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Sunday, January 29, 2012

आजमगढ़ की बेटी होने पर फख्र है : शबाना आजमी

Sunday, 29 January 2012 11:27

आजमगढ़, 29 जनवरी (एजेंसी) फिल्म अभिनेत्री और पिछले दिनों पद्म भूषण पुरस्कार के लिये चुनी गयी गयी शबाना आजमी ने आजमगढ़ की बेटी होने पर गर्व करते हुए कहा कि आजमगढ़ को 'आतंकवाद की नर्सरी' कहे जाने से उन्हें बहुत तकलीफ होती है।
शबाना ने टेलीफोन पर 'भाषा' से बातचीत में कहा कि आजमगढ़ सच्चे देशभक्तों की धरती है और उन्हें पद्म भूषण का सम्मान मिलने के बाद इस जिले को बदनाम करने वाले लोगों का मुंह बंद हो जाएगा। साथ ही इस जनपद के प्रति लोगों की धारणा में बदलाव आयेगा।
उन्होंने कहा कि उन्होंने भले ही आजमगढ़ में जन्म नहीं लिया है लेकिन पुरखों की जड़ें वहां होने के कारण वह खुद को आजमगढ़ की ही बेटी मानती हैं और उन्हें इस पर गर्व है।
शबाना ने कहा कि कैफी आजमी, राहुल सांस्कृत्यायन और मौलाना शिबली जैसी महान हस्तियों की कर्मस्थली रहे और जंग-ए-आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले अनेक लोगों की जन्मस्थली आजमगढ़ को 'आतंकवाद की नर्सरी' के रूप में प्रदर्शित किये जाने से उन्हें बहुत तकलीफ होती है।

गौरतलब है कि वर्ष 2008 में दिल्ली के बटला हाउस इलाके में पुलिस से हुई कथित मुठभेड़ में आजमगढ़ के कुछ युवकों का नाम सामने आने के बाद इस जिले को 'आतंकवाद की नर्सरी' कहा जाने लगा था।
पूर्व राज्यसभा सांसद शबाना ने खुद को पद्म भूषण से नवाजे जाने की खबर को एक सम्मान के साथ-साथ बड़ी जिम्मेदारी निभाने का दायित्व भी करार दिया।
उन्होंने कहा ''मैं समझती हूं कि अवार्ड के साथ खुशी तो होती है, साथ ही जिम्मेदारी का एहसास भी होता है कि अगर मुझे इस लायक समझा गया है तो आगे मेरे दायित्व भी बड़े हो जाते हैं।''
शबाना ने कहा ''राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार ग्रहण करना अपने आप में अहम है और चूंकि यह सम्मान मेरे शौहर जावेद अख्तर साहब को पहले ही मिल चुका है लिहाजा इसकी कीमत और बढ़ गयी है। काश आज अगर अब्बा :कैफी आजमी: जिंदा होते तो कितने खुश होते।''

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