Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Wednesday, December 17, 2014

सरकार के मंत्री ने महिला को बताया डायन ! ’’ओटाराम भोपाजी ने कहा कि तू डाकण है और तुझे तो मारना पडे़गा’’

सरकार के मंत्री ने महिला को बताया डायन !

''ओटाराम भोपाजी ने कहा कि तू डाकण है और तुझे तो मारना पडे़गा''

सूबे की मुख्यमंत्री मंदिरों और पुजारियों तथा भोपो में बड़ी आस्था रखती है,अपने हर राजनीतिक अभियान को वे चारभुजा मंदिर से शुरु करती है तथा त्रिपुरा सुन्दरी के मंदिर में अनुष्ठान करवाती है,देवी देवताओं व पुजारियों व भोपों की पूरी जमात उनके ईर्द गिर्द मण्डराती रहती है,उनके प्रिय रत्नों में पिण्डवाड़ा क्षेत्र के विधायक और राज्य के गोपालन मंत्री ओटा राम भोपाजी भी है,जिनको भाव आता है और वे भाव खेलकर लोगों के बारे में भविष्यवाणियां करते है,ओटाराम राज्य की एक परम्परागत पशुपालक जाति रायका (रेबारी देवासी) से ताल्लुक रखते है जिनकी सिरोही जिले में बहुतायत है। यह ऊंट पालन करने वाला समुदाय है तथा मुख्यतः दक्षिणी पश्चिमी राजस्थान में पाया जाता है। ओटाराम देवासी जो कि भोपाजी के रूप में पूरे इलाके में प्रसिद्ध है,दूसरी बार विधायक बने है और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नजदीकी लोगो में शुमार होते है। वे उस भोपा संस्कृति से आते है जो अंधविश्वास और महिला अत्याचार के लिये कुख्यात है और इन धर्म स्थलों पर कथित तौर पर औरतों पर'ऊपरी हवा'  'जिन्नात' 'भूत' 'प्रेत'तथा'डायन'बताकर उनसे निजात दिलाने के नाम पर अत्याचार किया जाता है,उनका यौन शोषण होता है,उनके बाल पकड़ कर घसीटा जाता है,गर्म लौहे से दागा जाता है,चिमटों से पीटा जाता है,लातें मारी जाती है और कभी कभी तो मार ही डाला जाता है। इस भोपा कल्चर के चलते राज्य में गरीब,विधवा और कमजोर पारिवारिक पृष्ठभूमि की एकल महिलाओं पर तरह तरह के जुल्म ढ़ाये जाते है। इन भोपों का कोई इलाज नहीं है क्योंकि क्षेत्र के थानेदार से लेकर विधायक,सांसद,मंत्री तथा मुख्यमंत्री तक इन भोपों के दरबार में हाजिरी लगाते है।

         इन भोपों का आम समाज में बड़ा असर है,उपर से अगर कोई भोपा राजनीतिक रूप से प्रभावी है या स्वयं ही राजनीति में है तब तो पूरा क्षेत्र व उसमें बसने वाले लोग ऐसे भोपों के चंगुल में बुरी तरह फंसे रहते है। इसका एक ताजा उदाहरण राज्य के गोपालन मंत्री ओटा राम भोपाजी (देवासी) के गृहक्षेत्र के स्वरूपगंज थाने में देखने को मिला है,जहां70वर्षीय विधवा शांति देवी प्रजापत को'डायन'घोषित करके उसके साथ दिल दहला देने वाले अमानवीय अत्याचार किये गये है।

