Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Sunday, July 5, 2015

Rihai Manch press release: आईएसआईएस के नाम पर मुस्लिमों को फंसाने और मारने की साजिश रच रही हैं खुफिया एजेंसियां- रिहाई मचं

Rihai Manch press release: आईएसआईएस के नाम पर मुस्लिमों को फंसाने और मारने की साजिश रच रही हैं खुफिया एजेंसियां- रिहाई मचं

RIHAI MANCH
For Resistance Against Repression
---------------------------------------------------------------------------------
आईएसआईएस के नाम पर मुस्लिमों को फंसाने और मारने की साजिश रच रही हैं
खुफिया एजेंसियां- रिहाई मचं
संयुक्त राष्ट्र संघ में इजराइल के खिलाफ मतदान में भारत की गैर हाजिरी
ने पूरी दुनिया में देश को शर्मशार किया
भाजपा नेताओं को बचाने के लिए हो रही हैं व्यापम घोटाले से जुड़े लोगों की हत्याएं

लखनऊ, 5 जुलाई 2015। रिहाई मंच ने आतंकवाद के आरोपी संजरपुर आजमगढ़ के
बड़ा साजिद के सीरिया में आईएसआईएस की तरफ से लड़ते हुए मारे जाने की
खबरों को खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की फिर से मुस्लिम युवकों को
आतंकवाद के नाम पर फंसाने और मारने की बड़ी योजना का हिस्सा बताया है।
मंच ने कहा खुफिया एजेंसियां अब आईएम, सिमी के बाद आईएसआईएस के नाम पर
मुस्लिम युवकों को फंसाने के लिए माहौल बना रही हैं।

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि संजरपुर के जिस युवक बड़ा
साजिद के सीरिया में मारे जाने की खबरें खुफिया विभाग फैला रहा है उसके
बारे में पहले भी एक बार अफगानिस्तान में तालिबान की तरफ से लड़ते हुए
मारे जाने और दूसरी बार एक और विदेशी जमीन पर मारे जाने की खबर इसी तरह
सुर्खिर्यों में खुफिया विभाग फैला चुका है। उन्होंने सवाल किया कि एक ही
आदमी हर चार-पांच महीने पर कैसे मारा जा सकता है, इसे खुफिया एजेंसियों
को जरूर बताना चाहिए। मंच के अध्यक्ष ने कहा कि देश के अंदर फर्जी
एंकाउंटरों पर उठने वाले सवालों के कारण खुफिया एजंेसियां ऐसे कथित तौर
पर फरार बताए जाने वाले युवकों जो दरअसल इन्हीं एजेंसियों के पास हैं, को
आईएसआईएस के नाम पर किसी दूसरे देश में मारे जाने की खबर फैलाकर सवालों
से बचना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरी योजना का एक पहलू बिहार और
उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों से पहले फिर से खुफिया विभाग के जरिए
आईएसआईएस के नाम पर धर पकड़ करना भी है क्यांेकि इंडियन मुजाहिदीन के नाम
पर अब कार्रवाई मुश्किल हो गई है। क्योंकि समाज जान चुका है कि यह भारतीय
खुफिया विभागों का ही कागजी संगठन हैं।

रिहाई मंच अध्यक्ष ने कहा कि अजमेर दरगाह विस्फोट और समझौता एक्सप्रेस
विस्फोट के आरोपियों का अपने बयानों से पलटने की खबर आना आश्चर्यजनक नहीं
है। यह साबित करता है कि मुम्बई में इन मामलों में पब्लिक प्रोसिक्यूटर
रहीं रोहिनी सैलियन का आरोप बिल्कुल सही है कि एनआईए हिंदुत्ववादी
आतंकियों के बरी होने का खाका बना चुका है। उन्होंने कहा कि अजमेर दरगाह
विस्फोट के 15 मुख्य गवाहों में से 14 का पलट जाना, जिनमें से कि सभी संघ
परिवार से जुड़े हैं और जिनमें से एक झारखंड सरकार में मंत्री भी है और
समझौता एक्सप्रेस के संघ परिवार से जुड़े तीन आरोपियों का अपने पूर्व
बयानों से मुकर जाना साबित करता है कि इन सभी मामलों में एनआईए
हिंदुत्ववादी आरोपियों को छुड़ा ले जाने की योजना में काफी हद तक सफल हो
चुका है। उन्होंने कहा कि इंसाफ के इस कत्ल पर सुप्रीम कोर्ट को स्वतः
संज्ञान लेना चाहिए ताकि न्याय व्यवस्था में लोगों का बचा खुचा यकीन बच
सके।

मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित समाजसेवी संदीप पांडेय ने भारत द्वारा
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में इजराइल के खिलाफ आए प्रस्ताव पर
भारत द्वारा गैर हाजिर रहने पर इसे भारतीय विदेश नीति की स्थापित मूल्यों
पर हमला बताया है जो अब तक इजराइल के मानवता विरोधी कृत्यों के खिलाफ
खड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने हमेशा फिलीस्तीन का पक्ष
लिया और इजराइल के अवैध निर्माण का विरोध किया था और इस मूल्य को अब तक
भारत की विभिन्न सरकारें मानती रही हैं। लेकिन संयुक्त राष्ट्र
मानवाधिकार परिषद में भारत की गैरहाजिरी ने पूरी दुनिया में भारत को
शर्मशार कर दिया है।

रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले से
जुड़े आरोपियों, गवाहों, और उसको कवर करने वाले पत्रकार समेत 46 लोगों का
एक के बाद एक मारा जाना देश के इतिहास का सबसे बड़ा खुला रहस्य बनता जा
रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी राज में अच्छा दिन व्यापक घोटाले से फायदा
उठाने वाले लोगों के आए हैं या फिर बलात्कार के आरोपी आसाराम बापू के
जिनके मामलों में गवाही देने वाले लोग बारी-बारी से मारे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि व्यापम घोटाला देश का पहला घोटाला है जहां उससे जुड़ी
छोटी मछलियों और उनका राजफाश करने वालों को सुनियोजित तरीके से मारा जा
रहा है ताकि ऐसे घोटालों पर सवाल उठाने की कोई हिम्मत भी न कर सके। इन
हत्याओं को लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था पर हमला बताते हुए उन्होंने कहा
कि यह हत्याएं बताती हैं कि अब पहले कि तरह घोटालेबाज डरे हुए नहीं हैं
बल्कि भाजपा के संरक्षण में बहुत आक्रामक ढंग से पलटवार करने की क्षमता
भी हासिल कर चुके हैं। उन्होंने हजारों करोड़ रुपए के एनआरएचएम घोटाले के
आरोपी आईएएस अधिकारी प्रदीप शुक्ला को गोपनीय तरीके से बहाल किए जाने और
इसी मामले में आरोपी आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल को आज तक गिरफ्तार न करने
और उन्हें अहम ओहदे पर बनाए रखने को भ्रष्ट ब्यूरोक्रेसी के समाजवादी
संरक्षण का उदाहरण बताया है।

रिहाई मंच ने कहा कि जिस तरह देश में भ्रष्टाचारियों-घोटालेबाजों को
बचाने के लिए सरकारों के संरक्षण में सबूतों को मिटाने के लिए हत्याओं का
सिलसिला चल रहा है, ऐसे में इस नाइंसाफी के खिलाफ एकजुट होकर इंसाफ की
लड़ाई लड़नी होगी।

द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
09415254919
------------------------------------------------------------------------------
Office - 110/46, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
E-mail: rihaimanch@india.com
https://www.facebook.com/rihaimanch

No comments:

Post a Comment