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Sunday, July 17, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/17
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


स्कूल दाखिलों में नहीं बढ़ेगा सांसदों का कोटा

Posted: 16 Jul 2011 11:29 AM PDT

स्कूलों में दाखिलों की दिक्कत से जूझ रहे माता-पिता को उनके सांसद भी ज्यादा राहत नहीं दिला पाएंगे। कानून मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उस प्रस्ताव को हरी झंडी देने से इंकार कर दिया है जिसमें केंद्रीय विद्यालयों के दाखिलों में सांसदों का कोटा दो से बढ़ाकर पांच करने की बात कही गई थी। सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की पहल पर उनके मंत्रालय ने केंद्रीय विद्यालयों के दाखिले में सांसदों के कोटे को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। मंत्रालय ने कानूनी बाध्यताओं के तहत प्रस्ताव पर कानून मंत्रालय की मंजूरी मांगी थी। बताते हैं कि कानून मंत्रालय ने सुप्रीमकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए विवेकाधीन कोटे के मामले को जन नीति के दायरे में आने की बात कही है। साथ ही विवेकाधीन कोटे के मनमाने उपयोग की गुंजाइश से बचने की भी पैरवी की। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोटे को बढ़ाने के पीछे केंद्रीय विद्यालयों की संख्या 871 से बढ़कर 1085 हो जाने का तर्क दिया था। कानून मंत्रालय ने उसे यह कहकर खारिज कर दिया है कि जिस लिहाज से सांसदों के कोटे की सीटें बढ़ाने की मांग की गई है, उस हिसाब से केंद्रीय विद्यालयों की संख्या नहीं बढ़ी है। वैसे भी यह मामला कानूनी नहीं, बल्कि प्रशासनिक प्रकृति का है। लिहाजा मंत्रालय को इस बारे में अपने स्तर पर ही फैसला लेना चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कहना था कि मानव संसाधन विकास मंत्री के कोटे की हर साल 1200 सीटों पर दाखिले का प्रावधान 2010 से ही खत्म किया जा चुका है। सांसदों के कोटे को दो से पांच करने पर हर शैक्षिक सत्र में सिर्फ 2400 अतिरिक्त दाखिले ही करने होंगे। सांसद अपने कोटे के हर साल पांच दाखिलों में से तीन को अपने संसदीय क्षेत्र में और दो को अपने क्षेत्र के ही लोगों के बच्चों के लिए दिल्ली में उपयोग कर सकेंगे। राज्यसभा सांसद अपने प्रदेश व दिल्ली में अपने कोटे का इस्तेमाल कर सकते थे। दूसरी बात यह कि इससे शिक्षा का अधिकार कानून के तहत वर्ग विशेष के लिए 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर भी कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। जिन सांसदों के क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय नहीं हैं, वे अपने बगल के संसदीय क्षेत्र में कोटे का इस्तेमाल कर सकते थे(दैनिक जागरण,दिल्ली,16.7.11)।

झारखंड में नियम बदल कर पास किए गए इंटर के 16 हजार छात्र

Posted: 16 Jul 2011 11:27 AM PDT

झारखंड सरकार ने राज्य शैक्षणिक परिषद (जैक) की नियमावली में बदलाव कर इंटर की परीक्षा में फेल 16,342 छात्रों को विशेष अनुग्रह अंक (ग्रेस मा‌र्क्स) देकर पास कर दिया। नयी व्यवस्था से एक विषय में फेल करने वाले छात्रों को 10 और दो विषय में फेल छात्रों को छह-छह फीसदी विशेष ग्रेस का लाभ मिला। राज्य सरकार ने 11 जुलाई को झारखंड एकेडमिक काउंसिल को नई नियमावली के तहत रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया था। इंटर परीक्षा में 2,93,842 छात्रों में 1,24,292 उत्तीर्ण हुए थे। शुक्रवार जारी रिजल्ट के बाद पास होने वाले छात्रों की संख्या बढ़कर 1,40,634 हो गई। इससे परीक्षा परिणाम में पांच फीसदी का इजाफा हुआ। अब इंटर परीक्षा में छात्रों की सफलता का प्रतिशत 42.3 से बढ़कर 47.86 फीसदी हो गया। नए परीक्षा परिणाम मेंइंटर कला के 7868, साइंस के 4763 और कॉमर्स के 3711 छात्र शामिल हैं। गौरतलब है कि इंटर में खराब रिजल्ट के बाद छात्रों ने काफी हंगामा किया था। कई छात्र ऐसे थे जो किसी प्रतियोगिता परीक्षा में तो पास थे लेकिन इंटर की परीक्षा में फेल। हंगामे के बाद सरकार ने विशेष ग्रेस देने का निर्णय लिया था(दैनिक जागरण,रांची,16.7.11)।

सीटीसी नहीं है कर्मचारी के मूल्यांकन का सही तरीका

Posted: 16 Jul 2011 11:25 AM PDT

आजकल कंपनियों द्वारा कर्मचारियों की भर्ती सीटीसी (कंपनी के लिए लागत) के आधार पर करने का चलन बढ़ रहा है। भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद के सहायक प्रोफेसर टीवी राव का मानना है कि सीटीसी किसी भी कर्मचारी के मूल्यांकन का सही तरीका नहीं है। एक तरह से यह प्रतिभा के प्रति अन्याय है। अपनी नई पुस्तक 'हरकोनोमिक्स फॉर टैलंट मैनेजमेंट' में राव ने लिखा है, 'सीटीसी एक व्यक्ति का मूल्य बताता है। एक तरह से यह किसी प्रतिभा के मूल्यांकन का उचित तरीका नहीं है। हम किसी संगठन में जितने ऊंचे पद पर होंगे, हमारे समय का मूल्य उतना ही अधिक होगा।'

