Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Thursday, June 28, 2012

भारत में ज्यादातर राजनीतिक दल ‘‘सामंती’’ बन गए हैं: त्रिवेदी

भारत में ज्यादातर राजनीतिक दल ''सामंती'' बन गए हैं: त्रिवेदी

Thursday, 28 June 2012 14:52

वॉशिंगटन, 28 जून (एजेंसी) उन्होंने कहा ''.... धीरे धीरे पिछले कुछ बरसों में एक बहुत ही खतरनाक चलन चला है जिसमें ज्यादातर राजनीतिक दल जागीर बन गए।

रेल बजट में यात्री किराया बढ़ाने के प्रस्ताव के कारण तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के कहने पर रेल मंत्री के पद से हटाए गए उनके दल के सांसद दिनेश त्रिवेदी ने आज कहा कि भारत में ज्यादातर राजनीतिक दल, खास कर क्षेत्रीय दल ''सामंती'' बन गए हैं और मनमाने फैसले करते हैं।
एक संसदीय दल के सदस्य की हैसियत से यहां आए त्रिवेदी ने प्रेस ट्रस्ट से हालांकि यह भी कहा ''चमचागिरी या चापलूसी से किसी भी नेता को फायदा नहीं हो रहा है।''
उन्होंने कहा ''.... धीरे धीरे पिछले कुछ बरसों में एक बहुत ही खतरनाक चलन चला है जिसमें ज्यादातर राजनीतिक दल जागीर बन गए। यहां आंतरिक लोकतंत्र नहीं है, मुद्दों पर न तो बहस की जाती है और न ही चर्चा की जाती है।''
त्रिवेदी ने कहा ''मैं किसी एक राजनीतिक दल की बात नहीं कर रहा हूं, मैं एक सामान्य बात कह रहा हूं कि पार्टी का प्रमुख जो भी कहे, उस पर कभी कोई चर्चा नहीं की जाती।''
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पार्टी के सदस्यों को डर बना रहता है कि अगर वह नेता या प्रमुख के फैसलों के खिलाफ कुछ भी कहेंगे तो अगली बार उन्हें चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा।

तृणमूल नेता ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा जैसे राष्ट्रीय दलों को छोड़ दें तो राजनीतिक दलों में एक ही व्यक्ति फैसले करता है और सामूहिक निर्णय की कोई गुंजाइश नहीं है।
त्रिवेदी ने कहा ''जहां तक देश का सवाल है तो यह अजीब लगता है। अमेरिका में लोग मुझसे पूछते हैं कि जिसने :रेल: बजट पेश किया है तो क्या वह आपका निजी बजट है, पार्टी का बजट है या संघीय बजट है। जब हर कोई बजट की तारीफ कर रहा है तो किसी को बीच में ही कैसे हटाया जा सकता है।''
उन्होंने कहा ''इसलिए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। मेरी राय में इससे भारतीय संसदीय लोकतंत्र पर भी सवाल उठ गए हैं।''
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कामकाज के बारे में त्रिवेदी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सराहना करते हैं कि इस स्थिति में आने के लिए उन्होंने तीन दशक से लंबी लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा ''लेकिन विपक्ष में होना और सरकार में होना अलग अलग बात है। जब आप सरकार में होते हैं तो लोग आपकी ओर उम्मीद भरी नजर से देखते हैं और आपके पास अधिकार होते हैं। मेरी राय में आज बंगाल को ताजा हवा की जरूरत है।''

No comments:

Post a Comment