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Friday, March 31, 2017

सबसे हैरतअंगेज है स्त्री संगठनों की निष्क्रियता जो स्त्री स्वतंत्रता के लिए अति मुखर हैं लेकिन न गुर मेहर और न मंदाक्रांता के बारे में उनमें कोई हलचल नजर आ रही है। भारत के जनवादी लेखक संघ ने मंदाक्रांतो को सामूहिक बलात्कार की धमकी की निंदा करते हुए चेतावनी दी है कि श्रीजात बंदोपाध्याय और मंदाक्रांता सेन की लड़ाई थमेगी नहीं, इसमें और-और नाम शामिल होते जायेंगे! पलाश विश्वास


सबसे हैरतअंगेज है स्त्री संगठनों की निष्क्रियता जो स्त्री स्वतंत्रता के लिए अति मुखर
 हैं लेकिन न गुर मेहर और न मंदाक्रांता के बारे में उनमें कोई हलचल नजर आ रही है।
भारत के जनवादी लेखक संघ ने मंदाक्रांतो को सामूहिक बलात्कार की धमकी की निंदा करते हुए चेतावनी दी है कि  श्रीजात बंदोपाध्याय और मंदाक्रांता सेन की लड़ाई थमेगी नहीं, इसमें और-और नाम शामिल होते जायेंगे!
पलाश विश्वास
देर से ही सही,पेसबुक पर ही सही लेखक संगठनों की प्रतिक्रिया आने लगी है।प्रतिक्रिया की रस्म अदायगी के बाद कोई प्रतिरोध या आंदोलनचलाने लायक उनके संघठन हैं या नही ,इस बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल ही है।दिल्ली में होने वाली किसी भी घटना को लेकर जैसे तुरतफऱुरत विरोध का सिलसिला चल पड़ता है,शहीद की बेटी गुरमेहर के बाद सामूहिक बलात्कार की एक और धमकी की प्रतिक्रिया में वैसा कुछ हुआ नहीं है।
दोनों महिलाएं विशिष्ट महिलाएं हैं।इससे अदाजा लगाया जा सकता है कि देश में पितृसत्ता का स्वरुप कितना भयंकर है।आम औरतों,खासकर पिछड़े इलाकों की औरतों और दलित ,आदिवासी औरतों के खिलाप जुल्मोसितम सिर्फ धमकियों तक सीमित नहीं होती है और  उन्हें देस में हर रोज कहीं न कहीं उत्पीड़न,बलात्कार और सामूहिक बलात्कार की शिकार बनना पड़ता है और कहीं एफआईआर तक दर्ज नहीं होता।
इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता कविता कृष्णमूर्ति को निशाना बनाया गया है,जिसपर विद्वतजन अमूमन मजा ही लेते रहे हैं।मंदाक्रांता के बारे में फेसबुक टिप्पणियों के अलावा कोई कास प्रतिक्रिया दीक नहीं रही है और नही बजरंगी मुहिम पर कोई अंकुश लगी है।
बंगाल में काकद्वीप से लेकर कामदुनी तक बलात्कार संस्कृति का प्रचलन इतना हैरतअंगेज रहा है कि सिर्फ धमकी से राज्य सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई की उ्मीद छोड़ दीजिये।
बंगाल में बुद्धिजीवी भी धार्मिक ध्रूवीकरण के इस तरह शिकार हो गये हैं कि सिविल 
सोसाइटी  का अता पता नहीं है।बहरहाल इक्क दुक्का संगठन विरोद प्रदर्सन कर रहे हैं और बाकी देश में म्लेच्छ करार दिये जाने का डर इतना हावी हो गया है कि सड़क पर कुछभी नजर नहीं आ रहा है।
सबसे हैरतअंगेज है स्त्री संगठनों की निष्क्रियता जो स्त्री स्वतंत्रता के लिए अति मुखर
 हैं लेकिन न गुर मेहर और न मंदाक्रांता के बारे में उनमें कोई हलचल नजर आ रही है।
बहरहाल फेसबुक पर जनवादी लेखक संग का बयान आया है और अभी बाकी वादियों की रस्म अदायगी के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

"मुझे अपनी फ़िक्र नहीं. बुनियादपरस्ती से लड़ने का एकमात्र तरीक़ा यही है कि ज़्यादा-से-ज़्यादा लिखा जाए और अधिक रैलियाँ की जाएँ."

ये शब्द हैं बांग्ला कवयित्री मंदाक्रांता सेन के, जिन्हें हिन्दुत्ववादियों ने फेसबुक पर गैंग-रेप की धमकी दी है. मंदाक्रांता सेन ने 19 मार्च को आदित्यनाथ के यूपी मुख्यमंत्री बनने पर लिखी गयी श्रीजात की कविता पर हिन्दुत्ववादियों के हमले की आलोचना की थी. हिन्दुत्ववादियों का कहना था कि श्रीजात की कविता ने हिन्दू भावनाओं को आहत किया है, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए. मंदाक्रांता इस विवाद में श्रीजात के पक्ष में खड़ी रहीं और उन्होंने हिंदुत्ववादियों के खिलाफ एक विरोध रैली में भी हिस्सा लिया. मंदाक्रांता ने 2015 में असहिष्णुता के ख़िलाफ़ साहित्य अकादमी यंग राइटर्स स्पेशल अवार्ड भी वापस किया था.