राव ने लिखा है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक सेवा संगठनों में किसी की प्रतिभा का आकलन सीटीसी से करना उसके प्रति घोर अन्याय है। 'चिकित्सकों, नसरें, शिक्षकों, कृषि और पर्यावरण क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों का मूल्यांकन वित्तीय तरीके से नहीं किया जा सकता। उनका मूल्यांकन बौद्धिक पूंजी योगदान के आधार पर किया जाना चाहिए।' इस किताब को पियरसन ने प्रकाशित किया है। लेखक का कहना है कि मानव संसाधन को किसी भी दर मापा नहीं जा सकता। राव ने कहा कि मेरा मानना है कि लोगों का मूल्यांकन वित्तीय आधार पर नहीं होना चाहिए। राव ने लिखा है, 'कुछ साल पहले मैंने 'ह्यूनिट' की अवधारणा का विकास किया था। यह किसी व्यक्ति के मानव संसाधन को मापने का तरीका है। ह्यूनिट की गणना एक घंटे के आधार पर की जाती है। इसमें यह देखा जाता है कि वह व्यक्ति एक घंटे में संगठन, परिवार या समाज को क्या दे रहा है। इसकी इकाई व्यक्ति दर व्यक्ति अलग-अलग होती है। 'हरकोनोमिक' एक तरह से आर्थिक और वित्तीय आधार पर किसी व्यक्ति, प्रक्रि या या कार्यक्र म की गणना का तरीका है। इस पुस्तक में एचआर के अर्थशास्त्र के बारे में बताया गया है और साथ ही इसमें मानव संसाधन गतिविधियों का विश्लेषण करने का भी प्रयास किया गया है। पुस्तक में बताया गया है कि किसी व्यक्ति के मूल्यांकन के लिए समय की लागत (सीओटी) को आधार बनाया जाना चाहिए। ऐसे समय जब रिश्ते, भरोसा और प्रतिबद्धता को मुनाफे, पेशेवराना अंदाज, लचीलापन, रणनीति और तेजी के आगे भुलाया जा रहा है, हरकोनोक्सि इस नए रुख में कुछ सकारात्मक ढूंढ़ने का प्रयास है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,16.7.11)।

जॉब बदलें तो सैलरी अकाउंट बंद कराएं

Posted: 16 Jul 2011 11:18 AM PDT

यदि आप नौकरी बदल रहे हैं तो अपना सैलरी अकाउंट जरूर बंद करा दें। थोड़ी सी लापरवाही के कारण आपके खाते में जमा रकम डूब सकती है। बाद में आप खाते की जानकारी करने जाएं तो हो सकता है कि बैंक आपको कर्जदार साबित कर दे। जीरो बैलेंस के नए फंडे से बैंक हर साल करोड़ों रुपए के वारेन् यारे कर रहे हैं। गुड़गांव स्थित एक कंपनी में काम करने वाले अजय को कुछ ऐसे ही हालातों का सामना करना पड़ा। अजय का यहां एक निजी बैंक में सेलरी अकाउंट था। करीब दो साल पहले वह नौकरी बदल कर बेंगलुरू चले गए। तब उनके खाते में पांच हजार रुपए जमा थे। कार्य की व्यस्तता में वह इस खाते के बारे में भूल गए। फिर से गुड़गांव आने पर उन्होंने बैंक में आकर संपर्क किया तो उन पर 1800 रुपए बकाया निकाल दिया गया। बैंक अधिकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि यह राशि जमा कराने के बाद ही आपका खाता चालू होगा। यह तो महज एक बानगी है। अजय जैसे बहुत सारे लोगों को आए दिन ऐसे ही हालातों से दो-चार होना पड़ता है। दरअसल कारोबार बढ़ाने की प्रतिस्पर्धा में लगभग सभी बैंक कंपनियों में जाकर अपने यहां सैलरी अकाउंट खुलवाने की पेशकश करते हैं। इस मामले में निजी क्षेत्र के बैंक काफी आगे हैं। यह खाता जीरो बैलेंस पर खोला जाता है। बैंकों के कारिंदे दूसरे बैंकों में चल रहे वेतन खातों को भी अपने यहां जोड़ने में कामयाब हो जाते हैं। ऐसे में बहुत सारे कर्मचारी अपने पहले वाले खाते को बंद नहीं कराते। ऐसे लोगों की रकम डूब जाती है। कॉल सेंटर और कम सेलरी वाले लोग ऐसी घटनाओं के ज्यादा शिकार होते हैं। बैंकिंग नियमों के अनुसार जिस खाते में हर माह वेतन जाता है, वही खाता 'सेलरी अकाउंट' माना जाता है। सैलरी ट्रांसफर न होने पर यह बचत खाते की श्रेणी में आ जाता है। महंगाई के दौर जाहिर तौर बड़ी तादाद में कर्मचारियों के खाते में 10 हजार रुपए से कम ही नकदी होती है। बैंक ग्राहक की इसी मजबूरी का फायदा उठाते हैं। निजी क्षेत्र के लगभग सभी बैंकों में बचत खाते में न्यूनतम 10 हजार रुपए जमा होने का नियम है। इससे कम राशि होने पर बैंक प्रति तिमाही 750 रुपए जुर्माना वसूलते हैं। सर्विस टैक्स जोड़कर यह राशि 850 रुपए से ज्यादा हो जाती है। इस एवज में बैंक एक साल में करीब 3500 रुपए की कटौती कर लेते हैं। इस हिसाब से ग्राहक की दो-ढाई साल में 10 हजार रुपए तक की जमा पूंजी पूरी तरह से डूब जाती है। इस तरह की कटौती सरकारी बैंक भी करते हैं लेकिन उनके जुर्माने की राशि प्रति तिमाही 100 से 200 रुपए के बीच होती है। बैंकों को सिर्फ इतन से ही संतुष्टि नहीं मिलती। जमा शून्य होने पर भी ऐसे ग्राहकों पर जुर्माना लगता रहता है। बैंक इस राशि को बकाए के रूप में दर्शाते रहते हैं। इस स्थिति में यदि आपको यह खाता चालू कराना है तो बकाया राशि जमा करानी ही होगी। एक निजी बैंक के शीर्ष अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि बैंकों की कमाई का यह एक अच्छा जरिया बन गया है जिसमें हर साल अच्छा-खासा इजाफा हो रहा है। गैर जरूरी सेलरी अकाउंट बंद न कराने वाले लोगों को भविष्य में और बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल बैंक जीरो बैलेंस होने पर कुछ माह बाद खाता बंद कर देते हैं। भविष्य में यह जुर्माने की राशि लंबे समय तक जोड़ी जा सकती है जो लोग इसे जमा नहीं कराएंगे बैंक उन्हें डिफाल्टर घोषित कर सकते हैं(देवेन्द्र शर्मा,राष्ट्रीय सहारा,16.7.11)।

