Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Thursday, August 12, 2010

Fwd: Caste Census in biometric phase would be a big blunder



---------- Forwarded message ----------
From: Hitendra Gupta <guptahitendra@gmail.com>
Date: 2010/8/12
Subject: Re: Caste Census in biometric phase would be a big blunder


shukriya

2010/8/12 dilip mandal <dilipcmandal@gmail.com>

बायोमैट्रिक डाटा कलेक्शन और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर से साथ जाति गणना का प्रस्ताव निरर्थक, सामाजिक-आर्थिक आंकड़े नहीं मिलेंगे

नई दिल्ली: केंद्र सरकार का यह फैसला बेतुका और निरर्थक है कि बायोमैट्रिक कार्ड बनवाने के लिए आने वालों से उनकी जाति पूछ ली जाएगी। यह बेहद भ्रामक प्रस्ताव है। इस तरह आंकड़ा जुटाने से जाति आधारित जनगणना से हासिल होने वाले ज्यादातर लक्ष्य पूरे नहीं हो पाएंगे।  

जनगणना के फॉर्म में व्यक्ति की सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को समझने वाले कॉलम होते हैं। इन सूचनाओं के बगैर यूनिक आईडेंटी कार्ड बनाते समय एक अलग फॉर्म में जाति पूछ लेने भर से जाति और उनकी आर्थिक सामाजिक तथा शैक्षणिक स्थिति के अंतर्संबंधों को नहीं समझा जा सकता है।

इस तरह तो पूरी कवायद सिर्फ जाति की संख्या जानने तक सीमित हो जाएगी। इस तरह जाति का आंकड़ा इकट्ठा करने से जातियों औऱ जाति समूहों की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन नहीं हो पाएगा। जनगणना के समाजशास्त्रीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जाति के प्रश्न को जनगणना के साथ ही पूछा जाना चाहिए।

साथ ही नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के लिए 15 साल से ज्यादा उम्र वालों की ही बायोमैट्रिक सूचना ली जाएगी। परिवार के बाकी लोगों के बारे में इन्हीं से पूछकर कॉलम भरने का समाधान गृह मंत्रालय दे रहा है, जो अवैज्ञानिक तरीका है।

बायोमैट्रिक और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर का काम अभी प्रायोगिक स्तर पर है। इससे लेकर विवाद भी बहुत हैं। इसलिए इसके साथ जाति की गणना जैसे महत्वपूर्ण कार्य को शामिल करना सही नहीं है।

जनगणना और जाति गणना का काम जनगणना विभाग ही कर सकता है। उसके पास इस काम के लिए संसाधन भी हैं और अनुभव भी। यूनिक आइडेंटी कार्ड विभाग के पास न अनुभव है न संसाधन। आईडेंटी कार्ड बनाने वालों को जाति जनगणना का काम सौंपने का अर्थ होगा, इस पूरी कवायद को बर्बाद कर देना। 

 




--
Regards & Thanx
hitendra kumar gupta
+91-9873606696

My LinkedIn Profile: http://www.linkedin.com/in/guptahitendra


Please Visit:-
http://hellomithilaa.blogspot.com
Mithilak Gap...Maithili Me

http://mastgaane.blogspot.com
Manpasand Gaane

http://muskuraahat.blogspot.com
Aapke Bheje Photo

 




--
Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

No comments:

Post a Comment