| Saturday, 07 July 2012 17:10 |
उन्होंने बताया, ''हमने मुख्य चुनाव आयुक्त से कहा कि नियमों के मुताबिक निर्वाचन अधिकारी उनके द्वारा जताई गई सभी आपत्तियों पर विचार करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं। निर्वाचन अधिकारी ने हमारी ओर से उठाई गई सभी आपत्तियों पर विचार नहीं किया है।'' महताब ने कहा, ''इस तरह से निर्वाचन अधिकारी ने उस व्यक्ति की मदद की, जिनके खिलाफ फर्जीवाड़ा के आरोप लगाए गए हैं। आईएसआई से प्रणव मुखर्जी का इस्तीफा उचित तरीके से स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि एमजीके मेनन इसे स्वीकार करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं हैं।'' प्रतिनिधिमंडल द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष उठाई गई आपत्तियों में ये बातें भी शािमल हैं कि निर्वाचन अधिकारी के पास प्रस्तावकों और अनुमोदकों के हस्ताक्षरों की जांच करने की शक्ति है। उनका यह भी कर्तव्य है कि वह उनके हस्ताक्षरों की सत्यता की जांच करें। संगमा खेमे ने मुखर्जी के इस्तीफा पत्र का मुद्दा उठाया था, जिसपर उनका हस्ताक्षर विवादास्पद था। यह बात भी विवादास्पद थी कि यह पत्र पिछली तारीख का था। जैन ने कहा कि इन आपत्तियों पर विचार करने की बजाय निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिनपर फैसला अन्य उचित फोरम से दिया जा सकता है। हालांकि, निर्वाचन अधिकारी ने उस फोरम का नाम नहीं बताया। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम की धारा पांच :ई: के तहत यदि प्रस्तावक या अनुमोदक के हस्ताक्षरों के बारे में विवाद है या इस सिलसिले में कोई फर्जीवाड़ा है, तो निर्वाचन अधिकारी इस विषय पर फैसला कर सकते हैं। |
Saturday, July 7, 2012
प्रणव अब भी लाभ के 2 पदों पर काबिज: संगमा
प्रणव अब भी लाभ के 2 पदों पर काबिज: संगमा
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नयी दिल्ली, सात जुलाई (एजेंसी) राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार पी ए संगमा ने संप्रग उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी के खिलाफ लाभ के दो और पदों पर अभी तक काबिज रहने के नये आरोप लगाए। साथ ही उनकी उम्मीदवारी के सिलसिले में जताई गई आपत्तियों की फिर से जांच के लिए चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की है। राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी द्वारा उनकी शिकायत को खारिज किए जाने पर असंतोष जाहिर करते हुए संगमा की ओर से तीन सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया। आयोग ने उन्हें अपनी मांग के बारे में लिखित रूप में सोमवार शाम तक दलील पेश करने का वक्त दिया है। 
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