डीयूःओबीसी छात्रों के लिए कई कॉलेजों में चांस

Posted: 16 Jul 2011 11:16 AM PDT

डीयू की छठी कटऑफ लिस्ट में ओबीसी छात्रों के लिए लेडी इरविन कॉलेज, पीजीडीएवी, दौलतराम व सत्यवती समेत अन्य कॉलेजों में दाखिले के मौके हैं। लेडी इरविन कॉलेज में बीएससी होम साइंस (ऑनर्स) में 55, पीजीडीएवी में बीकॉम में 73.5, बीकॉम (ऑनर्स) में 77.75, इंग्लिश (ऑनर्स) में 77, अर्थशास्त्र में 77, संस्कृत (ऑनर्स) में 45, पॉलिटिकल साइंस में 65 और बीएससी सांख्यिकी (ऑनर्स) में 69 फीसद पर ओबीसी छात्रों के दाखिले हो सकेंगे। इसी तरह, श्यामलाल कॉलेज (सांध्य) में बीकॉम में 71.5, हिन्दी (ऑनर्स) में 48 व अर्थशास्त्र में 68 फीसद वाले ओबीसी छात्र दाखिले ले सकेंगे। दौलत राम कॉलेज में बीए प्रोग्राम में 62-72, बीकॉम में 82-85 व बीकॉम (ऑनर्स) में 84-86 फीसद वाले दाखिला ले सकेंगे। यहां अर्थशास्त्र में 83.5, इंग्लिश (ऑनर्स) में 75.5-81.5, इतिहास में 66-71, हिन्दी में 55, दर्शनशास्त्र में 65, राजनीति विज्ञान में 65, संस्कृत में 40, साइकोलॉजी में 79, बायोकेमेस्ट्री में 74 और गणित में 79.5 फीसद वाले ओबीसी छात्रों को दाखिला मिलेगा। शहीद गुरुदेव कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस फॉर वुमन में बीएससी (ऑनर्स) इलेक्ट्रॉनिक्स में 60 जबकि बीएससी (ऑनर्स) कंप्यूटर साइंस में 70-75 प्रतिशत छठी कटऑफ है। यहां बीए साइंस इंस्ट्रूमेंटेशन में व बीए साइंस फूड टेक्नोलॉजी में 60 प्रतिशत पर छठी कटऑफ है। सत्यवती कॉलेज में बीए के लिए 57, बीकॉम के लिए 74.25 व बीकॉम (ऑनर्स) के लिए 79 प्रतिशत तय किया गया है। यहां अर्थशास्त्र में 76, इंग्लिश (ऑनर्स) में 71.25, हिन्दी में 50.5, संस्कृत में 45 और उर्दू में 45 प्रतिशत पर दाखिला लिया जा सकता है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,16.7.11)।

यूपीःपटरी से उतरी बीएड की काउंसलिंग,सरकारी व एडेड कालेजों की सीटें पहले ही दिन फुल

Posted: 16 Jul 2011 11:11 AM PDT

बीएड की काउंसलिंग शुरू होने के एक दिन बाद ही पटरी से उतर गयी। गुरुवार की काउंसलिंग शुक्रवार को सुबह आठ बजे तक चली। इसके बाद कई घण्टे तक सीटों के एलाटमेंट की प्रक्रिया में लग गये और सुबह नौ बजे से टोकन लेकर काउंसलिंग का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों का पूरा दिन गुजर गया। शुक्रवार को काउंसलिंग शाम चार बजे से शुरू हो पायी तो बिजली पासी राजकीय महाविद्यालय केन्द्र के निकट ट्रक ने ओएफसी काट दी और काउंसलिंग फिर साढ़े पांच बजे से डेढ़ घण्टे तक ठप हो गयी। राजधानी के सभी केन्द्रों पर इस दौरान छात्रों को तमाम दुारियों का सामना करना पड़ा। बीएड काउंसलिंग में लगे शिक्षक दो दिनों में ही पस्त हो गये हैं। बिजली पासी राजकीय महाविद्यालय केन्द्र पर पहले ही दिन पूरी रात काउंसलिंग चली तो इलाहाबाद में छात्र पूरी रात काउंसलिंग सेंटरों पर बैठे अपनी बारी का इंतजार करते रहे गये। यहां शुक्रवार की सुबह आठ बजे तक काउंसलिंग चली। अव्यवस्था का आलम यह है कि दूर-दराज से काउंसलिंग में शामिल होने आये छात्रों के अभिभावकों को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है। इंटरनेट लगातार परेशानी में डाल देता है और सर्वर जॉम हो जाने से काउंसलिंग बार-बार रुक रही है। गुरुवार को सीट लॉक करने वाले करीब 200 छात्रों के एलाटमेंट खारिज हो गये थे, उन्हें मनमाफिक संस्थान नहीं मिल सके। ऐसे छात्रों को काउंसलिंग में दोबारा शामिल होने का मौका मिल सकता है। काउंसलिंग के प्रभारी डा. पवन अग्रवाल ने बताया कि एनआईसी के सुस्त इंटरनेट सर्वर से तमाम व्यवधान आ रहे हैं। घण्टों इंतजार के बाद छात्र कम्प्यूटर पर सीट लॉक करने पहुंचे तो सर्वर ठप हो गया। इसको लेकर उनमें आक्रोश है और अभिभावकों ने कई केन्द्रों पर विरोध भी दर्ज कराया। कालीचरण डिग्री कालेज के सेंटर एक पर गुरुवार को सीट लॉक करने वाले 455 छात्रों में 51 के दावे रिजेक्ट हो गये, उन्हें सीट नहीं मिल पायी। शुक्रवार को काउंसलिंग केन्द्रों पर टोकन तो सुबह नौ बजे ही बांट दिये गये थे, लेकिन छात्रों को पूरे दिन इंतजार में ही काटना पड़ा। शुक्रवार को रात दस बजे तक 1680 छात्रों के पंजीकरण हो सके थे और 1117 ने सीट लॉक कर दी थी और बाकी के छात्र अपनी बारी का इंतजार में थे। काउंसलिंग पूरी रात चलने की उम्मीद है और इसमें लगे शिक्षक भी अब किनारा काटने लगे हैं। शुक्रवार को काउंसलिंग के नोडल प्रभारी अधिकारियों ने पांचों सेंटरों का निरीक्षण किया और केन्द्र समन्वयकों से दिक्कतों के बारे में जानकारी ली। उधर जिन छात्रों को सीट एलाट हो गयी है, उन्हें अलग काउंटर लगाकर महाविद्यालय के लिए आवंटन पत्र देकर फीस जमा करने का निर्देश दिया गया है, तथा सीट कन्फर्म कराने के लिए अलग से हिदायत दी गयी है।
बीएड काउंसलिंग में भले ही सर्वर ने छात्रों को छकाया। काउंसलिंग कुछ केन्द्रों पर पूरी रात चली, लेकिन सरकारी व एडेड सभी महाविद्यालयों में बीएड की सीटें फुल हो गयी हैं। काउंसलिंग से लगे सूत्रों का कहना है कि कला वर्ग की शत-प्रतिशत सीटें भर गयी हैं, सिर्फ विज्ञान वर्ग में ही राजकीय व एडेड महाविद्यालयों में कुछ सीटें ही बाकी रह गयी हैं। इनके शुक्रवार को भर जाने की पूरी संभावना थी। बीएड प्रवेश प्रक्रिया की ऑन लाइन काउंसलिंग के सूत्रों का कहना है कि अब छात्रों की प्राथमिकता पुराने बीएड महाविद्यालयों को विकल्प देने की है, भले ही वे निजी क्षेत्र के होंगे(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,16.7.11)।