जो लोग आलोचनात्मक नज़रिया रखनेवाली विचारशील स्त्रियों के लिए हर बार गैंग-रेप की धमकी दुहराते हैं, वे निस्संदेह भारतीय संस्कृति के सबसे सजग रक्षक होंगे. उनके ऐसे कारनामों से उनकी 'भारतीय संस्कृति' को समझने का रास्ता खुलता है. हे रक्षको, शर्म करो! और स्यापा भी, कि श्रीजात बंदोपाध्याय और मंदाक्रांता सेन की लड़ाई थमेगी नहीं, इसमें और-और नाम शामिल होते जायेंगे.

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Thursday, March 30, 2017

बाकी देश भी आनंदमठ हो जायेगा। बंगाल में युवा कवियत्री मंदाक्रांता सेन को सामूहिक बलात्कार की धमकी,रवींद्र माइकेल, ईश्वरचंद्र पर बेशर्म हमले और आनंदमठ का महिमामंडन। यूं समझ लो कि देशभर में सेकुलर प्रगतिशील तत्वों,संस्कृतिकर्मियों और भारतीय स्त्री के खिलाफ एक और ब्लू स्टार अभियान चालू है।बजरंगी वाहिनी के इस आपरेशन को सैन्य राष्ट्र की निरंकुश सत्ता को पूरा समर्थन है। क्षत्रपो�

बाकी देश भी आनंदमठ हो जायेगा।

बंगाल में युवा कवियत्री मंदाक्रांता सेन को सामूहिक बलात्कार की धमकी,रवींद्र माइकेल, ईश्वरचंद्र पर बेशर्म हमले और आनंदमठ का महिमामंडन।

यूं समझ लो कि देशभर में सेकुलर प्रगतिशील तत्वों,संस्कृतिकर्मियों और भारतीय स्त्री के खिलाफ एक और ब्लू स्टार अभियान चालू है।बजरंगी वाहिनी के इस आपरेशन को सैन्य राष्ट्र की निरंकुश सत्ता को पूरा समर्थन है। क्षत्रपों की मौन सहमति।

नवजागरण,रवींद्र माइकेल से लेकर श्रीजात और मंदाक्रांता पर बेशर्म पेशवाई हमले के खिलाफ बंगाल की राजनीति सिरे से खामोश है क्योंकि वे केंद्र सरकार और सीबीआई के सहारे ममता बनर्जी को बिना कोई इलेक्शन लड़े सत्ता से बेदखल करने के लिए सत्ता दल के टूटने के इंतजार में है और मजहबी सियासत के मुताबिक अपना अपना वोटबैंक साधने के लिए धार्मिक भावनाओं को चोट न पहुंचाने की आत्मघाती रणनीति पर चल रहे हैं।

ऐसे डफर लोगों से आप संस्थागत फासिज्म के मुकाबले की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?

पलाश विश्वास

बंगाल में कवियों के लिए महासंकट खड़ा हो गया है।

श्रीजात के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ तो फिर धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाने के आरोप में युवा कवियत्री मंदाक्रांता सेन को फेसबुक के जरिये सामूहिक बलात्कार की धमकी दी गयी है।

श्रीजात की कविता की प्रतिक्रिया में उनकी मां बहन के नाम जो उद्गार व्यक्ति किया गया है,उससे जाहिर है कि किसी की धार्मिक आस्था या भावना को कोई आघात नहीं लगा है और जाहिर है बंगाल में पूरी जनता अब धार्मिक हो गयी है और आम जनता के साथ बंगाली बुद्धिजीवियों और पढ़े लिखे लोगों को भी सेकुलर हिंदुत्वविरोधी प्रगतिशील तत्वों  को सबक सिखाने की इस मुहिम से कोई ऐतराज नहीं है।

गौरतलब है कि असहिष्णुता के खिलाफ बंगाल से युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाली मंदाक्रांता सेन ही मुखर रही हैं और वे ही बंगाल से एकमात्र पुरस्कर वापस करने वाली साहित्यकार रही हैं।उनके खिलाफ  वामपंथी और सेकुलपर होने के सबूत बहुत पुख्ता हैं।

गौरतलब है कि अत्यंत प्रतिभाशाली कवियत्री बतौर छोटी उम्र में ही बांग्ला साहित्य के लिए प्रतिष्ठापूर्ण आनंद पुरस्कार पाने वाली मंदाक्रांता ने बाजार के हक में कभी नहीं लिखा है और गद्य पद्य हर विधा में सामाजिक यथार्थ को वे संबोधित करती रही हैं।

गौरतलब है कि श्रीजात के खिलाफ एफआईआर होने पर मंदाक्रांता ने ही इसके खिलाफ मुखर संस्कृतिकर्मियों को संगठित करके रास्ते पर उतारा है। फिर मौजूदा सद्र्भ में असहिष्णुता और मजहबी सियासत के खिलाफ एक कविता भी लिख दी।जाहिर है कि उन्हें सजा देने के लिए डायरेक्ट एक्शन का ऐलान हो गया है।

उनका अपराध बहुत ताजा हस्तक्षेप है जबकि उन्नीसवीं सदी में मेघनाथ वध लिखने वाले माइकेल मधुसूदन दत्त और गीतांजलि लिखकर नोबेल पुरस्कार पाने वाले रवींद्रनाथ तक को बख्शा नहीं जा रहा है।इस पुरस्कार का असल हकदार बंकिम चंद्र को बताया जा रहा है और रवींद्र,माइकेल और नवजागरण वालों को थोक भाव से विदेशी साम्राज्यवाद का दलाल वे लोग बता रहे हैं,जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत की कदमबोशी करते हुए भारत की आजादी के आंदोलन से दगा किया और कदम कदम पर अंग्रेजों का साथ दिया।यह इतिहास का नवलेखन है।

