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Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Monday, August 3, 2015

15 अगस्त पास आता देख अपने प्रोफाइल पिक पर झंडे का फ़ोटो न लगा ऐ ड्रामे बाज़ । बल्कि राष्ट्र वादी बन । सभी धर्मो का अदर करना सीख । रोमन लिपि में हिंदी लिखना बन्द कर । देव नागरी अपना ।सम्प्रदायिकता को तिलांजलि दे । याद रख झंडे को रस्से से बाँध कर डंडे पर टांगा जाता है । क्या तू मनुष्य की बजाय झंडा है ? झंडे का सम्मान कर पर स्वयम् झंडा न बन । इंसान बन ।

अपने राजीव नयन दाज्यू के फेसबुक वाल से कुछ मोती चुगकर डाल रहा हूं हालांकि मैं भी मानसरोवर को कोई हंस नहीं हूं।

बेहतर होता कि संगीतबद्ध अपने राजीव नयन बहुगुणा को सुर ताल समेत उठाकर अपने ब्लागों पर चस्पां कर देता तो यकीन मानिये,यह हस्तक्षेप भी बेहद प्रासंगिक होता।

जी रौ म्यर राजीव दाज्यू सौ सौ बरीस।

जी रौ म्यर राजीव दाज्यू हजारो हजार बरीस।

बलि हमारे धर्मांध मित्र उनकी सलाह पर अमल करें तो मोती चुगने की मेहनत वसूल हो।
हड़ि।

पलाश विश्वास

15 अगस्त पास आता देख अपने प्रोफाइल पिक पर झंडे का फ़ोटो न लगा ऐ ड्रामे बाज़ । बल्कि राष्ट्र वादी बन । सभी धर्मो का अदर करना सीख । रोमन लिपि में हिंदी लिखना बन्द कर । देव नागरी अपना ।सम्प्रदायिकता को तिलांजलि दे । याद रख झंडे को रस्से से बाँध कर डंडे पर टांगा जाता है । क्या तू मनुष्य की बजाय झंडा है ? झंडे का सम्मान कर पर स्वयम् झंडा न बन । इंसान बन ।


जब तक फांसी का प्रावधान कायम है , तब तक मेमन जैसे ही इस सज़ा के उपयुक्त उम्मीदवार हैं ।आखिर फांसी इनको नहीं तो क्या रेड लाइट क्रॉस करने वालों और जेब कतरों को लगेगी ? यह बात अलग है कि भारत जैसे सभ्य और आधुनिक लोकतन्त्र में मृत्यु दंड का प्रावधान समाप्त होना चाहिए ।


यह मध्य युगीन संहिंता है ।


दूसरी ओर आज अपराधी को फांसी दिए जाने पर बल्लियों उछलने वाले अपना मनो विश्लेषण करें । फाँसी देने वाला जज भी फैसले के बाद दुखी होकर अपना क़लम तोड़ देता है । और तुम ख़ुशी से नाच रहे हो ? अपने भीतर की बर्बरता पर क़ाबू पाओ । यह तम्हें आत्म हनन की ओर ले जायेगी ।


अब बेचारे कलाम साहब को बख्श दो । अपना काम धाम करो और लिखने के नए विषय तलाशो । टेलीविज़न ने सबको आदत लगा दी कि अचानक किसी एक को लेकर टूट पड़ो और फिर उसे भूल जाओ ।


" सब सिक्खन को हुकुम है
गुरु मानिए ग्रन्थ "
ग्रन्थ साहेब की यह देषणा सिर्फ सिखों के लिए नही अपितु सभी शिष्यों अर्थात मनुष्यो के लिए है । यह निर्देश हमें व्यक्ति पूजा और गुरुडम से बचाता है , तो व्यावहारिक वेदांत भी है । अध्य्यन शील और विचारवान बनें । बुद्ध के अनुसार - अप्प दीपो भवः


थमे जो बारिश
तो लोग देखें
छतों प चढ़ कर
धनक का मन्ज़र

Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna's photo.

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