Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Wednesday, April 22, 2015

ग्राम प्रधान त ग्राम प्रधान कैक हूंद काका बाडा नि हूंद

 ग्राम प्रधान त ग्राम प्रधान कैक हूंद काका बाडा नि हूंद 


                        चबोड़्या स्किट संकलन :::   भीष्म कुकरेती 

[स्थान -ग्राम प्रधान की तिबारी , द्वी चमचा रौंपलु अर भौंपलु गहन चिंता मा बैठ्याँ छन ]

ग्राम प्रधान - ये निर्भाग्युं ! कुछ स्वाचो , कुछ स्वाचो कि द्वी सौ नेताओं कुण चिट्ठी कनै लिखण जाँसे यूँ नेताओं तै पता चल जावो कि नारायण  प्रधान बि क्वी प्रधान च ?

रौंपलु-सुचणो काम तो म्यार नी च।  आप ब्वालो तो मि धरती फाड़ द्यूं , गंगा जी मा फाळ मार द्यूं !

  भौंपलु- सुचणो काम तो आपक च।  आप हुकम द्याओ मि कैक मवासी घाम लगै द्योलु। 

प्रधान - हाँ चिंता तो मीन इ करण कि द्वी सौ चिट्ठी कनकैक लिखण ?

[घ्याळ दाक प्रवेश ]

प्रधान - मीम समय नी च।  काम बता काम बता ?

घ्याळ दा -अब काम क्या बताउं ?कुछ समज मा नी आणु च। 

प्रधान -अरे प्रधानम तू ऐ अर बुलणु छे कि काम क्या बतौं ?

घ्याळ दा -इन च रै बेटा नारायण कि -

प्रधान -द्याखो मि अब नारायण नि छौं। 

घ्याळ दा -हैं ? ये नाम बदल याल क्या ?

प्रधान -मि ना तो तुम्हारा बेटा हूँ अर ना ही नारायण। 

घ्याळ दा -अरे मि त्यार काका नि छौं ?

प्रधान -नहीं। 

घ्याळ दा -हैं ? अब तू नारायण बि नि छै ?

प्रधान -ना ना। 

घ्याळ दा -हैं ? इन कन ह्वे सकुद 

प्रधान -किलै नि ह्वे सकुद ?
रौंपलु - अब यी ग्राम प्रधान छन। 

घ्याळ दा -कनो ग्राम प्रधान मनिख नि हूंद ? नाता रिस्ता नि हूंदन ?

भौंपलु - नही ग्राम प्रधान केवल ग्राम प्रधान हूंदन। ग्राम प्रधान एक रिस्ताहीन बस्ता हूंद। 

घ्याळ दा -अर जब ये नारायण तै बोटुं जरूरत छे तो येन खुट मा पोडिक बोल छौ - ये घ्याळ काका तू इ म्यार छूट बुबा छे।  तब मि छुट बुबा छौ अर अब मि काका बि नि छौं ?

प्रधान -अरे तो एक बोत का बदल अपण कूड़ी पुंगड़ी त्यार नाम कर द्यूं क्या ?

घ्याळ दा -मतबल तू अब नारायण नि छै ?

प्रधान -नही।  
रौंपलु - अब यी केवल ग्राम प्रधान छन। ग्राम प्रधान रिस्ताहीन स्याही , रिस्ताहीन रबर स्टैम्प हूंद। 

घ्याळ दा -अब तू नारयण बि नि छे ?

भौंपलु - अब यी केवल बस प्रधान छन। 

घ्याळ दा -मतलब अब मि त्यार काका बि नि छौं ?

प्रधान -ब्वाल त च कि मि अब कैक भतीजो नि छौं। 
रौंपलु - अब यी प्रजातंत्र का खंबा छन बस। 
घ्याळ दा -ठीक च तो मि अफिक ब्वारि तै लेक हस्पताल लिजांद। 
प्रधान - तो ली जा कैन रोक ? हस्पताल लीजा या मड़घट लीजा।  मि तै क्या पड़ीं च। 
रौंपळु - घ्याळ दा ! कैक ब्वारी तै अस्पताल लिजाण ?
घ्याळ दा - तै नारयणै ब्वारि तैं।  ब्वारी  भ्यूंळौ डाळ बिटेन लमडी गेन ।  पर अब जब स्यु नारायण इ नी च तो मी इ ब्वारी तै अस्पताल लिजांदु। 

No comments:

Post a Comment