मधुसूदन राम के खिलाफ मेघनाद को हीरो बना दिया था और ब्रिटिश राजकाज में ही मर खप कर बच निकले हैं तो उनका गढ़ा मुर्दा उखाड़कर फांसी की सजा देने की मुहिम चल पड़ी है।रवींद्रनाथ भी देश आजाद होने से पहले मर गये तो गांधी की तरह उन्हें सजा नहीं दी जा सकी है और हिंदू धर्म को उदार बनाने में ईश्वर चंद्र से तत्कालीन कुलीन ब्राह्मण तंत्र निबट नहीं सका तो अब हर क्षेत्र में बाबरी मस्जिद का हिसाब बराबर करके चप्पे चप्पे पर राममंदिर बनाने का अश्वमेधी अभियान के लिए हिमालय से संतान दल का अवतरण हो रहा है।

बांग्ला वर्णमाला जिनके वर्ण परिचय से अब भी बंगाल के बच्चे सीखते हैं,जो सतीदाह, बहुविवाह जैसी कुप्रथाओं को कानूनी रुप दिलाने और हिंदुओं में स्त्री शिक्षा और विधवा विवाह का प्रचलन करने वाले नवजागरण के मसीहा ईश्वर चंद्र विद्यासागर के खिलाफ नवजागरण के समय का घृणा अभियान बंगाल में फिर शुरु हो गया है ।

पूरा बंगाल अब आनंदमठ में तब्दील होता जा रहा है तो यूपी पहले ही आनंद मठ है। बाकी देश भी आनंदमठ हो जायेगा।

यह बंगाल के लिए जितना खतरनाक है,उससे ज्यादा खतरनाक बाकी भारत के लिए है। पितृसत्ता की मनुस्मृति लागू करने के लिए स्त्री स्वतंत्रता और स्त्री अस्मिता पर यह आजादी के बाद सबसे बड़ा हमला है।

शरत के उपन्यासों में उन्नीसवीं सदी के बंगाल का आंखों देखा हाल है।तो रवींद्र नाथ ने अपने साहित्य और संगीत के माध्यम से भारतीय स्त्री की स्वतंत्रता का महासंग्राम छेड़ा। स्त्री शिक्षा की वजह से स्त्री के समान अधिकारों की जो चेतना समकालीन परिदृ्श्य है, उसकी शुरुआत सतीदाह, बाल विवाह, बेमेल विवाह पर रोक और विधवा विवाह और स्त्री शिक्षा के नवजागरण आंदोलन के तहत हुआ और अब नवजागरण के खिलाफ यह आंदोलन बंगाल और बाकी भारत को फिर मध्ययुगीन बर्बर अंधकार युग में धकेलना का प्रयास है, जिसका उद्देश्य निरंकुश पितृसत्ता का मनुस्मृति विधानलागू करना तो है ही, यह अबाध पूंजी की तरह स्त्री को फिर यौनदासी बनाने का मनुस्मृति उपक्रम है।

गौरतलब है कि दिवंगत भैरोसिंह शेखावत जो भारत के उपराष्ट्रपति रहे, राजस्थान में उनके राजकाज के दौरान रुपकुंवर सती हो गयी थीं और सती प्रथा के महिमामंडन का अभियान चला था, जिसे हिंदी पत्रकारिता के मसीहा प्रभाष जोशी ने जनसत्ता के माध्यम से समर्थन भी किया था ब्लू स्टार अभियान की तरह।जनसत्ता में नौकरी शुरु करने पर इसे लेकर बनवारी से कोलकाता में संपादकीय नीति पर  बहस हो जाने की वजह से मानीय जोशी ने मारा काम तमाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

बहरहाल, यूं समझ लो कि बंगाल के सेकुलर प्रगतिशील तत्वों, संस्कृतिकर्मियों और भारतीय स्त्री के खिलाफ एक और ब्लू स्टार अभियान चालू है।

बजरंगी वाहिनी के बार बार गांधी वध दोहराने के इस अविराम आपरेशन ब्लू स्टार को सैन्य राष्ट्र की निरंकुश सत्ता को पूरा समर्थन है।

विडंबना यह है कि बंगाल में प्रतिपक्ष की राजनीति अभी इस मजहबी सियासत के खिलाफ खड़े होने के लिए तैयार नहीं है।

नवजागरण,रवींद्र माइकेल से लेकर श्रीजात और मंदाक्रांता पर बेशर्म पेशवाई हमले के खिलाफ बंगाल की राजनीति सिरे से खामोश है क्योंकि वे केंद्र सरकार और सीबीआई के सहारे ममता बनर्जी को बिना कोई इलेक्शन लड़े सत्ता से बेदखल करने के लिए सत्ता दल के टूटने के इंतजार में है और मजहबी सियासत के मुताबिक अपना अपना वोटबैंक साधने के लिए धार्मिक भावनाओं को चोट न पहुंचाने की आत्मघाती रणनीति पर चल रहे हैं।

ऐसे डफर लोगों से आप संस्थागत फासिज्म के मुकाबले की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?

