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Thursday, December 1, 2011

Fwd: [Buddhist Friends] भारतीय खुदरा बाज़ार में विदेशी कंपनियों के स्टोर...



---------- Forwarded message ----------
From: Chandrakant Bhosale <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2011/12/1
Subject: [Buddhist Friends] भारतीय खुदरा बाज़ार में विदेशी कंपनियों के स्टोर...
To: Buddhist Friends <buddhistfriends@groups.facebook.com>


Chandrakant Bhosale posted in Buddhist Friends.
भारतीय खुदरा बाज़ार में विदेशी कंपनियों के...
Chandrakant Bhosale 4:17pm Dec 1
भारतीय खुदरा बाज़ार में विदेशी कंपनियों के स्टोर खुलने से आफ़त नहीं आने वाली है बल्कि इससे भारत में एक नए युग की शुरूआत होगी | सरकार का ये क़दम स्वागत योग्य है, सरकार को विज्ञापन के द्वारा लोगों को जागरूक करना चाहिए कि किस तरह से इन स्टोर्स के खुलने से आपके कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा इससे आपको फ़ायदा होगा | इन बाज़ारों में आप अपने उत्पाद को सही दाम पर बेच सकेंगे.ख़ासकर कर छोटे किसानों को अधिक फ़ायदा होगा |साहूकार किसानों को मजबूर करके कम क़ीमत पर अपना उत्पाद बेचने पर मजबूर कर देते हैं. इसलिए कि उसके पास अपने उत्पाद को संरक्षित करने के लिए कोई स्टोर नहीं है, किसान जिन्हें अपनी उपज का सही मूल्य अभी नहीं मिल पा रहा है वो मिलने लगेगा| इस तरह की दुकानों के खुलने से किसानों को अपने उत्पाद को बेचने के लिए प्लेटफ़ॉर्म मिलेगा | ये दुकानें हर गांव मुहल्ले और छोटे शहरों में नहीं खुलने वाली है, इस तरह की बड़ी कम्पनियां सिर्फ़ महानगरों में ही खुलेंगी भारत में आने से अनेक बेरोज़गारों को अपने ही देश में नौकरी मिलेगी. विदेशी सामान जिसे हम अभी भारी क़ीमत देकर खरीद रहे हैं वो हमें भारतीय वस्तुओं से भी सस्ते दामों में मिलने लगेंगे|

पंजाब के अमृतसर में वालमार्ट कम्पनी का पहला रिटेल स्टोर खुला था | क्या वालमार्ट का रिटेल स्टोर खुलने से पंजाब के किसानो और गरीबो को कोई परेशानी पैदा हुई है ? क्या पंजाब में छोटे दुकानदारो की दुकाने बंद होगई हैं ? अगर ऐसा है तो वहां बी जे पी – अकाली दल की सरकार है , वहां भा जा पा इसका विरोध क्यों नहीं कर रही ? क्यों नहीं वालमार्ट का स्टोर बंद करवा दिया जाता ?


हक़ीक़त तो ये है कि उच्च वर्ग हो या मध्यम वर्ग, इस देश का हर इनसान नकली और मिलावटी चीज़ों से परेशान है | हर कोई जानता है कि इस नकली और मिलावटी का धंधा ये छोटे दुकानदार ही करते हैं | बड़ी कंपनियों को ब्रांड की चिंता होती है इसलिए हम उस पर भरोसा कर सकते हैं. सामान भी सस्ता मिलेगा, किसानों का शोषण रुकेगा | हां ये बात ज़रूर है कि जो सालों से इस देश की जनता को मिलावटी सामान बेच रहे थे, उनकी दुकान बंद हो जाएगी | भारत सरकार द्वारा देर से लेकिन सही समय पर उठाया गया एक साहसिक एवं अति-महत्वपूर्ण कदम है। वैसे हर अच्छे एवं सच्चे कार्यों का विरोध अधिकतम होता है, क्योंकि इससे उन लोगों का एकाधिकार समाप्त हो जाएगा, जो मन मर्ज़ी से अपनी दुकान चलाते है, और गरीबों का शोषण करते हैं। भारत में जिस तरह से भ्रष्टाचार अपना पैर पसार रहा है, उसके लिए यह एक ऐसा कदम है जो भारत में छोटे किसानों की जिन्दगी को बदल देगा। हम जैसे छोटे किसानों के लिए अपने उत्पाद को बेचने के लिए सही बाज़ार मिलेगा। वैसे यह बड़े शहरों में ही खुलेगा ।एक महान फ़ैसला जो की बहुत देर से लिया गया. यह उन तमाम भारतीयों का सपना सच कर देगा जो अच्छी चीज़ें काम दामों में लेना चाहते हैं. हम सबने देखा है की बीमा बाज़ार को खोलने से किस्तों की दरें कम हुई हैं | चीनी मोबाइल हैंडसेट के लिए बाज़ार खोलने की वजह से नोकिया का बाज़ार पर एकाधिकार समाप्त हुआ है. वही नोकिया जिसका सबसे सस्ता फ़ोन 4000 में आता था, अब 1000 रुपयों में अपना सबसे सस्ता फोन बेचता है. इसी तरह से डीटीएच के बाज़ार में सन, एयरटेल, वीडियोकॉन कीमतों को बहुत नीचे ले आये हैं. हमें इसका स्वागत करना चाहिए |


( राजा ज़ैद खान )

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Palash Biswas
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