नेपाल एक स्वाभिमानी मुल्क है। ऐतिहासिक तौर पर सम्पूर्ण दक्षिण एशिया में अंग्रेजों को सबसे कड़े प्रतिद्वन्दी नेपाल और अफगानिस्तान में ही मिले। 3 करोड़ की आबादी वाला यह मुल्क भारत के अलावा अन्य देशों की नज़र में एक बड़ा मुल्क है। परन्तु भारत में नेपाल के प्रति सदैव एक औपनिवेशिक दुर्भावना रही है। भारत नेपाल में आंतरिक राजनीति में दुर्भावनापूर्ण हस्तक्षेप की निति अपनाता रहा है,जिसके कारण नेपाल में पढ़ा लिखा मध्यवर्ग भारत से नाखुश रहता है। जिस समय नेपाल आधुनिकता और प्रगतिशील लोकतन्त्र की जंग लड़ रहा था, भारतीय सत्ता प्रतिष्ठान स्वयम् को 'लोकतांत्रिक' कहते हुए,नेपाल में निरंकुश राजतन्त्र के पक्ष में षडयंत्र रच रहे थे। नेपाल के विरुद्ध भारतीय दुर्भावना को उस पोस्टर से समझा जा सकता है जिसमें आपदा प्रभावित नेपाल को भारत की गोद में रोता बच्चा दिखाया गया है। यही 'पालक बालक' वाली मानसिकता नेपालियों को भारतीयों से कमतर समझने की मानसिकता है। आज जब नेपाल में प्रत्येक क्षेत्र में नयी पीढियां उन्नति कर रही हैं,तब भी भारत में नेपालियों की छवि सिर्फ बोझा ढोने और चौकीदारी करने वाले श्रमिक की है। यही छवि मन में रखकर भारतीय मीडिया संस्थान नेपाल में रिपोर्टिंग कर रहे थे। उनका व्यवहार बिल्कुल घमण्डी और गैरजिम्मेदाराना था,जिसका प्रभाव नेपाल में भारत विरोधी भावनाओं में तेजी के रूप में दिख रहा है। नेपाल में बहुत से मुल्क सहयोग कर रहे हैं,पर जितनी फजीहत हमारे राजनेताओं और पत्रकारों ने करवाई है,उतनी किसी ने नहीं। इससे गैरजिम्मेदार रिपोर्टिंग क्या होगी कि आप बार बार कहें कि नेपाली प्रधानमन्त्री को आपदा की सूचना भारतीय प्रधानमन्त्री के ट्वीट से मिली? या फिर आपदा से उबरने की कोशिश करते मुल्क में लूट की झूटी सूचनाओं,या गोमांस की मूर्खतापूर्ण खबरों के नाम पर दंगा भड़काने की कोशिस करें? नेपाली मित्रो हम सचमुच शर्मिंदा हैं,पर आपके साथ हैं।
Monday, May 4, 2015
इससे गैरजिम्मेदार रिपोर्टिंग क्या होगी कि आप बार बार कहें कि नेपाली प्रधानमन्त्री को आपदा की सूचना भारतीय प्रधानमन्त्री के ट्वीट से मिली? या फिर आपदा से उबरने की कोशिश करते मुल्क में लूट की झूटी सूचनाओं,या गोमांस की मूर्खतापूर्ण खबरों के नाम पर दंगा भड़काने की कोशिस करें? नेपाली मित्रो हम सचमुच शर्मिंदा हैं,पर आपके साथ हैं।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment