Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Friday, August 16, 2013

पंद्रह सितंबर से पंद्रह नवंबर तक राजकाज पूरी तरह ठप हो जाने की आशंका

राइटर्स में अजब अफरातफरी,कोलकाता में ही विभाग शिफ्ट करने से नाराज कर्मचारी आंदोलन की राह पर।


पंद्रह सितंबर से पंद्रह नवंबर तक राजकाज पूरी तरह ठप हो जाने की आशंका

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


पंद्रह सितंबर से पंद्रह नवंबर तक राजकाज पूरी तरह ठप हो जाने की आशंका है।राइटर्स बिल्डिंग की मरम्मत अभी शुरु हुई नहीं है।लेकिन हावड़ा गंगाकिनारे राजधानी स्तानातंरण की प्रक्रिया कर्मचारियों के असहयोग के मध्य शुरु हो गयी है। मजे की बात तो यह है कि राइटर्स को हावड़ा ले जाने को लेकर विवाद नहीं है,बल्कि आरबीसी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह न होले के कारण कज्यादातर मंत्रालयों को कोलकाता में ही अन्यत्र शिफ्ट किये जाने को लेकर कर्मचारी आंदोलन की राह पर है।कर्मचारी संगठनों के पास हावड़ा शिफ्ट किये जाने वाले मंत्रालयों की सूचना तो है,लेकिन उनके अपने विभाग या मंत्रालय को आखिर कहां जगह मिलेगी इसका पता नहीं चल रहा है।इससे राइटर्स में अजब अफरातफरी है।


गौरतलब है कि राइटर्स की मरम्मत पर कितना खर्च आयेगा,इसका खुलासा नहीं हुआ है।लेकिन राइटर्स के राइटर्स में फिर लौट आने की संबावना नहीं है। दीदी किसी भी हाल में राइटर्स लौटने को तैयार नहीं है।डुमुरजला में नया राइटर्स बनाने का मामला अभी ठीक से पका नहीं है।पर एक बार राइटर्स के हावड़ा पार शिफ्ट कर जाने के बाद नयी राजधानी के लिए जगह बनाना दीदी के लिए बांए हाथ का खेल है।राजारहाट, न्यू टाउन ,साल्टलेक और कोलकाता के बजाय हावड़ा जिले में कोना एक्लप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो और छह के आसपास इफरात जगह है। मसलन प्रेत नगरी कोलकाता वेस्ट इंटरनेशनल सिटी का भी अधिग्रहण करने का विकल्प खुला है।


ऐसे में कर्मचारियों में कई तरह की आशंकाएं हैं।सबसे बड़ी दिक्कत तो यह है कि कोलकाता में ही रह जाने से उनका सीधा संपर्क अब दीदी के साथ असंबव हो जाएगा।फिर राइटर्स के मरम्मत के बाद अजायबघर या महालेकागार बन जाने की हालत में उनके लिए न राइटर्स में वापसी संबव है,न विकास भवन में जगह निकलेगी और आरबीसी में जगह तो राइटर्स की एक चौथाई भी नहीं होगी। इसलिए कर्मचारी इस अस्थाई शिफ्टिंग को स्थाई बंदोबस्त मानकर चल रहे हैं और वे कोलकाता में कहीं भी अपनी परमानेंटदुर्गत के लिए कतई तैयार नहीं है।


नवपर्याय और दूसरे कर्मचारी संगठन एकजुट होकर इस सिलसिले में अभी बैठक वगैरह कर रहे हैं। शिप्टिंग समस्या का संतोषजनक हल न मिलने पर कारवां जुड़ते जाने की आशंका है।


इसी बीच  स्थानांतरण की उलटी गिनती शुरु हो गयी है। वित्त मंत्रालय ने बाकायदा फतवा जारी कर दिया है कि 15 सितंबर के बाद अनिवार्य और संवेदनशील मामलों को छोड़कर कोई फाइल इधर से उधर नही होगी।राइटर्स में अफसरान की बैठक में वित्त सचिव हरिकृष्म द्विवेदी ने यह दो टुक शब्दों में स्पष्ट कर दिया है। बाकी दफ्तरों को भी इसकी सूचना दी जा रही है।वित्त मंत्रालय के मुताबिक 30 सितंबर तक राइटर्स खाली हो जाना है और किसी भी फाइल को पंद्रह दिनों में निपटाना असंभव है।


अब समस्या यह है कि राज्य सरकार के किसी भी दफ्तर की फाइल का वित्तमंत्रालय से अनुमोदन अनिवार्य है।इस हिसाब से 15 के बाद नये सिरे से सारे विभाग और खासतौर पर वित्त मंत्रालय के व्यवस्तित होने तक राजकाज ठप रहेगा। फिर अक्तूबर से उत्सव सीजन चालू होना है।छुट्टियां भी होनी है।य़ानी पंद्रह सितंबर से पंद्रह नवंबर तक राजकाज पूरी तरह ठप हो जाने की आशंका है।


इस पर तुर्रा यह कि अस्ताई राइटर्स यानी आरबीसी में वित्त निदेशालय के लिए जगह नहीं बन पा रही है। इसका मतलब हुआ कि सिर्फ वित्त मंत्री, वित्त सचिव और कुछ अफसर और अपरिहार्य कर्मचारी ही आरबीसी में जायेंगे।वित्तमंत्रालय के अधीन तमाम विभागों,उपविभगागों और दूसरे दफ्तरों को कोलकाता में ही कहीं एडजस्ट किया जाना है।इसलिए वित्त मंत्रालय के ही आरबीसी बेदखल कर्मचारियों और अफसरान रुष्ट है।अब दूसरे मंत्रालयों की हालत तो और भी खराब है।वित्तमंत्रालय के अधीन अल्प बचत विभाग,कृषि और कारा मंत्रालट को स्ट्रांड रोड के जेसाप बिल्डिंग में शिफ्ट कर जाने का हुक्म हो गया है।पंचायत राज मंत्रालय को साल्टलेक के नगरपालिका भवन में जाने का आदेश हो गया है।पंचायती राज मंत्री सुब्रत मुखर्जी की दीदी से कितनी नजदीकी बनी रहेगी,यह उनके नये अवस्थान से तय होगा जो अभी तय नहीं हुआ है।लेकिन ऐसा असंभव है कि वे आबरीसी में हों और उनका मंत्रालय साल्टलेक में।


इसीतरह प्राणी संपदा विभाग को साल्टलेक के गो संपदा भवन में अपनी जगह बनानी है।इनका तो फिर भी कुछ तय हो ही गया।बाकी अनेक विबाग हैं,जिनके लिए वैकल्पिक शरणस्थल तय नही है।यइन तमाम विभागों की शरमार्थी दशा है। जैसे श्रम मंत्रालय।श्रम मंत्री पुर्णेंदु बसु कर्मचारियों की पूछताछ से परेशान हैं,जबकि खुद उन्हें नहीं मालूम कि आखिर उन्हें बैठना कहां है।गौरतलब है कि कुल ग्यारह मंत्रालयों के लिए आरबीसी में जगह बन रही है और इस तालिका में श्रम मंत्रालय नहीं है।


No comments:

Post a Comment