यूपीःअल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय एवं सव्रे वक्फ के लिए वेतन समिति की सिफारिशें लागू

Posted: 16 Jul 2011 11:08 AM PDT

राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय एवं सव्रे वक्फ के लिए 2008 में गठित वेतन समिति की सिफारिशें लागू कर दी हैं। इसमें इन विभागों के कर्मचरियों को वेतनलाभ देने के साथ कई संवगोर्ं में पदनाम भी बदले गये हैं तथा सव्रे वक्फ आयुक्त विभाग की स्थापना के लगभग 35 वर्ष बाद पहली बार उप आयुक्त का पद भी सृजित किया गया है। सभी सिफारिशें तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गयी हैं। इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय में उप निदेशक के दो पदों को संयुक्त निदेशक का पदनाम प्रदान करने के साथ उन्हें पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन बैण्ड-3 रु.15600-39100 एवं ग्रेड वेतन रु. 7600 अनुमन्य किया गया है। इसके अलावा यह फैसला भी किया गया है कि भविष्य में संयुक्त निदेशक के उक्त पदों को मण्डलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पदोन्नति करके भरा जाये। मण्डली अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को उपनिदेशक का पदनाम दे दिया गया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पदों के लिए पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन बैण्ड-2 रु9300-34800 एवं ग्रेड वेतन 4800 रुपये अनुमन्य किया गया है। अब तक इनका ग्रेड वेतन 4600 रु. है। इसके अलावा मण्डली कल्याण अधिकारी को उपनिदेशक का पदनाम दिया गया है। वक्फ निरीक्षक के पदों के लिए पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन बैण्ड-2 रु 9300-34800 एवं ग्रेड वेतन 2800 रु. से बढ़ा कर 4200 रु. कर दिया गया है। वक्फ निरीक्षक के पदों पर सभी भर्तियां लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जायेंगी। इनमें 50 प्रतिशत पदोन्नति कोटे को खत्म कर दिया गया है। अब तक वरिष्ठ लिपिक को इस पद पर प्रोन्नति किये जाने की भी व्यवस्था थी। इसके अलावा ज्येष्ठ वक्फ निरीक्षक को भी मुख्य वक्फ निरीक्षक का पदनाम दे दिया है और ज्येष्ठ वक्फ निरीक्षक का पदनाम समाप्त कर दिया गया है। इनको भी वेतन बैण्ड-2 रु 9300- 34800 तथा ग्रेड वेतन 4600 रुपये दिया गया है। समिति की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने फैसला किया है कि सव्रे वक्फ आयुक्त विभाग में सहायक वक्फ आयुक्त के दो पदों में से उप आयुक्त का दर्जा दे दिया है। इसके लिए पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन बैण्ड-3 रु 15600-39100 एवं ग्रेड वेतन 6600 निर्धारित किया गया है(ताहिर अब्बास,राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,16.7.11)।

