Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Sunday, October 20, 2013

आपका पीएफ खतरे में

आपका पीएफ खतरे में

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​



आम तौर पर सरकारी या बेसरकारी कर्मचारियों की परवाह वेतन और भत्तों की जितनी होती है,उतनी भविष्यनिधि,ग्रेच्युटी और पेंशन की नहीं होती। अगर कोई हालत वक्त से पहले पीएफ निकालने की होती है,तभी खोजबीन करते हैं लोग। वरना लोग तजिंदगी रिटायर होने से पहले पीएफ खाते में झांककर नहीं देखते।अगर आपने अपने प्रोविडेंट फंड (पीएफ) खाते को इन दिनों चेक नहीं किया है, तो जरूर उसकी जांच कर लें. क्या पता आपके पीएफ खाते में भी निगेटिव बैंलेस दिख रहा हो. जी हां, धोखेबाजों ने अब लोगों के पीएफ खातों में भी सेंध लगा दी है।


अक्सर नियोक्ता पीएफ की रकम वेतन से काट तो लेते हैं,पर जमा ही नहीं करते और कर्मचारियों को कानोंकान खबर नहीं होती।जब खबर होती है तब संस्था तालाबंद।हालांकि सरकार के पीएफ फंड (ईपीएफ) में योगदान करने वाले पांच करोड़ कर्मचारी (सब्सक्राइवर) इंटरनेट पर अपने अकाउंट का अपडेट देख सकेंगे और इसका प्रिंटआउट भी ले सकेंगे।सब्सक्राइवर रियल टाइम बेसिस पर अपने अकाउंट का ऑनलाइन जायजा ले सकेंगे। इस समय ईपीएफओ की ओर से कर्मचारियों को साल में एक अकाउंट स्टेटमेंट मिलता है।ईपीएफओ इसकी पर्ची सितंबर तक डिस्पैच करता है। कई बार कर्मचारियों के पास यह देरी से पहुंचती है क्योंकि इसे बांटने की जिम्मेदारी नियोजकों (एम्पलॉयर) को दी जाती है। गौरतलब है कि ईपीएफओ ही कर्मचारियों के प्रॉविडेंट फंड का प्रबंधन करता है।अब नई सुविधा के मुताबिक कर्मचारी अपना पीएफ नंबर डालकर 31 मार्च तक पीएफ की राशि और ब्याज का जोड़ देख सकते हैं।



इसी बीच  प्रविडेंट फंड (पीएफ) अकाउंट का 30 फीसदी या करीब 2.5 करोड़ अकाउंट्स में नेगेटिव बैलेंस है। धोखाधड़ी करने वाले लोगों ने फर्जी विड्रॉल क्लेम से एंप्लॉयीज की रिटायरमेंट सेविंग्स में सेंध लगा दी है। इसके लिए फर्जी आइडेंटिटी डॉक्युमेंट्स की मदद से बैंक अकाउंट खोले गए हैं।


करीब 8.15 करोड़ फॉर्मल सेक्टर एंप्लॉयीज की पीएफ अकाउंट को लेकर चिंता बढ़ गई है। इनमें उन लोगों की मुश्किलें ज्यादा बढ़ सकती हैं, जो पिछले कुछ सालों के दौरान कई नौकरियों में शिफ्ट हुए हों और पीएफ बैलेंस निकाल नहीं पाएं हों या उसे ट्रांसफर नहीं करा पाए हों।एंप्लॉयीज प्रविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) के चीफ विजिलेंस ऑफिसर संजय कुमार ने आंतरिक जांच शुरू करने के आदेश दिए थे। इसमें फर्जी निकासी और लंबे समय से बिना फ्रेश इनफ्लो वाले अकाउंट के साथ गड़बड़ी होने की बात सामने आई है।


ईपीएफओ ने अप्रैल 2011 में तीन साल से अधिक समय तक डोरमेंट स्थिति वाले अकाउंट्स में इंटरेस्ट क्रेडिट करना बंद कर दिया है। इस समय करीब 3.04 करोड़ पीएफ अकाउंट को डोरमेंट स्टेट या इनऑपरेटिव माना गया है। इन अकाउंट्स में करीब 16,000 करोड़ रुपए का बैलेंस है।


