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Thursday, December 18, 2014

उत्तराखंड विधान सभा मा तोड़फोड़ , विधायक हॉस्पिटल भर्ती ड्यार बौड़ै पर वि. स. मा हंगामा , तोड़फोड़, ल्वैखतरी

त्तराखंड विधान सभा मा  तोड़फोड़ , विधायक हॉस्पिटल भर्ती  
                                              ड्यार बौड़ै  पर  वि. स. मा हंगामा , तोड़फोड़, ल्वैखतरी  

                                         चबोड़्या खबरची ::: भीष्म कुकरेती 

स्थान : विधान सभा 
समय - दिसंबर 2064 , दिनक ग्यारा बजे बाद 
विरोधी दल नेता  - अध्यक्ष जी ! प्वाइंट ऑफ ऑर्डर ! 
वि. स. अध्यक्ष - जोर से ब्वालो , घ्याळ  मा कुछ नि सुण्यानु च। 
विरोधी दल नेता  - अध्यक्ष जी ! प्वाइंट ऑफ ऑर्डर !
अध्यक्ष -लीडर ऑफ ओपोजिसन ! अपण सदस्यौं कुण ब्वालो , जब तुम बुलणा छंवां तब तक त चुप रावन । 
विरोधी दल नेता  - मै अपण  दलक खूंखार  नेताओं से अपील करदु कि थ्वड़ा देर घ्याळ नि कारन !
अध्यक्ष -हाँ ब्वालो !
विरोधी दल नेता  - प्वाइंट ऑफ ऑर्डर या च कि जब तक मुख्यमंत्री  विधान सभा मा बयान नि दयाला बहस शुरू नि ह्वे सकद। 
अध्यक्ष - पर अबि तुमन इ बहस की मांग कार अर अबि तुम बुलणा  छंवां कि जब तक मुख्यमंत्री  विधान सभा मा बयान नि दयाला बहस शुरू नि ह्वे सकद।
विरोधी दल नेता  - जी हम विरोधी दल का लोग छंवां , हमर काम विरोध करण च। हम ड्यार बौड़ै  से बेहद चिंतित छंवां।  ड्यार बौड़ै से पहाड़ का हरेक गांवुं मा अत्यंत तनाव की स्थिति पैदा हूण वाळ च। 
संसदीय कार्य मंत्री  - हम ड्यार बौड़ै अर जु बच्यां छन ऊँ तैं बि उत्तराखंड से भैर कारो द्वी विषयुं पर बहस का वास्ता तैयार छंवां। 
वि. स.अध्यक्ष -हां जी बुजर्ग यादव जी उर्फ़ बिहारी भया जी ! तुम क्या बुलणा छंवां।  क्या बहस की शुरुवात तुम करणा छंवां ?
बुजर्ग यादव जी- जी मि बुलणु छौं कि ड्यार बौड़ै , घर वापसी या प्रवासी घर लौट  आओ जन घटनाओं से प्रदेश मा गृह युद्ध की स्थिति हुईं च अर हम सब विरोधी दल का लोग 'प्रवासी घर लौट  आओ' से चिंतित छंवां। अर मुख्यमंत्री तैं बयान इ नि दीण पोड़ल बल्कण मा सदन तैं मौखिक  अर लिखित आश्वासन बि दीण पड़ल कि घर वापसी रुके जाली। प्रवासी कभी भी घर नही लौटेंगे। 
वि. स.अध्यक्ष - पर बुजुर्ग यादव जी ! पर विरोधी दलों मादे क्वी त बहस शुरू कारो। 
अस्मत की खोज मा  - जी मी बि 
वि. स.अध्यक्ष - जी अस्मत की खोज माँ उर्फ़ बंगाली बाबू ! क्या तुम बहस शुरू करण वाळ छंवां ?
अस्मत की खोज मा  - जी म्यार मंतव्य या च प्रदेश  की प्रवासी घर लौट आओ की   आग मा झुलसणु  च अर मुख्यमंत्री आश्वासन बि नि दे सकणु च कि इस प्रदेश में प्रवासियों को उनके गाँव तो छोडो उत्तराखंड में भी नही घुसने दिया जाएगा। 
एक विरोधी नेता - मुख्यमंत्री कैसे ब्यान देंगे ! ऊंक सरकार तो द्वी गढ़वाली अर द्वी कुम्मयौं की बैशाखी पर जि चलणि च। 
