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From: Hindi Water portal <hindi@lists.indiawaterportal.org>
Date: 2010/3/23
Subject: [Hindi IWP] आमंत्रण - पंजाब में जल प्रदूषक यूरेनियम, आर्सेनिक, फ़्लोराइड, नाइट्रेट आदि के खतरे पर कार्यशाला
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Subject: [Hindi IWP] आमंत्रण - पंजाब में जल प्रदूषक यूरेनियम, आर्सेनिक, फ़्लोराइड, नाइट्रेट आदि के खतरे पर कार्यशाला
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पंजाब में जल प्रदूषक यूरेनियम, आर्सेनिक, फ़्लोराइड, नाइट्रेट आदि के खतरे पर कार्यशाला
पंजाब के दक्षिण-पश्चिम मालवा इलाके में मानव स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरों के मूल्यांकन सम्बन्धी सेमिनार (30-31 मार्च 2010, सर्किट हाउस, भटिण्डा)
पंजाब इस समय एक बेहद गम्भीर पर्यावरणीय खतरे और सामूहिक (सार्वजनिक) स्वास्थ्य पर संकट का सामना कर रहा है और जीवन दाँव पर लगे हैं। जल प्रदूषक यूरेनियम, आर्सेनिक, फ़्लोराइड, नाइट्रेट आदि का यह खतरा हालांकि समूचे पंजाब पर मंडरा रहा है लेकिन पंजाब का "मालवा क्षेत्र" इससे अधिक प्रभावित होने वाला है क्योंकि इसका क्षेत्रफ़ल भी बड़ा है और इलाके में जनसंख्या भी अधिक है।
विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों द्वारा इस सम्बन्ध में समय-समय पर कई अध्ययन किये गये हैं, ताकि स्वास्थ्य के गम्भीर खतरे के कारणों को समझा जा सके, और इन अध्ययनों में इस खतरे की पुष्टि भी हुई है।
उदाहरण के लिये पूर्व में किये गये अध्ययनों के अनुसार मालवा इलाके में खेती के लिये कीटनाशकों, उर्वरकों तथा एग्रोकेमिकल्स के अंधाधुंध उपयोग के कारण मानव जीवन पर कैंसर के खतरे की पुष्टि हुई थी, और अब इन्हीं संकेतों के मद्देनज़र किये गये अध्ययन से पता चला है कि पंजाब के मालवा इलाके के पानी, मिट्टी और अन्न-सब्जियों में यूरेनियम तथा रेडॉन के तत्व पाये गये हैं। कुछ अध्ययनों के अनुसार आर्सेनिक, फ़्लोराइड और नाईट्रेट की उपस्थिति भी दर्ज की गई है, जिसकी वजह से हालत बद से बदतर होती जा रही है।
Read More पृष्ठभूमि
पंजाब इस समय एक बेहद गम्भीर पर्यावरणीय खतरे और सामूहिक (सार्वजनिक) स्वास्थ्य पर संकट का सामना कर रहा है और जीवन दाँव पर लगे हैं। जल प्रदूषक यूरेनियम, आर्सेनिक, फ़्लोराइड, नाइट्रेट आदि का यह खतरा हालांकि समूचे पंजाब पर मंडरा रहा है लेकिन पंजाब का "मालवा क्षेत्र" इससे अधिक प्रभावित होने वाला है क्योंकि इसका क्षेत्रफ़ल भी बड़ा है और इलाके में जनसंख्या भी अधिक है।
विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों द्वारा इस सम्बन्ध में समय-समय पर कई अध्ययन किये गये हैं, ताकि स्वास्थ्य के गम्भीर खतरे के कारणों को समझा जा सके, और इन अध्ययनों में इस खतरे की पुष्टि भी हुई है।
उदाहरण के लिये पूर्व में किये गये अध्ययनों के अनुसार मालवा इलाके में खेती के लिये कीटनाशकों, उर्वरकों तथा एग्रोकेमिकल्स के अंधाधुंध उपयोग के कारण मानव जीवन पर कैंसर के खतरे की पुष्टि हुई थी, और अब इन्हीं संकेतों के मद्देनज़र किये गये अध्ययन से पता चला है कि पंजाब के मालवा इलाके के पानी, मिट्टी और अन्न-सब्जियों में यूरेनियम तथा रेडॉन के तत्व पाये गये हैं। कुछ अध्ययनों के अनुसार आर्सेनिक, फ़्लोराइड और नाईट्रेट की उपस्थिति भी दर्ज की गई है, जिसकी वजह से हालत बद से बदतर होती जा रही है।
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Palash Biswas
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