बिहारःकॉलेजों में सप्ताह में 20 घंटे पढ़ाना अनिवार्य

Posted: 16 Jul 2011 11:05 AM PDT

राज्य के महाविद्यालयों में विज्ञान कक्षा के एक सेक्शन में 72 तथा कला कक्षा के एक सेक्शन में 114 छात्रों की संख्या होगी। राज्य के विविद्यालय शिक्षकों के युक्ति संगत एकीकरण हेतु उच्च न्यायालय के आदेश पर गठित समिति ने यह निर्णय लिया है। समिति में मानव संसाधन विकास विभाग और राज्यपाल सचिवालय के सदस्य शामिल हैं। विविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विज्ञान कक्षा के एक सेक्शन में छात्रों की संख्या 60 तथा कला संकाय में एक सेक्शन के लिए छात्रों की संख्या 96 अनुशंसित है। इस विषय पर राज्यपाल सचिवालय द्वारा गठित समिति एवं मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा गठित समिति में भी विरोधाभास रहा। विरोधाभास के दृष्टिगत सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि विज्ञान कक्षा के एक सेक्शन में छात्रों की संख्या 60 तथा कला कक्षा के एक सेक्शन में छात्रों की संख्या 96 को आधार माना जाये। इसमें यह कहा गया कि अधिकतम 20 प्रतिशत अतिरिक्त छात्र होने पर भी उसे एक सेक्शन के अन्दर समाहित किया जायेगा। अर्थात प्रति सेक्शन क्रमश: 72 तथा 114 छात्रों की संख्या तक ही एक सेक्शन रहेगा। इससे अधिक होने पर अतिरिक्त सेक्शन गठन होगा परंतु यदि किसी महाविद्यालय के किसी कक्षा में छात्रों की संख्या 60 से कम भी होगी अथवा न्यूनतम कितनी भी होगी तो उसे भी उसे एक सेक्शन माना जायेगा, वहीं समिति के सदस्यों में विविद्यालय और महाविद्यालय शिक्षकों के पठन-पाठन पर भी मतभेद रहा। उक्त बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा एवं पूर्व में निर्गत आदेशों के समीक्षोपरांत सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि विविद्यालय और महाविद्यालय शिक्षकों के लिए सीधे तौर पर पठन- पाठन हेतु 20 घंटे प्रति सप्ताह को आधार मानकर महाविद्यालय शिक्षकों की आवश्यकता की पुन: गणना की जाए। विविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विविद्यालय और महाविद्यालय शिक्षकों के लिए सीधे तौर पर पठन-पाठन हेतु 16 घंटा प्रति सप्ताह समय निर्धारित किया गया है। राज्यपाल सचिवालय द्वारा गठित समिति द्वारा पठन-पाठन के संदर्भ में सभी पहलुओं पर विचारोपरांत शिक्षकों के लिए सीधे तौर पर 20 घंटे पठन-पाठन को आधार मानकर छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षकों की आवश्यकता की गणना की गयी थी। जबकि मानव संसाधन विकास विभाग ने 26 घंटे प्रति सप्ताह को आधार मानकर गणना की थी(राष्ट्रीय सहारा,पटना,16.7.11)।

बिहारःकोचिंग संस्थानों की होगी जांच

Posted: 16 Jul 2011 11:04 AM PDT

सरकारी कानून का उल्लंघन कर अभिभावकों और छात्रों से रुपये ऐंठ रहे कोचिंग संचालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने शुक्रवार को जनता दरबार में एक फरियादी की शिकायत सुनने के बाद पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह निर्देश दिया। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को कहा कि जांच और कार्रवाई के पहले एक नोटिस के माध्यम से सरकार द्वारा कोचिंग संचालन के लिए किये गये प्रावधानों से उन्हें अवगत कराये। इसके बाद एक अभियान चलाकर सरकार के प्रावधानों को नहीं मानने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पटना में करीब दो हजार कोचिंग संचालकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, लेकिन उनके द्वारा लगातार नियमों का उल्लंघन करने की शिकायत विभाग को मिल रही है। अभिभावकों को वे न तो प्रोस्पेक्टस उपलब्ध कराते हैं और उन ही फीस तथा कोर्स की लिखित जानकारी देते हैं। इस कारण छात्र-अभिभावक उलझन में रहते हैं। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी से इसकी समीक्षा करने की बात कही। इसके पहले दरबार में आये युवक ने बताया कि पटना के मुसल्लहपुर स्थित एक कोचिंग संचालक ने नामांकन लेने के बाद उसे कोचिंग से निकाल दिया है और विरोध करने पर लड़की से छेड़खानी का आरोप लगाकर फंसाने का आरोप लगाने का भय दिखाता है। प्रधान सचिव ने एक अन्य फरियादी की गुहार सुनने के बाद बताया कि अनुदानित स्कूल- कॉलेजों में शिक्षकों के बीच वित्तीय राशि के वितरण में शिकायत होने पर सरकार उनके अनुदान राशि पर रोक लगायेगी। इसके पहले शिकायतकर्ता के आरोप पर विभाग के अधिकारियों द्वारा इसकी विधिवत जांच करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस बाबत लगातार शिकायतें आ रही हैं और इसी को लेकर ट्रिब्यूनल बनाने के विधेयक को महामहिम के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार को अनुदान देने से मतलब है। प्रधान सचिव ने अपने दरबार में आये फरियादियों की गुहार पर हुई प्रगति रिपोर्ट मंगाने का भी निर्देश दिया। कटिहार से आयी एक छात्रा ने शिकायत की कि सौरिया स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पठन-पाठन के साथ-साथ खाने-पीने की व्यवस्था भी खराब हो गयी है। यह स्थिति तब से हुई है जब से इसके संचालन का कार्य एक एनजीओ को दिया गया है। प्रधान सचिव ने फौरन इसकी जांच करने का निर्देश कटिहार के डीईओ को दिया। दरबार में आये एक शिक्षक ने शिकायत की कि उसे उर्दू विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है जबकि वह उर्दू जानता तक नहीं है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,16.7.11)।

बीपीएससी की पीटी का परिणाम घोषित

Posted: 16 Jul 2011 11:01 AM PDT

बिहार लोक सेवा आयोग की 53वीं से 55वीं सम्मिलित प्रारम्भिक प्रतियोगिता परीक्षा-2011 का परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया गया। इसमें कुल 15137 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है। इनमें 7767 सामान्य कोटि से, 2272 अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के 134, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 2561, पिछड़ा वर्ग के 1686 और कुल 450 पिछड़े वर्ग की महिलाओं को उत्तीर्ण घोषित किया गया है। उत्तीर्ण घोषित उम्मीदवारों में कुल 136 विकलांग भी शामिल हैं। आयोग ने प्रारम्भिक प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन विगत 17 अप्रैल को किया था। कुल 257 पदों के विरुद्ध नियुक्तियां होनी हैं।

उत्तराखंडःएसजीआरआर की सभी सीटें फुल श्रीनगर मेडिकल कालेज की तीन व हल्द्वानी में एमबीबीएस की चार सीटें बची

