाव 2008-09 में और ज्यादा बढ़ गया लेकिन चालू वित्त वर्ष में यह स्थाई नहीं रह पाया। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार के आकार ...

    चार साल बाद सबसे आगे होगा भारत

    That's Hindi - ‎8 घंटे पहले‎
    महंगाई और राजकोषीय घाटे की स्थिति चिंताजनक होने के बावजूद अगले चार वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगी। आम बजट से पूर्व गुरुवार को लोकसभा में पेश 'आर्थिक समीक्षा 2009-10' में कहा गया है, "यह पूरी तरह संभव है कि देश की विकास दर दहाई अंक में पहुंच जाए। यहां तक की अगले चार वर्ष में इसके दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।" लोकसभा में वित्त मंत्री ...

    नक्सली क्षेत्रों में बिछेगा सडकों का जाल. ईएआई का गठन होगा

    देशबन्धु - ‎7 घंटे पहले‎
    सरकार की देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सडकों का जाल बिछाने, ग्रामीण क्षेत्रों को सडक मार्ग से जोडने तथा सडक मार्ग से लंबी दूरी के सफर को सुगम बनाने के लिए भारतीय एक्सप्रेस वे प्राधिकरण.ईएआई. के गठन की योजना है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा आज संसद में पेश 2009-10 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि सडक यातायात देश में तेजी से बढ रहा है जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार सडक नेटवर्क में राष्ट्रीय राजमार्गो. ...

    कर छूट में कमी के लिए रहें तैयार!

    दैनिक भास्कर - ‎१९-०२-२०१०‎
    इस वजह से राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2008-09 में बढ़कर जीडीपी के 6.2 फीसदी पर पहुंच गया था, जबकि वित्त वर्ष 2009-10 में इसके 6.8 फीसदी पर पहुंच जाने की आशंका है। गोविंद राव प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी.रंगराजन द्वारा आर्थिक समीक्षा पेश करने के बाद संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। रंगराजन ने बढ़ते राजकोषीय घाटे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि राजकोषीय अनुशासन के लिए जरूरी है कि सरकारी खर्चो में कटौती की जाए ...
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    अपडेट किया गया 11 मिनट पहले
    शीर्ष कहानियां

    भारत ने 24 आतंकियों की सूची सौंपी

    प्रभात खबर - ‎1 घंटा पहले‎
    नयी दिल्ली मुंबई हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के विदेश सचिवों के बीच हुई वार्ता में आतंकवाद प्रमुख एजेंडा रहा. भारत ने पाक से पूछा है कि 26/11 के मास्टरमाइंड हाफ़िज सईद को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है. मुंबई हमले के 14 महीनों बाद गुरुवार को हैदराबाद हाउस में हुई वार्ता में सईद व पाक अधिकृत कश्मीर के आतंकी जेयूडी सरगना अब्दुर रहमान मक्की के बारे में चर्चा की गयी. इसके अलावा, भारत ने 24 आतंकवादियों के नामों की सूची ...

    लखनऊ: भाजपा नेता राजनाथ सिंह लाठीचार्ज में घायल

    आज तक - ‎2 घंटे पहले‎
    राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी की मंहगाई विरोधी महारैली के बाद विधानसभा का घेराव करने के लिए कूच कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर संघर्ष हुआ जिसमें तीन दर्जन लोग घायल हो गए. घायलों में राजनाथ सिंह, मुख्तार अब्बास नकवी और पंकज भी शामिल हैं. आगे बढ़ने पर आमादा भाजपा कार्यकताओं को रोकने के लिए पहले से भारी संख्या में तैनात पुलिस और पीएसी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. ...

    महिला आरक्षण बिल को कैबिनेट की मंजूरी

    दैनिक भास्कर - ‎2 घंटे पहले‎
    नई दिल्ली. केंद्रीय कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को गुरुवार को मंजूरी दे दी। इसमें संसद तथा राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है। यह बिल संसद के मौजूदा सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने स्थाई समिति द्वारा लौटाए गए इस बिल पर चर्चा की। कैबिनेट ने इसके उसी रूप को मंजूर किया जिसमें वह उसके पास आया था। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि स्थाई ...