संसदीय कार्यमंत्री - ठीक है गृह मंत्री बयान देने को तयार हैं। 
गृह मंत्री - अध्यक्ष महोदय , प्रदेश की कानून व्यवस्था मेरे विभाग के जिम्मे है।  त मि सदन तैं आश्वाशन दींदु कि ड्यार बौड़ै अभियान का वास्ता कै बि प्रवासी गढ़वाली या कुम्म्या तैं उत्तराखंड मा नि घुषण दिए जाल। 
बमशाह नेपाली - गृह मंत्री झूट बुलणा छन।  सब तैं पता च कि जब गढ़वाली अर कुमाउनी उत्तराखंड का पहाड़ छोड़िक चलि गे छा तो हम नेपाली , गुरख्या , बंगलादेशी , बिहारी , झारखंड्युंन गढ़वाल अर कुमाऊं की धरती संभाळ।  यीं धरती तैं फिर से आबाद कार।  अर अब यदि इथगा सालों बाद  गढ़वळि , कुमाउनी  प्रवासी लोग  पहाड़ वापस आणो तयारी   करणा छन तो हम नेपाली , गुरख्या , बंगलादेशी , बिहारी , झारखंड्युं का अधिकार हनन नि होलु ? हमर मौलिक अधिकार तैं छिने जाल तो हम तैं गुस्सा नि आल ? चिंता का विषय च कि एक घटना ह्वे कि द्वी गढ़वाली प्रवासी अपण ड्यार ऐन अर ऊँ दुयुंन नागराजा पूजा कार।   गढ़वाली अर कुमाउनी प्रवासियों को अपने गाँव वापस आने से एकदम रोका जाय। 
संसदीय कार्य मंत्री - जी वा घटना ह्वाइ नी च।  हमर राज मा आज तक क्वी बि गढ़वाली या कुमाउनी प्रवासी उत्तराखंड नि आई अर कैन बि अपण पैतृक गाँव मा नागराजा की पूजा नि कार। 
विरोधी दल नेता - झूट ! सरासर झूट ! हमम खुपिया विभाग की रिपोर्ट च कि प्रवास्युं ड्यार बौड़नै एक घटना गढ़वाळ अर एक घटना कुमाऊं मा ह्वे च। 
सरकारी दल  का सबि सदस्य -झूट ! एक बि प्रवासी पहाड़ वापस नि आयि।
विरोधी दल नेता- हम बहस तब इ शुरू करला जब मुख्यमंत्री बयान   द्याल कि क्वी बि गढ़वाली या कुमाउनी प्रवासी उत्तराखंड मा नि घुसल !
संसदीय कार्य मंत्री - अध्यक्ष महोदय ! विरोधी दल का नेता तैं पता च कि हमर मुख्यमंत्री अपण   बूड  ददा का वार्षिक श्राद्ध का वास्ता बिहार जयां छन।  हमर गृह मंत्री जबाब दीणा त छन। 
विरोधी दल नेता - तो उपमुख्यमंत्री से बयान दिलवावो। 
संसदीय कार्य मंत्री - उप मुख्यमंत्री बि अपण रिस्तेदारी क काम से नेपाल जयां छन। 
विरोधी दल नेता -तो अपण पार्टी अध्यक्ष से बयान दिलवाओ कि 
संसदीय कार्यन्त्री - हमर पार्टी अध्यक्ष अपण पैतृक जमीन का कुछ काम बाबत झारखंड जयां छन। 
विरोधी सदस्य - हम कभी भी गढ़वाली -कुमाउनी प्रवास्युं की घर वापसी बर्दास्त नही करेंगे और ड्यार बौड़ाई नही होने देंगे।  हम ईंट से ईंट बजा देंगे पर किसी गढ़वाली -कुमाउनी प्रवासी को उत्तराखंड में नही घुसने देंगे। 
नेपथ्य से आवाज  - अरे टीवी कैमरा बंद कारो।  टेबल -कुर्सी -माइक चलणा छन।  विधयकों का सर फुटणा छन , विधयकों शरीर से खून बगणु च, खून ही खून दिखेणु च अर टीवी अबि तक लाइव दिखाणु च।  
-----------जी टीवी क्रू बि घायल ह्वेक भाजि गेन तो टीवी लाइव इ चलणु च। ल्या अछु  ह्वे कि ऐम्ब्युलेंस बि ऐ गेन। 

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