पूरे देश को आनंदमठ बनाने में आर्तिक सुधार की आधार योजना की तरह सर्वदलीय सहमति है।

श्रीजात और मंदाक्रांता के बाद किसकी बारी है,कहना मुश्किल है।

रवींद्र नाथ ने भारत और बांग्लादेश का राष्ट्रगान लिखा और और बंगाल के हर छोटे बड़े सहर कस्बे में रवींद्र भवन जरुर है।

बंगालऔर बांग्लादेश में हर स्त्री रवींद्र संगीत गाती हैं।

आनंदमठ और बंकिम चंद्र को महान साबित करने के लिए उस सेकुलर कवि की गांधी हत्या का जो अभियान जारी है ,उसके मद्देनजर बंगालियों के रवींद्र प्रेम के बारे में करीब दो दशक पहले खुशवंत सिंह की पवित्र गाय वाली टिप्पणी को याद किया जाना चाहिए, जिसकी तीखी प्रतिक्रिया बंगाल और बंगालियों में हुई थी।

सत्तर के दशक में रवींद्र मूर्ति तोड़े जाने के खिलाफ बंगाली भद्रलोक नक्सली दमन के समर्थक हो गये थे,यह भी गौर तलब है। वह बंगाली रवींद्रप्रेम अब गेरुआ हो गया है और इसकी उपमा लिखना बंगाल में भारी जोखिम उठाने के बराबर है।

अब जब यूपी के मुख्यमंत्री आनंद मठ के सन्यासी विद्रोह के महानायक के अवतार बताये जा रहे हैं तो बंगाल में बंकिम और आनंदमठ के महिमामंडन अभियान का आशय अलग से समझाने की जरुरत नहीं है।

जो भी सेकुलर मान लिए जायेंगे वे सजी भुगतने को तैयार रहें तो बेहतर।

पिछले दिनों लिख न पाने की वजह से मैंने इस बारे में बांग्ला,हिंदी और अंग्रेजी में कई वीडियो फेसबुक पर जारी किये हैं,जिसका प्रसारण रोका जा रहा है।

पेसबुक पर हम जैसे तमाम लोगों को गालियां मिलती रहती हैं और धमकियां भी।यह लिखने का पुरस्कार है और मुझे इससे कोई ऐतराज नहीं है।मेरे लिए फिलहाल सुविधा यह है कि भक्तजनों के नजरिये से मैं कोई पुरस्कृत या ब्रांडेड आिकानिक लेखक पत्रकार वगैरह नहीं हूं तो वे मेरे लिखे का खास नोटिस नहीं लेते और लेते भी हैं तो संस्थागत शैली के तहत कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करते।

वैसे भी सेकुलर वामपंथी बंगाल या अंबेडकरी महाराष्ट्र के मुकाबले अमूमन आम तौर पर इक्का दुक्का फेसबुक पोस्ट के अलावा हिंदी दुनिया में साहित्य और कविता के खिलाफ राष्ट्रवादी धर्मोन्माद  का नजारा माने नहीं आया है।

मसलन महंत आदित्यनाथ जो मुख्यमंत्री बन जाने के बाद संतानदल के सिपाहसालार घोषित किये जाते हैं,उनके बारे में कहा जाता है कि वे हमारे प्रिय मित्र उदय प्रकाश की पीली छतरियां समेत तमाम कहानियों और उपन्यासों के नियमित पाठक हैं और उन्हें उदय प्रकाश की कविताएं याद हैं।

वैसे भी गढ़वाली होने के कारण वहां की जन्मगत आदत मुताबिक साहित्य का पाठक अगर हैं भवानाथ अवतार,तो उम्मीद है कि उन्होंने कुछ सेकुलर लोगों की कविताएं भी पढ़  ली होंगी और हो सकता है कि वे लघु पत्रिकाएं भी पढ़ते रहे हों।ऐसे तमाम लोग लाइन में आ जायें तो उनका कल्याण है।

हिंदू राष्ट्रवाद और पेशवा के भगवाराज की सरजमीं पर असहिष्णुता का बागों में बहार रही है।वहीं पानसारे और दाभोलकर की हत्या हुई तो कर्नाटक के भगवाकरण के बाद वहां कुलबर्गी मारे गये तो तलंगना अलग हो जाने के बाद हैदराबाद में रोहित वेमुला की हत्या हो गयी।

जाहिर है कि अपढ़,अधपढ़ गायपट्टी में कवियों और साहित्यकारों की कोई खास औकात महाराष्ट्र,कर्नाटक और बंगाल,केरल की तरह होती नहीं है और उनकी क्रांति का कोई असर जनमानस पर होता नहीं है।

पाश जैसे खतरनाक लोग भी गायपट्टी में होते नहीं हैं तो संतान दल प्रमुख की तरफ से उनकी सेहत को फिलहाल कोई खतरा लगता नहीं है।

बंगाल में अब भी राजनेताओं और दूसरे विभिन्न क्षेत्र के कामयाब लोगों के मुकाबले रवींद्र शरत संस्कृति के मुताबिक फटेहाल साहित्यकारों, कवियों, चित्रकारों, कलाकारों, रंगकर्मियों और आम संस्कृतिकर्मियों की साख बहुत ज्यादा है और वे अब भी जनमत और जनमानस को प्रभावित करते हैं।

ये तमाम लोग प्रगतिशील और सेकुलर माने जाते हैं।

दीदी के जमाने में उन्होंने दलबदल भले किया हो,लेकिन भगवा राष्ट्रवादियों, बजरंगी वाहिनी और मजहबी सियासत के नजरिये से ये लोग अब भी वामपंथी और सेकुलर हैं।इनमें जो भी मुखर हैं,वे निशाने पर हैं।

सत्ता दल को वे किसी गिनती में नहीं रखते हैं क्योंकि वह टूटन के कगार पर है और उनके तमाम मंत्री ,एमपी ,विधायक टूटकर बजरंगी सेना में शामिल होने को बेताब है।लेकिन बंगाल के जनमानस का केसरिया कायाक्लप करने के लिए इन वामपंथी सेकुलर संस्कृतिकर्मियों से निपटना जरुरी है जो बंगाल में वाम शासन के अंत के बावजूद पहले की तरह प्रतिबद्ध और सक्रिय बने हुए हैं।

