Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Thursday, May 3, 2012

ट्रेड यूनियन के दवाब में विवेक समर्पण कर दिया मंगलेश जी ने !

http://hastakshep.com/?p=18512

ट्रेड यूनियन के दवाब में विवेक समर्पण कर दिया मंगलेश जी ने !

ट्रेड यूनियन के दवाब में विवेक समर्पण कर दिया मंगलेश जी ने !

By  | May 3, 2012 at 6:30 pm | One comment | बहस

[मंगलेश डबराल प्रकरण पर बहस में ]
मंगलेश डबराल जी को खुला पत्र

आदरणीय मंगलेश डबराल जी,

मंगलेश डबराल जी  किसी कार्यक्रम में जाना या नहीं जाना यह अपका अपना फैसला है। आप भारत नीति प्रतिष्ठान के कार्यक्रम समान्तर सिनेमा, के गोष्ठी में अध्यक्ष के नाते आये थे। मैं भी श्रोताओं में था और कार्यक्रम के आयोजन से भी जुड़ा हुआ था। आपने जिस प्रकार से माफीनामा दिया और कार्यक्रम में भाग लेने को एक चुक बाताया उसे देखकर मुझे आश्चर्य एंव दुख दोनो हुआ। आपने कुछ ऐसी बाते कहीं जो तथ्यो से परे है।

  1. आपको  मैने ही प्रतिष्ठान का साहित्य भेट किया आपने उसे सहर्ष स्वीकार किया साथ ही आपने प्रतिष्ठान के कार्यो के प्रशंसा भी की ।
  2. आपने अपने उदबोधन में निदेशक का नाम बड़े सम्मान से लिया।
  3. प्रतिष्ठान द्वारा इस आयोजन की भी सराहना की ।
  4. विषय पर खुली चर्चा हुई।

कार्यक्रम के दौरान क्या आपको कही लगा की आप किसी प्रकार के दवाब में बोल रहे है? इसके बावजूद आपने प्रतिष्ठान को  व्यवसायिक संस्था नहीं है जो प्रमाण पत्र दिया वह आपकी integrity पर सवाल खड़ा करता है। आप अपने बंधुओ से सीधे माफ़ी मांग लेते तो कोई हर्ज नहीं था परंतु माफ़ी मांगने के क्रम मे आपने जो तर्क दिया वह आप जैसे श्रेष्ठ विद्वान के लिए उचित प्रतीत नहीं होता है। कार्यक्रम में आपका अभिनंदन हुआ, आपका परिचय दिया गया जिसमे आपके योगदान एवं व्यकित्तव की चर्चा की गई कार्यक्रम से पहले निदेशक के कमरे में अनेक लोगो के साथ आपने खुली चर्चा की इस दौरान क्या आपको लगा की आप पर विचारधारा थोपी जा रही है? आप कार्यक्रम के दौरान व बाद में भी पूर्ण संतुष्ट ऩजर आ रहे थे। कार्यक्रम के उपरान्त आपने श्रोताओं के साथ खुली चर्चा भी की। आपने स्वंय सार्वजनिक रुप से कहा था कि आप प्रतिष्ठान को आपके द्वारा संपादित दि पब्लिक एजेंडा की मेलिंग सूची में शामिल करेगें साथ आपने इसकी प्रति भी संस्थान के मानद निदेशक प़्रो राकेश सिन्हा जी को दी थी। जब मैं आप को नीचे आपकी गाड़ी तक छोड़ने गया था इस दौरान भी आपने कार्यक्रम को सार्थक बताया था। कार्यक्रम में भाग लेने के उपरांत मुझे जो प्रतीत होता है कि  प्रतिष्ठान ने तो शुद्ध शैक्षणिक व व्यवसायिक द़ष्टि में चर्चा का आयोजन किया था किंतु आपने ट्रेड यूनियन के दवाब में अपने विवेक समर्पण कर दिया जो आप जैसे महान साहित्कार को शोभा नहीं देता है।

नवनीत

09968257667

navneet.du@gmail.com

 

navneet, नवनीत

नवनीत लेखक इंडिया पालिसी फाउन्डेशन में शोधार्थी एवं स्वतंत्र पत्रकार हैं।

No comments:

Post a Comment