Posted: 16 Jul 2011 10:57 AM PDT

मेडिकल कालेजों की सरकारी सीटों के आवंटन के लिए चल रही काउंसिलिंग में बारिश के दौरान छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। बारिश के दौरान कई छात्र हाल के अंदर घुस गए जिससे अव्यवस्था पैदा हो गई। आवंटन प्रक्रिया में एसजीसीआर मेडिकल कालेज की सभी दस सीटें फुल हो गई, जबकि श्रीनगर व हल्द्वानी मेडिकल कालेज में अभी कुछ सीटें नहीं भरी हैं। बारिश का असर काउंसिलिंस में भी खासा रहा। छात्रों की भीड़ व उनके साथ आए अभिभावकों को बारिश से बचने के लिए इधर-उधर आसरा लेना पड़ा। दिक्कत इस बात यह रही कि सीटों की आवंटन प्रक्रिया के दौरान छात्र- छात्राओं के लिए मजबूरी रही कि उन्हें सीटों के आवंटन के लिए हाल के अंदर ही खड़ होना पड़ा। हाल के अंदर तमाम छात्र-छात्राओं की भीड़ जुटने से खड़े होने की जगह नहीं रही। जानकारी के मुताबिक श्रीनगर मेडिकल कालेज की 85 सीटों में से 82 सीट भर गई हैं। बाकी बची तीन सीट में से दो फिजीकल हैंडीकेप व एक जम्मू-कश्मीर कोटे की है। ऐसे ही हल्द्वानी मेडिकल कालेज की 85 सीटों में से 81 भर गई हैं। उत्तरांचल डेंटल कालेज में बीडीएस की अभी 37 सीटें खाली हैं। सीमा डेंटल कालेज में बीडीएस की 15 सीट खाली हैं(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,16.7.11)।

उत्तराखंडःहड़ताली कर्मचारी अब नहीं होंगे बर्खास्त

Posted: 16 Jul 2011 10:55 AM PDT

प्रदेश में कार्मिकों के लिए अच्छी खबर है कि हड़ताल करने पर अब उन्हें नौकरी से हाथ नहीं धोना पड़ेगा। शासन ने हड़ताली कार्मिकों को नौकरी से बर्खास्त करने वाले अपने आदेश को निरस्त कर दिया है। विगत कई दिनों से प्रदेश में चल रही मिनिस्टीरियल कार्मिको की हड़ताल के चलते विगत एक सप्ताह पूर्व हड़ताली कार्मिकों को नौकरी से बर्खास्त करने की कार्यवाही के लिए मुख्य सचिव सुभाष कुमार की ओर से आदेश जारी किए गए थे। इससे कर्मचारी संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया था। हालांकि इस आदेश के बाद किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की हड़ताल शासन से वार्ता के बाद समाप्त हो गई। शासन के इस आदेश को निरस्त करने को लेकर राज्य कर्मचारी संयक्त परिषद ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर अपने पूर्व आदेश को निरस्त करने के लिए कहा था। इस संबंध में शुक्रवार को मुख्य सचिव ने हड़ताली कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने वाले अपने पूर्व आदेश को निष्क्रिय करने के आदेश जारी कर दिए। उन्होने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कर्मचारी हड़ताल से लौट आए हैं। ऐसे में पूर्व में दिए गए आदेश की अब आवश्यकता नहीं है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,16.7.11)।

उत्तराखंडःअनुचित नियुक्ति मामले में गढ़वाल विवि और सरकार से जवाब तलब

Posted: 16 Jul 2011 10:54 AM PDT

नैनीताल उच्च न्यायालय ने गुरुकुल कागड़ी विविद्यालय में सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले में विवि और सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायालय ने चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। यह आदेश सुभाष कुमार गोस्वामी की जनहित याचिका पर दिया गया है। इस याचिका में श्री गोस्वामी ने विवि के कुलपति एवं अन्य अधिकारियों पर विवि के अधीन जीव विज्ञान, पर्यावरण, रसायन विज्ञान व गणित विषयों के रिक्त पदों पर अपने रिश्तेदारों को नियुक्ति देने का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि विवि ने इस मामले में मौखिक परीक्षा का एक विज्ञापन जारी किया है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि जब उनके द्वारा मामले में जानकारी मांगी गई तो उन्हें देने से इनकार कर दिया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बारिन घोष एवं न्यायमूर्ति सर्वेश के गुप्ता की पीठ ने विवि व सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है(राष्ट्रीय सहारा,नैनीताल,16.7.11)।

डीटीयू की सेकंड लिस्ट जारी, एडमिशन 18 से

Posted: 16 Jul 2011 10:51 AM PDT

दिल्ली टेक्नॉलजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) ने बीटेक की सेकंड कट ऑफ लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में दिल्ली जनरल कैटिगरी में 12904 तक रैंक लाने वाले स्टूडेंट्स को सीट ऑफर की गई है।

जिन स्टूडेंट्स का नाम सेकंड लिस्ट में आया है, उन्हें 18-19 जुलाई को यूनिवर्सिटी में रिपोर्ट करना होगा। तीसरी एडमिशन लिस्ट 22 जुलाई को जारी की जाएगी।

www.dtuadmissions.nic.in पर एडमिशन शेडयूल की जानकारी दी गई है। पहली लिस्ट में एआई ट्रिपल ई की ऑल इंडिया रैंक के आधार पर 9904 तक रैंक लाने वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन का चांस मिला था। फर्स्ट लिस्ट के आधार पर टोटल एडमिशन को देखें तो 674 कैंडिडेट ने अपनी फीस जमा करा दी है और सेकंड लिस्ट में 545 सीटें बची हैं।


डीटीयू में बीटेक के 15 कोर्स हैं और इन सीटों के लिए 9899 स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन चॉइस भरी थी। डीटीयू में दिल्ली के स्टूडेंट्स के लिए 85 और आउट साइड दिल्ली के कैंडिडेट्स के लिए 15 पर्सेंट सीटें रिजर्व हैं। दिल्ली के स्टूडेंट्स के लिए 639 सीटें हैं। यूनिवर्सिटी में बीटेक के जिन कोर्सेज में एडमिशन होता है, उनमें इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मिकैनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, प्रॉडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग, पॉलिमर साइंस एंड केमिकल टेक्नॉलजी, इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी, बायो-टेक्नॉलजी, सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजी, इंजीनियरिंग फिजिक्स, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। 

