Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Monday, June 25, 2012

‘जनता के दोस्त थे तरुण शेहरावत’

'जनता के दोस्त थे तरुण शेहरावत'



तरुण ने यहां पर अपने कैमरे से जो तस्वीरें खींची थीं, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि उनके दिल में उत्पीड़ित व शोषित जनता के लिए खास जगह है.

तरुण की मौत पर माओवादी पार्टी का बयान

tarunsherawatदेश की प्रतिष्ठित पत्रिका 'तहलका' के युवा फोटो-पत्रकार तरुण शेहरावत की दुखद मौत पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी गहरा शोक प्रकट करती है. मार्च 2012 में जब तीन हजार अर्धसैनिक व पुलिस बलों ने माड़ इलाके में घुसकर 'आपरेशन हाका' और 'आपरेशन विजय' के नाम से एक बहुत भारी दमन अभियान चलाया था, जिसमें जनता को भारी हिंसा और आतंक का शिकार बनाया गया था, उस समय 'तहलका' की ओर से सचाई को जानने और उसे उजागर करने के बुलंद इरादों के साथ तुषा मित्तल और तरुण शेहरावत माड़ क्षेत्र में आए थे. इस दूरस्थ इलाके में पहुंचने के लिए इन दोनों को कई दिक्कतों और मुश्किलों का सामना करना पड़ा. काफी जोखिम उठाया था इन दोनों ने. जनता के हितों के प्रति प्रतिबद्धता ने ही इन दोनों को राजधानी दिल्ली से देश के अत्यंत पिछड़े इलाकों में से एक माने जाने वाले माड़ में ले आया था. अतः माड़ क्षेत्र की जनता और उनकी क्रांतिकारी जनताना सरकार ने इन दोनों का तहेदिल से स्वागत किया था और सरकारी हिंसा का शिकार गांवों में उन्हें ले जाकर पीड़ितों से मिलवाया भी था. इस क्षेत्र की जनता ने इन दोनों को अपना दोस्त माना. तरुण ने यहां पर अपने कैमरे से जो तस्वीरें खींची थीं, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि उनके दिल में उत्पीड़ित व शोषित जनता के लिए खास जगह है.


यह सुनकर कि यहां से वापस जाने के बाद ये दोनों नौजवान पत्रकार बीमार पड़े थे और आखिरकार तरुण की दुखद मृत्यु हो चुकी है, हमारा संगठन और यहां की समूची जनता, खासकर माड़ इलाके की जनता बेहद दुखी हैं. हो सकता है तुषा और तरुण हमारी पार्टी की विचारधारा और कार्य-पद्धति से सहमत नहीं हों, लेकिन इन दोनों ने जनता पर जारी सरकार के अन्यायपूर्ण युद्ध के सम्बन्ध में जमीनी स्तर से सचाइयों को जुटाने के लिए जिस ढंग से कठोर परिश्रम, साहस और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया, वह प्रशंसनीय व प्रेरणास्पद है. हम इस दुखद अनुभव को एक कड़वे सबक के तौर पर लेते हैं और आने वाले दिनों में हमारे क्षेत्रों में दौरे पर आने वाले तमाम लोगों की ठीक से देखभाल करने और उन्हें आवश्यक सावधानियों से अवगत करवाने की हम पूरी कोशिश करेंगे. हमारी स्पेशल जोनल कमेटी दण्डकारण्य की समूची शोषित जनता की ओर से तरुण शेहरावत के शोक संतप्त परिवार, दोस्तों और समूचे 'तहलका' परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती है. हम आशा करते हैं कि तुषा मित्तल की तबियत जल्द ठीक हो जाए.


(गुड्सा उसेण्डी)
प्रवक्ता,
दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी)

No comments:

Post a Comment