जाहिर है कि गायपट्टी में ऐसे हिंदुत्वविरोधी तत्वों का कोई असर नहीं है और चाहे तो संतान दल प्रमुख उन्हें पुरस्कृत सम्मानित कर सकते हैं।

गनीमत है कि मैं हिंदी का लेखक हूं।कवि ,साहित्यकार वगैरह नहीं हूं।

बांग्ला का लेखक तो किसी भी मायने में नहीं हूं।और न बंगाल की जनता में हमारी पैठ हैं और हमारे सारे पाठक बंगाल से बाहर के हैं,जो हमारा लिखा कभी कभार पढ़ लेते हैं मजे के लिए या मेरा कहा सुन भी लेते हैं टाइम पास करने के लिए,लेकिन उन पर हमारा कोई असर होता नहीं है।

वे मर्जी हुई तो कभी कभार लाइक कर देते हैं लेकिन कुछ भी शेयर करते नहीं हैं।इसलिए फिलहाल सकुशल हूं।ऐसी ही कृपा बनाये रखें।

हालांकि हमें भी कविताएं लिखने का बचपन से शौक रहा है।

गुरुजी ताराचंद्र त्रिपाठी से मिलने से पहले तक मैं सिर्फ बांग्ला में ही लिखा करता था।उन्होंने ही मुझे सिखाया की हर भाषा हमारी मातृभाषा है और उनके कहने पर ही मैं हिंदी में लिखता रहा हूं।

दो कहानी संग्रह और अमेरिका से सावधान के बाद जब किसी ने मुझे घास नहीं डाला तो मैं समझ गया कि साहित्यिक बिरादरी में मेरी कोई जगह नहीं है।हिंदी में मेरी सैकड़ों कविताएं छपी हैं।इनमें पचासेक कविताएं लंबी और बेहद लंबी हैं।तराई कथा तो चोटे पाइंट में  छपने के बाद भी बत्तीस पेज की हो गयी।सैकड़ों अप्रकाशित कविताएं और दर्जनों कहानियां मैंने किसी पत्रिका या प्रकाशक को नहीं भेजीं।कविता संग्रहों का हश्र दिखते हुए कविता संग्रह निकालने के बारे में भी नहीं सोचा।

हमने पहले ही लिखा है कि मणिपुर में केसरिया सुनामी पैदा करने के लिए नगा और मैतेई समुदायों के बीच नये सिरे से वैमनस्य और उग्रवादी तत्वों की मदद लेकर वहां हारने के बाद भी जिस तरह सत्ता पर भाजपा काबिज हो गयी, उस पर बाकी देश में और मीडिया में कोई चर्चा नहीं हो रही है।

इसी तरह मेघालय, त्रिपुरा, समूचा पूर्वोत्तर, बंगाल बिहार उड़ीसा जैसे राज्यों को आग के हवाले करने की मजहबी सियासत के खिलाफ लामबंदी के बारे में न सोचकर निंदा करके राजनीतिक तौर पर सही होने की कोशिश में लगे हैं लोग।

इस बीच पूर्व भारत की दो शक्तिशाली राष्ट्रीयताओं बंगाली और असमिया राष्ट्रीयताओं की फिर मुठभेड़ की हालत पैदा कर दी  गयी है,जो बंगाल,पंजाब,कश्मीर और असम के विभाजन के बाद दिल्ली की राजनीति की सुनियोजित परिकल्पना रही है। धार्मिक ध्रूवीकरण बेहद तेज हैं और मणिपुर में नगा मैतेई टकराव के बाद अब असम, मणिपुर और पूर्वोत्तर के नगा इलाकों को लेकर अलग महानगालैंड बनाने का आंदोलन उसी संगठन ने छेड़ दिया है, जो दशकों से पूर्वोत्तर में अलगाववादी आंदोलन चला रहा है और केंद्र सरकार उसे उग्रवादी संगठन मानती है।

गौरतलब है कि मणिपुर में नई सरकार को इसी संगठन का खुला समर्थन हैं।

इस संदर्भ में मेरे वीडियोः

ময় জানাইছু বহা 'গ বিহু লৈ অভিনন্দন!

Accent might be different but we are the same one blood people connected by the glorious theme of Bihu!

Bihu must be projected as the cultural heritage for unity.

https://www.facebook.com/palashbiswaskl/videos/1663482100346859/?l=143451601315938798


Most urgent in reference of the sovereignty of the Nation

हिंदू राष्ट्र के लिए नगालिम,महानगालैंड आंदोलन राष्ट्र के लिए भारी खतरा

बंगाल में रवींद्र माइकेल मधुसूदन दत्त,विद्यासागर और नवजागरण के खिलाफ घृणा अभियान के खिलाफ सन्नाटा,आनंदमठ और बंकिम चंद्र का महिमामंडन

https://www.facebook.com/palashbiswaskl/videos/1661998303828572/?l=2893064857459593506

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!More Mayhem to follow if we fail to activate the Love apps !

Palash Biswas

https://www.facebook.com/palashbiswaskl/videos/vb.100000552551326/1661747550520314/?type=3&theater


ত্রিশুল বিদ্ধ,রক্তাক্ত আ মরি মোর বাংলা ভাষা!

মধুকবি,রবীন্দ্রনাথকে নির্লজ্জ আক্রমণ ও একটি ভূল কবিতা নিয়ে ধর্মীয় মেরুকরণ!

তবে কি এই বাংলাতেও সাহিত্যকি ,সাংবাদিক,সংস্কৃতিকর্মিদেরবধ্যভূমি প্রস্তুত?

https://www.facebook.com/palashbiswaskl/videos/1659727487388987/?l=6991427350561751897

#Embroidered Quilt#, a focus on the poet Jasimuddin and his works to understand the Chemistry and Physics of Communal Politics which inflicts the Indian pshyche countrywide and specifically in Bengal where it originally roots in.