सेकंड कट ऑफ लिस्ट 

कैटिगरी, ऑल इंडिया रैंक 
दिल्ली जनरल, 12904 
दिल्ली ओबीसी, 38386 
दिल्ली एससी, 109620 
दिल्ली एसटी, 292416 
आउट साइड दिल्ली, 3281 
आउट साइड ओबीसी, 9642 
आउट साइड एससी, 44475 
आउट साइड एसटी, 87845(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,16.7.11)

मध्यप्रदेशःबीई फ्री सीट स्कीम की नहीं बढ़ेगी तारीख

Posted: 16 Jul 2011 10:24 AM PDT

तकनीक कॉलेजों में एडमिशन के लिए जुलाई महीना महत्वपूर्ण होगा। फ्री सीट स्कीम लागू होने से इसमें करीब एक महीना प्रक्रिया लेट हो गई है। मुख्य काउंसिलिंग के लिए स्टूडेंट्स बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। एमबीए और एमसीए में तो प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन काफी कम रिस्पांस देखने को मिल रहा है। एमबीए में अभी तक सिर्फ 975 और एमसीए में 362 ने ही ऑनलाइन कॉलेज तय करने के लिए लॉकिंग की।

एआईसीटीई ने फिर मुसीबत बढ़ाई

एआईसीटीई ने तकनीकी शिक्षा में एडमिशन लेने के लिए 50 फीसदी मार्क्‍स अनिवार्य किया था लेकिन कुछ दिन पहले एआईसीटीई ने 45 फीसदी मार्क्‍स पर भी प्रवेश देने की बात कही थी। महाराष्ट्र में इसे लागू कर दिया गया है लेकिन प्रदेश में एआईसीटीई से कोई निर्देश नहीं मिलने से 50 फीसदी से कम वालों को अमान्य किया जा रहा है।
डीटीई के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बी. लक्ष्मीनारायण रेड्डी का कहना है देश के किसी भी राज्य को एआईसीटीई ने लिखित में निर्देश नहीं दिए है। महाराष्ट्र भी अपनी रिस्क पर एडमिशन प्रक्रिया कर रहा है। प्रदेश में बीई की फ्री सीटों के लिए हिस्सा लेने की अंतिम तारीख 15 जुलाई थी। करीब 4 हजार स्टूडेंट्स कॉलेज तय करने की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए है। डीटीई ने तारीख बढ़ाने से इनकार किया है(दैनिक भास्कर,इन्दौर,16.7.11)।

भोपालःआईआईटी-बी पसंद और कोर ब्रांच में रुचि बरकरार

Posted: 16 Jul 2011 10:22 AM PDT

मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सिविल, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ऐसी बेसिक ब्रांच हैं जिन्हें शहर के अधिकांश आईआईटी और एआईईईई परीक्षा में सफल हो चुके छात्र पसंद कर रहे हैं। नई ब्रांचों की ओर शहर के युवाओं का रुझान फिलहाल बना नहीं है।


कुछ ही छात्र हैं जो भविष्य में कोर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए शुरूआत से ही एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और मटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग जैसी ब्रांच चुनते हैं। गौरतलब है कि इस साल भोपाल शहर के आईआईटी के लिए लगभग 150 सलेक्शन और एआईईईई के लिए लगभग 200 सलेक्शन हुए हैं। आईआईटी और एनआईटी दोनों में ही पारंपरिक कोर ब्रांच की ओर शहर के युवा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वहीं कैंपस की बात करें तो आईआईटी-बी शहर के छात्रों की पसंद हैं। 

इसलिए भी चुनते हैं कोर ब्रांच 
यूपीएससी द्वारा आयोजित इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस में सिविल, मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग ब्रांच से ग्रेजुएट छात्र ही हिस्सा ले सकते हैं। पीएसयू में अधिकांश भर्तियां भी इन्हीं ब्रांच के लिए निकलती हैं। इसके जरिए इंडियन रेलवे, मिल्रिटी इंजीनियरिंग सर्विस, सेंट्रल इंजीनियरिंग सर्विस, सेंट्रल वॉटर सर्विस सहित कई शासकीय उपक्रमों में नौकरी के अवसर होते हैं।

इसलिए चुनते हैं आईआईटी-बी 
यहां अपनी पसंद के मुताबिक कोर्स डिजाइन करने की सुविधा है। कैंपस में एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटी भी अन्य आईआईटी के मुकाबले ज्यादा होती हैं। प्लेसमेंट और पैकेज भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भोपाल से आईआईटी-बी को चुनने वाले छात्रों का कहना है, मुंबई चुनने का कारण सांस्कृतिक तौर पर लगभग भोपाल जैसा ही और कैंपस में पर्सनालिटी डेवलपमेंट के ज्यादा मौके होना है।

क्या है कोर इंजीनियरिंग
विशिष्ट क्षेत्रों में कॅरियर बनाने के लिए इंजीनियरिंग की विशेष ब्रांचेज उपलब्ध हैं, ज्यादातर छात्र इनमें सीधे जाने की बजाए पहले बेसिक ब्रांचेज में प्रवेश लेते हैं। इनमें दो-चार सेमेस्टर पढ़कर विशिष्ट ब्रांचेज में अपग्रेड कर लेते हैं। विशिष्ट ब्रांचेज में एयरोनॉटिकल साइंस, बायो मेडिकल साइंस, केमिकल, कंप्यूटर एंड सिस्टम्स, एनवायरमेंटल साइंस, इंडस्ट्रियल एंड सिस्टम्स, न्यूक्लियर साइंस, मटेरियल साइंस आदि शामिल हैं(प्रीति शर्मा,दैनिक भास्कर,भोपाल,16.7.11)।

गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ (आईपी) यूनिवर्सिटी में साइबर लॉ का नया वीकेंड कोर्स शुरू

Posted: 16 Jul 2011 10:17 AM PDT

गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ (आईपी) यूनिवर्सिटी ने एलएलएम लेवल पर दो वीकेंड प्रोग्राम शुरू किए हैं। इन कोर्सेज में जज,लॉ ऑफिसर और वकील एडमिशन ले सकते हैं।

