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Friday, October 28, 2011

Fwd: [Clean India - स्वच्छ भारत] १८२० - भारत में अग्रेजों ने करीब पवुने दो सौ साल...



---------- Forwarded message ----------
From: Rajanand Meshram <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2011/10/28
Subject: [Clean India - स्वच्छ भारत] १८२० - भारत में अग्रेजों ने करीब पवुने दो सौ साल...
To: Clean India - स्वच्छ भारत <271611512851181@groups.facebook.com>


१८२० - भारत में अग्रेजों ने करीब पवुने दो सौ...
Rajanand Meshram 8:57pm Oct 28
१८२० - भारत में अग्रेजों ने करीब पवुने दो सौ साल शासन किया. उस दरम्यान पुना के ब्राह्मणों के लिए सन १८२० में पहली संस्कृत पाठशाला सुरु की थी. उसमे ३० साल बाद अन्य जातियों के छात्रों के लिए प्रवेश सुरु किया तो सभी ब्राहमन शिक्षकोने विरोध ही नहीं किया तो अपने पदों के त्याग पत्र भी दे दिया.(द्यानोदय, दि.२ अगस्त १८२०)

१८५७ - नये भारत का इतिहास सुरुवात इसी साल से हुई है. अंगेजों के खिलाफ बगावत करनेवाले पहले व्यक्ति ब्राह्मण थे और उनका नाम "मंगल पांडये" था. उन्ही के प्रयास से भारतियों को सामाजिक और धार्मिक स्वतंत्रता २ सप्तम्बर १८५८ को हासिल हुई.

१८८३ - इसी शहर में जोतीराव फुले ने किसानों के हितों में अपने "शेतकऱ्यानचा आसुड" में लिखा, शिक्षा बिना मति गयी, मति बिना निति गयी, निति बिना गति गयी, गति बिना वित्त गए, वित्त बिना शुद्र गिरे, इतने सभी अनर्थ अकेले ज्ञान के बिना हुए." क्या किसानों को विशिष्ठ जातियों में बंधा जा सकता है? इसलिए उन्होंने १८४८ में अचुतों के लिए और १८५१ में महिलाओं के लिए पाठशाला निर्माण किया. क्या अचुतों, महिलाओं और किसानों को विशिष्ठ जातियों में बंधा जा सकता है? तो फुले को जातियों के हिमायती क्यों पेश किया जा रहा है?

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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