Palash Biswas

https://www.facebook.com/palashbiswaskl/videos/1659130364115366/?l=1691417911761343781

आजादी की लड़ाई और शहादतों की महान विरासत के हम कैसे वारिस है?

https://www.facebook.com/palashbiswaskl/videos/vb.100000552551326/1657604207601315/?type=3&theater

मैं नास्तिक क्यों हूं# Necessity of Atheism#!Genetics Bharat Teertha#Charvak # one blood India!

आज घर घर शहीदे आजम के पैदा होने की जरुरत है। भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरू के 86 वें शहादत दिवस पर आज 23 मार्च 2017 को उनके विचारों पर केंद्रित यह वीडियो देखें।

https://www.facebook.com/palashbiswaskl/videos/vb.100000552551326/1657107694317633/?type=3&theater




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Wednesday, March 29, 2017

#UPCM #ADITYANATH HAILED AS ANANDMATH SANYASI: #ANANDMATH PREACHED CLEANSING OF MUSLIMS & HAILED THE BRITISH RULE!

#UPCM #ADITYANATH HAILED AS ANANDMATH SANYASI: #ANANDMATH PREACHED CLEANSING OF MUSLIMS & HAILED THE BRITISH RULE!

http://www.hastakshep.com/englishopinion/debate-up-cm-adityanath-hailed-as-anandmath-sanyasi--13696

भाजपा-आरएसएस को होशियार और तेजतर्रार सवाल पूछने वाले छात्रों से डर क्यों लगता है

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/rss-jnu-tiss-tata-institute-of-social-sciences-13691

जेएनयू को बंद करने के रास्ते पर अघोषित तौर पर कदम बढ़ा दिया मोदी सरकार ने

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/modi-government-jnu-admission-phd-research-mphil-seat-cut-13699

कांशीरामवाद पर हेडगेवारवाद की निर्णायक विजय

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/kanshiram-hedgewar-13698

विस्थापन के खिलाफ छत्तीसगढ़ किसान सभा ने निकाली रैली

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/chhattisgarh-kisan-sabha-takes-out-rally-against-displacement-13697

रिस्क लेना सीख रहा है #मुसलमान : #सपा #बसपा को निरीह मुसलमान ही अच्छे लगते हैं

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/muslim-is-learning-to-take-risk-13681

खतरनाक इशारे योगी राज के

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/dangerous-gestures-of-yogi-raj-13678

मप्र : पुलिस द्वारा सामूहिक लैंगिक हिंसा और लूट मामलादो माह बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/2-months-later-no-arrests-in-mass-sexual-violence-and-loot-in-villages-of-dhar-13693

निगम चुनाव : उम्मीदवार चयन के लिए कांग्रेस ने बनाई स्क्रीनिंग कमेटी

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/corporation-election-candidate-selection-congress-screening-committee-delhi-13695

केजरीवाल की 'आपसे वसूला जाएगा सरकारी धन

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/lieutenant-governor-delhi-government-kejriwal-aap-government-money-13694

एमसीडी : मौजूदा पार्षदों को टिकट नहीं देने के फैसले से भाजपा में भीतरघात का खतरा

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/mcd-bjp-13690

जिस कार्यालय से पुलिस सेवा की शुरुआत की 23 साल बाद किया उसका उद्घाटन 

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/amulya-patnaik-east-delhi-office-in-shahdara-district-13689

अखिलेश राज में 2454 आईपीएस के तबादलेआरटीआई से हुआ खुलासा

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/2454-ips-transfers-in-akhilesh-govt-13686

आसूस ने दुनिया में सबसे पतला और हल्का 13.3 इंच का नोटबुक ज़ेनबुक #UX330 लॉंच किया

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/asus-unveils-zenbook-ux330-one-of-the-slimmest-and-lightest-133-inch-clamshell-13682

आदिवासियों पर सुरक्षा बलों के हमले की जांच की मांग

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/demand-for-investigation-of-excesses-by-security-forces-13675

योगी सरकार के कामकाज पर नजर रखेगा जनमंच

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/yogi-sarkar-janamanch-akhilendra-pratap-singh-13673

मधुमेह में बचें इन चीजों से

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/avoid-these-things-with-diabetes-13644

 


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ময় জানাইছু বহা 'গ বিহু লৈ অভিনন্দন! Accent might be different but we are the same one blood people connected by the glorious theme of Bihu! Bihu must be projected as the cultural heritage for unity. Palash Biswas