एडमिशन के लिए दो साल का अनुभव होना जरूरी है। इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी लॉ और साइबर लॉ एंड साइबर क्राइम में ये कोर्स शुरू किए गए हैं। यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज की डीन प्रफेसर सुमन गुप्ता ने बताया कि उन्हीं कैंडिडेट को एडमिशन मिलेगा, जिन्होंने कम से कम 50 पर्सेंट मार्क्स के साथ एलएलबी की होगी। सिलेक्शन एलएलबी के मार्क्स और इंटरव्यू के आधार पर होगा।

प्रो. गुप्ता ने बताया कि इन वीकेंड प्रोग्राम में एडमिशन के लिए 18 जुलाई तक अप्लाई किया जा सकता है और 1 अगस्त से क्लासेज शुरू होंगी। क्लासेज शनिवार व रविवार को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक होंगी। उन्होंने बताया कि साइबर लॉ की फील्ड में एक्सपर्ट की जरूरत है और इसी को ध्यान में रखते हुए यह कोर्स शुरू किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी स्कूल में ही यह कोर्स होगा। क्लासेज यूनिवर्सिटी के द्वारका कैंपस में होगी।
आईपी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि समय की जरूरतों के हिसाब से नये कोर्सेज को शुरू किया जा रहा है। इस साल फाइनैंशल मार्केट स्ट्रीम में भी कोर्स शुरू किया गया है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ मिलकर कोर्स शुरू किया गया है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि मार्केट डिमांड को देखते हुए कुछ अन्य कोर्सेज पर भी विचार किया जा रहा है(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,16.7.11)।

राजस्थान में इंजीनियरिंग में 50 की जगह 45% पर मिलेगा प्रवेश

Posted: 16 Jul 2011 10:15 AM PDT

इंजीनियरिंग की पढ़ाई में प्रवेश के लिए 50 से घटाकर 45 फीसदी अंक कर दिए गए हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने इंजीनियरिंग प्रवेश नियमों में बदलाव करते हुए सामान्य व ओबीसी वर्ग के छात्रों के लिए 45 और एससी व एसटी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 40 फीसदी अंक जरूरी कर दिए हैं। इससे पहले 50 फीसदी अंकों पर ही इंजीनियरिंग में दाखिला मिलता था। फिजिक्स, केमेस्ट्री व मैथ्स में 45 फीसदी दाखिले पर ही इंजीनियरिंग में दाखिले की नई व्यवस्था ने तकनीकी शिक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञ सवाल कर रहे हैं कि इससे तो इंजीनियरिंग पढ़ाई की क्वालिटी में और अधिक गिरावट होगी। एक्सपर्ट रोहित कुमार कहते हैं, इंजीनियरिंग में वैसे ही क्वालिटी नहीं मिल रही है। पिछले साल 15 हजार सीटें खाली रह गई थी। एक्सपर्ट संजय कुमार बताते हैं, सीटें भी भर जाएंगी, लेकिन कॉलेजों को अच्छी क्वालिटी के स्टूडेंट्स कैसे मिलेंगे? तकनीकी शिक्षा परिषद ने तर्क दिया है कि 50 फीसदी अंक होने के कारण सीटें खाली रहने लगी थी और कॉलेजों को नुकसान हो रहा था(दैनिक भास्कर,सीकर,16.7.11)।

सौराष्ट्र विवि में पांच हजार बीएड विद्यार्थियों के दाखिले रद्द

Posted: 16 Jul 2011 10:13 AM PDT

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के बीएड पाठ्यक्रम के 5000 विद्यार्थियों के दाखिले रद्द करने का आदेश दिया है। आयोग के आदेशानुसार विवि ने प्रवेश प्रक्रिया को रद घोषित कर दिया है। साल 2011-12 के बीएड पाठ्यक्रम में दाखिला प्रक्रिया में धांधली के बाद मामला आयोग के समक्ष पहुंचा था।

विवि पर आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए ओपन श्रेणी में प्रवेश का मार्ग बंद करने तथा विवि से जुड़े पदाधिकारियों के कॉलेजों में दाखिले करने सहित कई आरोप थे। इस पर आयोग ने विवि कुलपित एवं पंजियक से जवाब तलब किया था। बीएड पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया तीन दिन पहले ही आरंभ हुई है। स्थानीय निकाय में नेता प्रतिपक्ष वशरामभाई सागठिया मामले को आयोग में ले गए थे। कुलपति व अन्य ने दिए जवाब में आरक्षण प्रावधानों के उल्लंघन की बात स्वीकार की थी।

साथ ही आश्वस्त किया था कि अब आयोग जो निर्देश देगा तद्नुसार कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने समूची प्रवेश प्रक्रिया रद करने को कहा था। विवि कुलपति डॉ. कमलेश जोशीपुरा ने कहा कि आयोग के आदेशानुसार बीएड पाठ्यक्रम में दिए गए 5000 दाखिलों को रद कर दिया गया है(दैनिक भास्कर,राजकोट,16.7.11)।

डीयूःओबीसी के लिए सातवीं लिस्ट की तैयारी

Posted: 16 Jul 2011 10:09 AM PDT

डीयू के कॉलेजों में ओबीसी की छठी कट ऑफ लिस्ट के आधार पर शुक्रवार को एडमिशन शुरू हुए लेकिन रिस्पॉन्स खास नहीं रहा। शनिवार को भी इस लिस्ट के एडमिशन जारी रहेंगे। कॉलेजों में एडमिशन की रफ्तार सुस्त रही और अब कॉलेज सातवीं कट ऑफ लिस्ट लाने की भी तैयारी कर रहे हैं।

ज्यादातर कॉलेजों ने ओबीसी की कट ऑफ में 10 पर्सेंट के गैप का फॉर्म्युला लागू कर दिया है और अगली लिस्ट में भी इसी कट ऑफ पर एडमिशन ओपन रहेंगे। वहीं जिन कॉलेजों ने अभी भी ओबीसी के लिए 10 पर्सेंट की छूट नहीं दी है, उन्हें अब सातवीं लिस्ट में इस फॉर्म्युले को अपनाना होगा। सातवीं कट ऑफ 17 जुलाई को आएगी और इसके एडमिशन 18-19 जुलाई को होंगे।

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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