Tuesday, October 7, 2025
मीडिया में देश कहां है? खबरें कहां हैं?
#पत्रकारिता इतनी आसान है क्या?
अस्सी नब्बे के दशक तक तकनीकी रूप में पिछड़े देश में किसी भी अखबार को पढ़ते हुए पूरे देश की खबरें मिल जाती थी। तब भाषाई अखबार आठ या दस पेज के होते थे।विज्ञापन इतने नहीं होते थे। ऑफसेट मशीनें नहीं होती थीं।#कंप्यूटर,#इंटरनेट नहीं होते थे और न ही हर शहर से अखबार निकलते थे।खबरें टेलीप्रिंटर, टेलीग्राफ और हाथ की लिखी खबरें डाक से आती थीं।
आज सारी सुविधाओं से लैस मीडिया है। भाषाई अखबार भी रंगीन और बीस तीस पेज के होते हां।चार पांच पेज पहले पेज की तरह छापे जाते हैं। पहले पेज पर भी #विज्ञापन होते हैं। सैकड़ों #टेलीविजन_चैनल हैं।लाखों #यूट्यूबर हैं। आईफोन से,लैपटॉप और ड्रोन से
#एआई की मदद से पत्रकारिता होती है। कारों,हेलीकॉप्टर,विमानों से चलते हैं पत्रकार।
खबरें कहां हैं?
खबरों में देश कहां है?
देश के लोग खान हैं?
जल जमीन जंगल पहाड़ मरुस्थल रण द्वीप कहां हैं?
आज भी इस देश के लोग गांवों में रहते हैं।ज्यादातर लोग किसान हैं या मजदूर है।मुख्य आजीविका #कृषि है।
#मीडिया में खेती,किसान,मजदूर और गांव कहां हैं?
पहले अखबारों में एक पेज भी अपराध पर केंद्रित नहीं होता था। मनोरंजन और बाजार अखबारों में नहीं होते थे।
आज #राजनीति, #मनोरंजन और #अपराध के अलावा,नेताओं की खबरों के अलावा क्या है?
ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है देश।मीडिया में अर्थव्यवस्था कितनी है?
#सूचना_महाविस्फोट का दौर है।दुनिया एक गांव है। मीडिया में सूचनाएं कहां हैं?
पहले पढ़े लिखे लोग हर #अखबार के संपादकों के बन जानते थे।आज जितने संपादकों को लोग जानते हैं? #संपादक हैं ही कितने?
पहले संपादक सर्वेसर्वा होते थे,अब क्या हैं?
#सोनम #वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद सारी चर्चा वांगचुक को लेकर है।
#लद्दाख कहां है? लद्दाख के लोग कहां है?
पहले लाठीचार्ज या गोलीकांड की खबर बहुत बड़ी खबर होती थी।अब नरसंहार भी खबर है क्या? मुठभेड़ खबर है?
दुर्घटनाएं और आपदाएं बड़ी खबर बनती हैं।फॉलोअप कहां है?
#आंदोलनों की खबरें खूब छपती थीं।आंदोलन अब भी हो रहे हैं।देशभर में आंदोलन खूब हो रहे हैं। आंदोलन का दमन भी खूब हो रहा है।खबरें कहां हैं?
#राजकाज की खबरें और नीतियों की आलोचना कहां है?
महिमा मंडन और चरित्र हनन के अलावा सहमति का विवेक और असहमति का साहस कहां है?
पहले पत्रकारों की रीढ़ साफ नजर आती थी।
अब रीढ़ कहां है?
#असम में लाखों छात्र,युवा और आदिवासी सड़कों पर हैं।
खबरें कहां हैं?
यह पूरा उपमहाद्वीप आपदाओं के शिकंजे में हैं। रोजगार, आजीविका,खेती किसानी, कारोबार, छोटे और मंझौल उद्योग खत्म हैं। खबरें खान हैं।
भुखमरी, चिकित्सा, शिक्षा, जनसमस्याओं, जनसुनवाई की खबरें कहां हैं?
पहले पूरे जिले में इक्का दुक्का पत्रकार होते थे। जिले और राज्य छोटे हो गए हैं। गांव और कस्बे अब बाजार हैं।
हर गली,हर मोहल्ले में जितने नेता हैं,उतने ही पत्रकार हैं।
पत्रकार कहां हैं?
किसके साथ पत्रकार हैं?
पहले पत्रकार जनता के हक में पत्रकारिता करते थे।
अब किसके लिए होती है पत्रकारिता?
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