ময় জানাইছু বহা 'গ বিহু লৈ অভিনন্দন!
Accent might be different but we are the same one blood people connected by the glorious theme of Bihu!
Bihu must be projected as the cultural heritage for unity.
 Palash Biswas
As we see different dialects in different districts with its own folk heritage and identity in any part of this universe as it is predominant in UP.Madhy Pradesh and Bengal specifically, Bengal and Bangladesh along with Assam and northeast having genetically the same demography differ in political geography.For example,in Bihar Maithili has its own script while Bhojpuri,Maghi or Vajjika have none.
The dilects in north Bengal or northern Bangladesh as in Chittagang, Noakhali and Silhat are quite different in accent and sound system from rest of Bengal.But the have one single script Brahmi.Even the dilects used by prominent writers and poets belonging to different distrits including Dhaka are quite different in Bangladesh litreature.But the ingle script unites them.
As people,Bengalies,Ahamia ,bihari,Tripuri or manipuri or anywhere in this region we belong to same cultural heritage with differt scripts recognized as separate language ,soico political or cultural group,but we have not any difficulty to interact with each other with our different languages and dialects.Thus,Bihu must be projected as the cultural heritage for unity.
On the occasion of Rangali Bihu I salute to the indigenous Ahmia people and Assam in general and request them to consider the genetic unity despite difference in language and script with other parts of Eastern and North east India,which has been subjected to the colonial power politics with divide and rule politics.
Bihu unites the people and its music heals the ailing heart and mind.The Non Classical Bihu dance requires full bodi movement unlike other dance formats including classical dance.
Our poet minister friend from Tripura Anil Sakar considered Bihuas unifying forces and I was present in Brahamaputra Beach festival in Guahati in 2003 while late Anil Sarkar declared Bihu a compulsary subject in Assam schools.I am missing this vision from the present leadership in Assam,Bengal,Tripura,Bihar and other states.
With comrade Anil Sakar`s intiative a high profile Bihu Team from Guahaiti led by Prafulla Gogoi,Miss saikia and Miss Kokoti perfomed in Kolkata and around on Bengali Folk poet Vijay sarkar`s birth anniversary in 2003 and I had been the General Secretary of Banga Sahitya sanskriti samiti to organise this cultuaral festival.
I am sorry the after the demise of the poet,Anil Sarkar we individually or collectively failed to continue the cultural activism for unity which is much needed.
I agree with you,Jitendra Kumar!The problem is misinformation campaign which blocks the voices of the people at every level.It is digital terrorism in Aadhaar Cashless digital India.Media is focusing on reformative agenda to strengthen corporate hegemony and the truth about North east,Central India,South India and Himalayan region has no way to be communicated and ethnic cleansing becomes the political culture about which the mainstream is quite unaware.
I am unable to communicate with the concerned people and general audience with my writings in different languages since 1973.

It looks futile to react as long as we have enough ground for an ideological.social and cultural resistance against this absolute power of institutional,racist  fascism empowered with recent mandate overwhelming with vertical partition and resultant holocaust embodied in constitutional democracy in a military state ruled by hegemony of patriarchal  apartheid while dreams as well as thoughts along with our berathing are under surveillance and every system available restricts interactive dialogue.
I tried to opt for visual apps and it is also a captured sphere as much as the mainstream print and electronic media,other mediums and genres of literature,information,creativity and culture are.
I am feeling hijacked by the elements of brutal forces of darkness  as I may not cry freedom!relevant content in any format is blocked and technology perhaps might not break through an escape route from this Gas Glass House illuminated with religious,sectarian and caste identity LCD.
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Monday, March 27, 2017

হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!More Mayhem to follow if we fail to activate the Love apps ! Palash Biswas


হে মোর চিত্ত, Prey for Humanity!More Mayhem to follow if we fail to activate the Love apps !
Palash Biswas
video:https://www.facebook.com/palashbiswaskl/videos/1661747550520314/?l=2641029038663938894

73 ethno-linguistic groups establish that ancient India was one in which all people intermingled freely!

India is inflicted with Mandal Kamandal Civil war just because of an artificial system Manusmriti imposed upon generations of people that encouraged inequality and supressed them for 2,000 years.

In ancient India,we Indians were ONE Blood,latest genetic study proves and it says that Manusmriti launched after the demise of Buddhist India killed that unity and integrity inherent,the merger of human streams and now HinduTaliban sustains the Manusmriti!

We,the Indian people share the most common genetics of love,tolerance and pluralism!Despite the inherent racist apartheid of Caste!

In India,the genetics of humanity calls for tolerance, pluralism, universal brotherhood, unity, integrity and Buddhist ideology of Panchsheel to resist the caste war ahead,the Mandal Kamandal War overwhelming and the intensive religious polarization resultant to sustain dynasty rule as dynasty rule is the genetics of hegemony that kills the democracy and secularism to invoke the incarnation of suicidal fascism!

Latest genetic studies prove that caste system kills the inherent unity of the universal brotherhood and the killings further intensified with religious polarization supported by the economics of Free market with free flow of foreign capital and foreign interests.It makes the genetics of violence and hate so dominant that the world is set on fire.

As the situation being alarming,we have to bear the burns of terror strike anywhere  any timeI Paris is not the last destination of terrorism,I am afraid.Islamic State owns the responsibility of Paris Tragedy at the moment as media claims and French President virtually announced yet another global war against terror endorsed by Indian political leadership.

महत्वपूर्ण खबरें और आलेख जो भी आज साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ रहा है वह भगत सिंह है

अवैध स्लाटर हाउस मामला : योगी के इस विकास की नींव तो अखिलेश रख गए थे

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/invalid-slater-house-case-yogi-adityanath-foundation-of-development-akhilesh--13653

 

गोवा में बीफ बिकता है और उप्र में बीफ बंदी,सरकार दोनों जगह भाजपा की ही है

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/nature-of-country-secularism-fanatic-hinduism-india-hindutva-13647

 

धर्मनिरपेक्षता की बजाय कट्टर हिंदूवादी स्वभाव की ओर बढ़ रहा देश का स्वभाव

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/nature-of-country-secularism-fanatic-hinduism-india-hindutva-13647

 

बसपा की जाति की राजनीति ने हिंदुत्व को कमज़ोर करने की बजाये उसे मज़बूत ही किया !

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/margdarshk-mandalor-mookdarshak-mandal-13638

 

मार्गदर्शक मंडल को 'मूकदर्शक मंडलबना रखा है मोदी-शाह की जोड़ी ने !

