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Monday, May 11, 2015

Periyar : Socrates of South Asia पेरियार : दक्षिण एशिया के सुकरात


Periyar : Socrates of South Asia 
In 1970 Periyar was honoured by UNESCO with an award, the citation of which said,"Periyar, the Prophet of a New Age, Socrates of South Asia, Father of the Social Reform Movement, Arch Enemy of ignorance, superstitions,meaningless customs and base manners."

पेरियार : दक्षिण एशिया के सुकरात 
1970 में यूनिस्को द्वारा एक सम्मान दिया गया था जिस के प्रशस्तिपत्र में कहा गया था," पेरियार, नवयुग के पैगम्बर, दक्षिण एशिया के सुकरात, समाज सुधार आन्दोलन के जनक, अज्ञानता, अंधविश्वास, अर्थहीन रीतिरिवाज और घटिया व्यवहार के घोर दुश्मन."

ब्राह्मणवाद पर जितना निर्मम और कारगर हमला पेरियार ने किया था वैसा आज तक किसी ने नहीं किया. परन्तु यह अत्यंत दुःख की बात है कि 1996 में जब मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री थी तो उसकी सरकार ने लखनऊ में पेरियार मेला लगाने तथा परिवर्तन चौक पर उनकी मूर्ती स्थापित करने घोषणा की थी परन्तु भाजपा ने इन दोनों का विरोध किया तो मायावती ने अपनी कुर्सी बचाने की लालच में अपनी घोषणा पर अमल करने की बजाये उन के आगे झुकना बेहतर समझा. परिणामस्वरूप न तो पेरियार मेला ही लगाया जा सका और न ही लखनऊ में आज तक पेरियार की मूर्ती ही लग पायी. इतना ही नहीं इस के बाद 2007 में मायावती ने अपनी पार्टी के कुछ सवर्णों द्वारा आपत्ति किये जाने पर पेरियार द्वारा लिखित पुस्तक "सच्ची रामायण" पर प्रतिबंध लगा दिया और कांशी राम द्वारा बनवायी गयी फ़िल्म "तीसरी आज़ादी" पर भी रोक लगा दी. इसके बाद मायावती ने अपनी रैली में न तो कभी पेरियार का फोटो लगाया और न ही कभी उनका नाम ही लिया. इस से पेरियार के प्रशंसकों को बहुत गंभीर आघात पहुंचा. सच्च है कि वोट की राजनीति आदमी को कहाँ तक झुका देती है!

S.r. Darapuri's photo.
S.r. Darapuri's photo.

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