    ताज़ा समाचार

    नवभारत टाइम्स -
     ‎1 घंटा पहले‎ -
    दैनिक भास्कर -
     ‎8 घंटे पहले‎ -
    प्रभात खबर -
     ‎59 मिनट पहले‎ - In English
    नवभारत टाइम्स -
     ‎3 घंटे पहले‎ -
    खास खबर -
     ‎11 घंटे पहले‎ -
    वेबदुनिया हिंदी -
     ‎3 घंटे पहले‎ -
    खास खबर -
     ‎3 घंटे पहले‎ -
    वेबदुनिया हिंदी -
     ‎2 घंटे पहले‎ -

    14 महीनों में 153 भारतीय नस्लीय हमले का शिकार

    दैनिक भास्कर - ‎12 घंटे पहले‎
    नई दिल्ली। भारतीय विदेशमंत्री कृष्णा ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया में हमलों का ब्योरा संसद में किया पेश। एस एम कृष्णा ने कहा कि पिछले 14 महीनों में भारतीय मूल के 153 छात्रों और टैक्सी चालकों पर ऑस्ट्रेलिया में हमले हुए हैं। लोकसभा में बयान देते हुए विदेशमंत्री ने भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया की ऑस्ट्रेलियाई सरकार को भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। पिछले दिनों भारतीय ...

    फेसबुक पर न्यूड दिखने के बाद टीचर की मौत

    नवभारत टाइम्स - ‎3 घंटे पहले‎
    अबू धाबी में काम कर रही एक ब्रिटिश टीचर के पूर्व बॉयफ्रेंड ने उसकी न्यूड तस्वीरें सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर डाल दीं, जिसके बाद लड़की को मरा हुआ पाया गया। गुरुवार को लड़की के एक रिश्तेदार ने इस घटना का खुलासा किया। अखबार डेली एक्सप्रेस ने खबर दी है 24 साल की एम्मा जोंस को अबू धाबी में अपनी सुरक्षा को लेकर खतरा महसूस हो रहा था और वह ब्रिटेन लौटने की तैयारी कर रही थी। कहा जा रहा है कि लड़की ने क्लीनिंग फ्लूड पी लिया। ...

    दुबई हत्याकांड मामला: ऑस्ट्रेलिया ने इस्त्राएल को चेतावनी दी

    खास खबर - ‎13 घंटे पहले‎
    दुबई में हमास कमांडर महमूद अल मबहूह की 19 जनवरी को दुबई एक होटल में हत्या कर दी गई थी। इस सम्बन्ध में ऑस्ट्रेलिया ने इस्त्राइल को चेतावनी दी, हत्या के कुछ संदिग्धों ने ऑस्ट्रेलिया के फर्जी पासपोर्ट इस्तेमाल किया है, यह जांच में पता चला है। ऑस्ट्रेलियाई के प्रधानमंत्री केविन रड ने कहा कि अगर किसी देश की किसी एजेंसी ने हत्या के लिए ऑस्ट्रेलिया के फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल किया है, तो इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा। ...

    व्हेल ने महिला प्रशिक्षक को मार डाला

    वेबदुनिया हिंदी - ‎8 घंटे पहले‎
    ओरलैंडो स्थित सीवर्ल्ड की एक खूँखार व्हेल ने एक महिला ट्रेनर को अपने जबड़े में दबोच लिया और देखते-देखते उस महिला को मार डाला। इस दौरान वहाँ काफी संख्या में लोग मौजूद थे। यह इस तरह की तीसरी घटना है जिसमें किसी जानवर ने मानव की हत्या की है। इस घटना से घबराए हुए लोगों को स्टेडियम से तत्काल निकाला गया और पार्क को कल बंद कर दिया गया। ट्रेनर डान ब्रैनच्यू (40) पार्क की सबसे अनुभवी प्रशिक्षकों में से एक थीं। सीवर्ल्ड से जुड़े एक ...