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/margdarshk-mandalor-mookdarshak-mandal-13638

 

आंकड़ें बताते हैंदेश में मोदी लहर नहीं, 2019में योगी मोदी की लाचारी हैं

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/anti-power-wave-elections-of-2019-modi-wave-13633

 

जो भी आज साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ रहा है वह भगत सिंह है

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/bhagat-singh-remembered-in-canada-13654

 

कोर्ट में 'आपनेताओं को मिली जान से मारने की धमकी, AAP ने लिखा गृह मंत्री को पत्र

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/press-association-elections-jaishankar-gupta-13650

 

लिवर कैंसर का अब आसान इलाज

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/easy-treatment-of-liver-cancer-13643

 

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महत्वपूर्ण खबरें और आलेख गोवा में बीफ बिकता है और उप्र में बीफ बंदी, सरकार दोनों जगह भाजपा की ही है

महत्वपूर्ण खबरें और आलेख गोवा में बीफ बिकता है और उप्र में बीफ बंदी, सरकार दोनों जगह भाजपा की ही है

गोवा में बीफ बिकता है और उप्र में बीफ बंदीसरकार दोनों जगह भाजपा की ही है

छोटे स्लाटर हाउस बंद होंगेलेकिन बीफ की बड़ी कंपनियां अपना काम करती रहेंगी। यानी छोटे कारोबारियों की छुट्टी और कारपोरेट मुनाफा कमाएंगे।जब से भाजपा की केंद्र में सरकार बनी है बीफ निर्यात डेढ़ गुना हो गया

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/slaughter-house-beef-bjp-yogi-sarkar-anti-romeo-squad-13652

 

 

स्लाटर हाउस बंद कराने के योगी के अभियान को धार्मिक चश्मे से देखने के बजाए आर्थिक व राजनीतिक निगाह से देखने की ज़रूरत है।...

जब से भाजपा की केंद्र में सरकार बनी है बीफ निर्यात डेढ़ गुना हो गया है और अब यह और बढ़ने वाला है। इससे साफ है कि असल मामला वध का नहीं है

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/slaughter-house-beef-bjp-yogi-sarkar-anti-romeo-squad-13652

 

 

 

अवैध स्लाटर हाउस मामला : योगी के इस विकास की नींव तो अखिलेश रख गए थे

समझ में यह नहीं आ रहा है कि दोनों में से किसने जानवरों से ज़्यादा दोस्ती निभाई। क्रेडिट योगी को गया। बेचारे अखिलेश ǃǃǃ जिस विकास की नींव अखिलेश ने रखी थी उसका चैम्पियन कोई और बन गया।...

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/invalid-slater-house-case-yogi-adityanath-foundation-of-development-akhilesh--13653

 

 

 

आज नारायण दत्त तिवारी तथा एसएम कृष्णा जैसे वरिष्ठतम कांग्रेसी नेता भाजपा में शरण पाते देखे जा रहे हैं।

हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे नेता जिन्हें कभी मुस्लिम समाज के लोग अपने नेता के रूप में देखा करते थेउनके परिवार के सदस्य भाजपा में शामिल हो चुके हैं और उनकी बेटी रीता बहुगुणा उत्तर प्रदेश में मंत्री बनाई जा चुकी हैं।

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/nature-of-country-secularism-fanatic-hinduism-india-hindutva-13647

 

 

मार्गदर्शक मंडल के जो नेता चल-फिरहिल-डुल और बोल सकते थेउन्हें 2014 के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठकों में कितनी बार मार्गदर्शन प्रदान करने का अवसर दिया गयाइस प्रश्न के आलोक में पड़ताल की जाए तो पार्टी की अंदरूनी साजिशें सामने आ जाएंगी।

बंगलुरूगोवाऔर दिल्ली तीनों राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठकों की तस्वीर लगभग एक जैसी हैजहां न तो लालकृष्ण आडवानी का नाम लेने वाला कोई थान मुरली मनोहर जोशी का।

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/margdarshk-mandalor-mookdarshak-mandal-13638 

 

 

 

देश में मोदी लहर नहीं है। उल्टा 2019 के चुनाव में सत्ता विरोधी लहर की प्रवृत्ति का डर है। इसलिए देश में लोकसभा में सबसे ज्यादा सांसद भेजने वाले राज्य उ. प्र. में मोदी-शाह कोई गलती नहीं करना चाहते ...

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/anti-power-wave-elections-of-2019-modi-wave-13633

 

 

मुरादाबाद शहर का आवास विकास की कालोनी में हमारे सहकर्मी तबरेज अपना अनुभव बताते हैं कि वह रामशरण शर्मा से हिन्दू- मुस्लिम भाईचारे पर सवाल करते हैं तो जबाब मिलता है कैसा भाई?मुसलमान कब भाई बन गया?

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/muslims-path-of-development-cremation-ground-uttar-pradesh-elections-13616

 

 

बसपा की जाति की राजनीति ने हिंदुत्व को कमज़ोर करने की बजाये उसे मज़बूत ही किया !

बसपा की जाति की राजनीति अवसरवादिता,सिद्धान्हीनतादलित हितों की उपेक्षा और भ्रष्टाचार का शिकार हो कर विफल हो चुकी है. अतः इस परिपेक्ष्य में दलितों को अब एक नए रैडिकल राजनीतिक विकल्प की आवश्यकता है...

http://www.hastakshep.com/opinion-debate-hindi/failure-of-dalit-politics-and-options-13639

 

कोर्ट में 'आपनेताओं को मिली जान से मारने की धमकी, AAP ने लिखा गृह मंत्री को पत्र

अरुण जेटली के पक्ष के वकीलों के हुजूम के साथ आए वकील ने कोर्ट में ही दी 'आपनेताओं को जान से मारने की धमकी - आरोप...

http://www.hastakshep.com/news-in-hindi/aap-arun-jaitley--13651


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