गड़बड़ी के ये मामले तब सामने आए जब ईपीएफओ ने हाल ही में अपने खातों को सही करने का अभियान शुरू किया था। इसमें सभी मेंबर्स के अकाउंट को अप-टू-डेट करने का प्लान था।


अब भविष्यनिधि के खाते आनलाइन डिजिटल हैं। अब पीएफ पेंशन एफडीआई के जद में है।ईपीएफ वाले चाहे भविष्यनिधि के ब्याज में लगातार कटौती कर रहे हैं और कभीकभार आधा चौथाई फीसद बढ़ोतरी कर रहे होते हैं,लेकिन भविष्यनिधि की सारी रकम बाजार में खपने जा रही है।तैयारियां जोरों पर है। जो हाल बीमा प्रीमीयम का हुआ है कि शेयर बाजार की उछल कूद के मुताबिक ही पैसे निकालना है,वही हाल अब पीएफ का होना है। शेयरबाजार पर नजर रखे बिना पीएफ की रकम मौजूदा संकट से निपटने के लिए निकालने पर भारी घाटा भी हो सकता है,जैसा बीमा में हो रहा है।


अब सबसे बड़ा खतरा आनलाइन हो जाने से है। साइबर क्रािम पर अंकुश लगा नहीं है। हैकिंग कलासिद्ध है। कोई भी आपके पीएफ खाते में कभी भी घुसपैठ कर सकता है और जैसे कि नेट बैंकिंग में होता ही है,खाते की रकम कभी भी गायब हो सकती है।


हालत इतनी संगीन है कि ईपीएफ वालों के भी होश उड़े हुए हैं। पीएफ खाते आनलाइन होते न होते जालसाजी से साइबर अपराधी भविष्यनिधि की रकम उड़ाने लगे हैं।अब ईपीएफ ने अपने कर्मचारियों को सतर्क कर दिया है कि किसी भी भुगतान से पहले पूरी जांच पड़ताल कर लें। इसमें फिर खाताधारियों को पीएफ निकालने में पापड़ बेलने पड़ सकते हैं।खासकर जो संस्थाएं बंद हैं, उनके कर्मचारियों को भुगतान के सिलसिले में अति सतर्कता के निर्देश हैं।


पीएफ डिपार्टमेंट पिछले कुछ दिनों में अलग-अलग दो निष्कर्ष से भौंचक्का है। अब डिपार्टमेंट डैमेज कंट्रोल करने में लगा है। इसने सभी फील्ड ऑफिसर्स को सख्त दिशानिर्देश जारी कर इन गड़बड़ियों की जिम्मेदारी तय करने को कहा है। इसके अलावा डिपार्टमेंट ने नेगेटिव बैलेंस को ठीक करने और सिस्टम के जरिए कोई फर्जी दावा नहीं होने को सुनिश्चित करने को कहा है।



इस तरह के दावों में सिस्टम की जांच और बैलेंस से पकड़ में नहीं आने वाले हथकंडे अपनाए गए हैं। समझा जाता है कि पीएफ स्टाफ पर इन सभी फर्जी दावों को आसानी से क्लियर करने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपनाए गए हैं। ऐसे में धोखेबाजों को डोरमेंट (निष्क्रिय) अकाउंट्स की जानकारी साझा करने और इस लूट में सक्रिय भागीदारी में इनसाइडर्स के शामिल होने की पूरी संभावना जताई जा रही है। इस फर्जीवाड़े से बैंकों के नो युअर कस्टमयर या केवाईसी नॉर्म्स को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।

जिन खातों में लंबे समय से कोई रकम जमा नहीं हुई है,उनपर अति सतर्कता बरती जा रही है।बाकायदा निर्देशिका जारी कर दी गयी है।


इसके साथ ही छत्तीस महीने या तीन साल तक जिन खातों में पैसे जमा नहीं हुए, उन्हें बट्टाखाता में डालने का फतवा जारी हो चुका है।ये तमाम खाते निष्क्रिय गोषित किये जा रहे हैं।इसलिए रिटायर होने के तुरंत बाद अगर आपने पीएफ न निकाला तो बी मुश्किल हो सकती है।




No comments:

Post a Comment