    सिमी-इंडियन मुजाहिदीन ने ली पुणे धमाके की जिम्मेदारी

    खास खबर - ‎11 घंटे पहले‎
    पुणे। पुणे की जर्मन बेकरी रेस्टोरेंट में 13 फरवरी को हुए बम विस्फोट की जिम्मेदारी प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) और इंडियन मुजाहिदीन ने ली है। यह जानकारी पुणे के पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह ने बुधवार को दी। इस विस्फोट में 16 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हुए थे। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि उन्हें इससे संबंधित दो पत्र प्राप्त हुए हैं। यह पत्र संभवत: इन्हीं दोनों संगठनों से आए हैं, ...

    डॉ.राजौरा और डॉ.शर्मा सस्पेड

    खास खबर - ‎11 घंटे पहले‎
    भोपाल। राज्य सरकार ने आईएएस अधिकारी डॉ. राजेश राजौरा और संचालक स्वास्थ्य डॉ. अशोक शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में डॉ.राजौरा का मुख्यालय आयुक्त भू-अभिलेश एवं बदोंबस्त कार्यालय ग्वालियर रहेगा जबकि डा् शर्मा का मुख्यलय आयुक्त स्वास्थ्य कार्यालय भोपाल में रहेगा। इन अधिकारियो के आवास पर आयकर विभाग ने छापे मारे थे। आयकर विभाग ने राजौरा सहित अन्य लोगों के यहां मारे गए छापों के संदर्भ में सोमवार ...

    हुसैन की परेशानियों का कारण संघ परिवारः कांग्रेस

    देशबन्धु - ‎4 घंटे पहले‎
    नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रसिद्ध चित्रकार एम एफ हुसैन की परेशानियों के लिये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुडे संगठनों को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा है कि यदि वह भारत लौटना चाहें तो सरकार उनको पूरी सुरक्षा उपलब्ध करायेगी। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने श्री हुसैन को कतर की नागरिकता प्रदान करने की वहां की सरकार की पेशकश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये आज यहां कहा कि यदि श्री हुसैन भारत आना चाहते हैं तो उन्हें ...

    मलबे से निकला जिंदा आतंकी

    दैनिक भास्कर - ‎14 घंटे पहले‎
    श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के सोपोर में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ के बाद मलबे में दबे जिस आतंकी को मृत मान लिया गया था, उसने एक जवान की गोली मारकर हत्या कर दी। बाद में आतंकी को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सोपोर के चिंकिपोरा में सुरक्षा बलों की मंगलवार से जारी आतंकियों से मुठभेड़ में तीन मकान धराशायी हो गए थे। मलबे में से एक आतंकी का शव बरामद हुआ था। इस पर यह समझा गया कि मलबे में दबा एक अन्य आतंकी मारा ...

    महंगाई पर मुस्कराए पवार

    नवभारत टाइम्स - ‎1 घंटा पहले‎
    नई दिल्ली ।। कृषि मंत्री शरद पवार ने भी गुरुवार को दावा किया कि खराब समय बीत गया। चीनी, दाल और सब्जी जैसी रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के दाम अब घटने लगे हैं। संसद के दोनों सदनों में महंगाई पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बेकाबू होती महंगाई के लिए बिचौलियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार महंगाई पर काबू पाने के पूरे प्रयास कर रही है। बिचौलियों ने थोक और खुदरा के भावों में बहुत फर्क पैदा कर दिया है। ...

    चीन को चार साल में पछाड़ सकता है भारत

    वेबदुनिया हिंदी - ‎3 घंटे पहले‎
    आर्थिक समीक्षा में अर्थव्यवस्था की गुलाबी तस्वीर पेश करते हुए अगले चार साल में चीन को पछाड़कर भारत के सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित होने का सपना दिखाया गया है लेकिन इसमें घरेलू अर्थव्यवस्था पर राजकोषीय घाटे और महँगाई की काली छाया भी साफ दिखाई देती है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा गुरुवार को लोकसभा में पेश 2009-10 की समीक्षा में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था हाल की विश्व व्यापी मंदी के असर से ...

    भारत-पाक को सीधी वार्ता के लिए प्रात्साहित किया: अमेरिका

    खास खबर - ‎4 घंटे पहले‎
    वांशिगटन। अमेरिकी ने कहा है कि भार-पाकिस्तान के बीच सीघी वार्ता के लिए प्रोत्साहित किया। भारत-पाकिस्तान के विदेश सचिवों के बीच आज हुई बैठक से पहले विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने एक बैठक में कहा, भारत और पाकिस्तान का सम्मान करने के साथ हमने दोनों देशों को सीधी वार्ता के लिए प्रोत्साहित किया। हिलेरी ने कहा, तत्कालीन राष्ट्रपति मुर्शरफ और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच वार्ता फलदायक रही थी, खासकर कश्मीर मुद्दे पर।
    पाक को 3.2 अरब डॉलर : अमेरिका वेबदुनिया हिंदी

    पुलिस ने बंद कराई शाहिद कपूर की बर्थ-डे पार्टी

    दैनिक भास्कर - ‎8 घंटे पहले‎
    मुंबई। बांद्रा पुलिस ने रेट्रो पब में चल रही अभिनेता शाहिद कपूर की बर्थ-डे पार्टी को बुधवार की देर रात छापा मार कर बंद कराया। पुलिस ने रात 1.30 बजे के बाद भी पार्टी में आने वाले शाहिद के मेहमानों का मनोरंजन करने के आरोप में पब मालिक पर जुर्माना लगाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभिनेता शाहिद कपूर के बर्थ-डे पर रेट्रो पब में एक सरप्राइज पार्टी आयोजित की गई थी। इस पार्टी में अमृता राव, अर्चना पूरन सिंह, परमीत सेठी, ...

    कार्तिक कॉलिंग कार्तिक और तीन पत्ती के बीच मुकाबला कल

    खास खबर - ‎3 घंटे पहले‎
    मुंबई। बॉलीवुड की दो फिल्मों के बीच इस शुक्रवार को कडा मुकाबला है। इनमें से एक है लीना यादव निर्देशित और अमिताभ बच्चन तथा बेन किंग्सले अभिनीत फिल्म तीन पत्ती और दूसरी है विजय ललवानी की फरहान अख्तर और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म कार्तिक कॉलिंग कार्तिक। वैसे दोनों ही फिल्मों के निर्माताओं ने प्रचार के लिए कोई कसर नहीं छोडी है, जैसे फिल्म कार्तिक कॉलिंग कार्तिक के कलाकार प्रचार के लिए दुबई की यात्रा तक कर आए हैं तो उधर ...

    वॉर ऑफ गॉड्स में फ्रीडा पिंटो

    वेबदुनिया हिंदी - ‎9 घंटे पहले‎
    ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त 'स्लमडॉग मिलियनेयर' में एक्टिंग करने वाली फ्रीडा पिंटो को हॉलीवुड की एक और नई फिल्म मिली हैं। वे यूनानी पौराणिक कहानियों के योद्धा थीसियस पर आधारित फिल्म 'वॉर ऑफ गॉड्स' में बुद्धिमान पुजारिन फेड्रा का रोल अदा करेंगी। थीसियस का रोल हैनरी केविल करेंगे और फ्रीडा उनके साथी के रूप में दिखाई देंगी। फ्रीडा को हॉलीवुड में बेहद पसंद किया जा रहा है। 2009 में उन्हें सबसे खूबसूरत अभिनेत्री और स्टाइलिश ड्रेस्ड ...

    कोई भारतीय ही तोड़ेगा मेरा रिकॉर्ड : सचिन

    प्रभात खबर - ‎59 मिनट पहले‎
    ग्वालियर वन डे क्रिकेट में पहला दोहरा शतक बनानेवाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने उम्मीद जतायी है कि उनका रिकॉर्ड कोई भारतीय खिलाड़ी ही तोड़ेगा. सचिन ने संवाददाताओं से कहा, मेरा मानना है कि दुनिया में कोई भी रिकॉर्ड ऐसा नहीं है कि वह टूट नहीं सकता. मेरा मानना है कि मेरा भी रिकॉर्ड एक दिन जरूर टूटेगा. सचिन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ ग्वालियर के मैदान पर पहली बार वन डे क्रिकेट में दोहरा शतक बनाया. जब सचिन से यह पूछा गया कि ...

    रिकॉर्ड टूटने से सईद अनवर खुश

    वेबदुनिया हिंदी - ‎2 घंटे पहले‎
    पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर सईद अनवर ने सचिन तेंडुलकर के दोहरे शतक पर बधाई देते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि उनका रिकॉर्ड भारत के इस स्टार बल्लेबाज ने तोड़ा और उम्मीद जताई कि वह बढ़ती उम्र की समस्याओं को पीछे छोड़कर भविष्य में कई रिकॉर्ड अपने नाम करेंगे। अनवर ने कहा कि अगर तेंडुलकर की फॉर्म और फिटनेस बरकरार रहती है तो वह टेस्ट में भी तिहरा शतक जड़ सकते हैं। अनवर ने पाकिस्तान से दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे रिकॉर्ड ...

    वन डे रैंकिंग में टॉप-थ्री में पहुंचे सचिन

    प्रभात खबर - ‎59 मिनट पहले‎
    नयी दिल्ली मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर एकदिवसीय क्रिकेट का पहला दोहरा शतक लगाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) की वन डे रैंकिंग में तीन स्थानों की छलांग के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गये हैं. सचिन ने ग्वालियर में बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ दूसरे एकदिवसीय मैच में नाबाद 200 रनों की पारी खेली और वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गये. सचिन इससे पहले वन डे रैंकिंग में छठे नंबर पर ...

    हुसैन को मिली कतर की नागरिकता

    वेबदुनिया हिंदी - ‎41 मिनट पहले‎
    मशहूर पेंटर एमएफ हुसैन को कतर की नागरिकता मिल गई है, लेकिन इस पर उनके आलोचकों ने उनकी आलोचना के साथ एक बड़ी चर्चा शुरू कर दी जबकि सरकार ने उन्हें 'भारत का गौरव' कहा है। हुसैन पिछले चार साल से निर्वासित हैं। हिंदू देवियों की उनकी विवादास्पद पेंटिंग को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध अभियान के तेज होने के बाद उन्होंने अपना अधिकांश वक्त दुबई में बिताया है। हुसैन ने बताया है कि उन्हें कतर की नागरिकता मिली है। ...

    6।000 भारतीय दुनिया की जेलों में

    वेबदुनिया हिंदी - ‎4 घंटे पहले‎
    भारत सरकार का कहना है 6000 से ज्यादा भारतीय दुनिया की 71 अलग-अलग जेलों में बंद हैं। विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने लोकसभा में एक बयान में कहा है कि 6470 भारतीय दुनिया की जेलों में बंद हैं और इनमें से 6313 पुरुष और 157 महिलाएँ हैं। भारतीय कैदियों की सबसे ज्यादा संख्या, 1226, सऊदी अरब में है और 1092 कैदियों के साथ संयुक्त अरब अमीरात दूसरे नंबर पर आता है। पाकिस्तान की जेलों में 842 भारतीय बंद हैं और इनमें से ज्यादातर अवैध तरीके से ...

    क्या रेल बजट जैसी पटरी पर चलेगा आम बजट?

    दैनिक भास्कर - ‎13 घंटे पहले‎
    बजट से ठीक पहले बाजार की उम्मीदों और आशंकाओं का पेंडुलम बार-बार इधर से उधर झूलता रहता है। बजट को लेकर कभी कहा गया कि काफी उम्मीदें लगायी जा रही हैं और वित्त मंत्री इन उम्मीदों को पूरा करने की हालत में नहीं हैं। कभी कहा गया कि बाजार इस बजट से काफी कम उम्मीदें लगा रहा है और यह बात बजट के बाद की संभावनाओं के लिए अच्छी है। अब रेल बजट को देख कर बाजार में यह उम्मीद जगी है कि आम बजट में भी शायद उद्योगों का ख्याल रखा जाये और कम बोझ ...

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