         पीडि़त महिला शांति देवी प्रजापत द्वारा स्वरूपगंज थाने में दर्ज करवाई गई प्राथमिकी संख्या219/14के मुताबिक7सिसम्बर2014की षाम5.30बजे परागाराम देवासी,भैराराम देवासी,सांकला राम देवासी तथा राजाराम देवासी उसे धोखे से अपने घर ले गये और वहां ले जाकर कहा कि -''ओटाराम भोपाजी ने कहा कि तू डाकण है और तुझे तो मारना पडे़गा''वे शांति देवी पर आरोप लगा रहे थे कि तू डायन है और सारे गांव को खा रही है। जब शांति देवी ने इस बात से मना किया तो उन लोगों ने उसके मुंह पर लातें मारी,जिससे उसके मुंह से खून निकल आया,एक आरोपी राजाराम देवासी ने उसका गला दबाया,जिससे उसकी सांस घुटने लगी,फिर उन लोगों ने लौहे का चिमटा गर्म करके शांति  देवी की गर्दन,पीठ और कमर के विभिन्न हिस्सों पर चिपकाया,जिससे वह जगह जगह से जल गई।

         पीडि़ता शांति देवी अपनी आंखो में आंसू भरकर बताती है कि -''मै बहुत रोयी,चिल्लाई,उनके हाथ जोड़े,मदद के लिये पुकारा,पर कोई मेरी मदद करने वाला नहीं था,वे मुझे कह रहे थे , तुम तो डाकण हो,ओटाराम जी ने हमे बताया है.तुम्हें आज खत्म कर देंगे,तू हमारी बहू,भैंस,गाय,ऊंट सबको खा रही है,तेरी वजह से ही गांव में इतनी बीमारियां फैल रही है और लोग तथा पशु बीमार हो रहे है,हम तुझे आज मार डालेंगे ।''

         शांति देवी को उन क्षणों में लगा कि आज उसकी मौत सुनिश्चित  है,उसने एक आखिरी कोशिश करने की ठानी और किसी तरह बाहर की तरफ भागी,वह दरवाजे से बाहर गली में आ गई चिल्लाते हुये, जहां पर रास्ते से गुजर रहे भॅवरसिंह,अमरू खां तथा रसूल खां ने उसे देखा,देवासी परिवार के लोग अब भी उसके पीछे थे,वे वापस उसे घर के अन्दर ले जाकर मार डालना चाहते थे,मगर इन तीन राहगीर लोगों ने उसे सहारा दिया और वह जिन्दा बच गई,फिर किसी तरह गिरती पड़ती वह अपने घर पहुंची और अपने बेटे बालाराम को पूरी बात बताई,बाला राम उसे लेकर स्वरूपगंज थाने में गया,रिपोर्ट दी,मेडीकल भी करवाया,मगर घायल शांति देवी का सरकारी अस्पताल में कोई इलाज नहीं किया गया,उसकी चार पसलियां टूट गई थी और शरीर जगह -जगह से गर्म लौहे से दागे जाने के कारण जल गया था। शांति देवी को एक निजी चिकित्सालय में भर्ती रहना पड़ा। वह बहुत पीड़ा में थी,पुलिस कोई मदद नहीं कर रही थी,क्योंकि उसने रिपोर्ट में मंत्री ओटा राम भोपाजी का नाम लिखाया था। इतने संगीन अपराध को पुलिस ने महज भादस की धारा323,341,तथा334में दर्ज करके इतिश्री कर ली।,पुलिस ने अब तक आरोपियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की है।

         शांति देवी के मुताबिक आरोपी यह कहते हुये अब भी खुले आम घूम रहे है कि -''मंत्रीजी ओटाराम हमारा कुछ नहीं होने देंगे,हम इस'डाकण'को तो सबक सिखायेंगे।''इस जुल्मों - सितम से डरी सहमी शांति देवी क्षेत्र में कार्यरत मानव अधिकार कार्यकर्ता रिचा औदिच्य के पास पहुंची तथा वहां से उनके साथ राज्य महिला आयोग जयपुर आई,आयोग की अध्यक्षा श्रीमति लाड़कुमारी जैन ने उन्हे सात्वंना दी तथा कार्यवाही के लिये आश्वस्त किया है। पीडि़त वृद्धा शांति  देवी को महिला हिंसा के विरूद्ध उमड़ते100करोड़ अभियान (वन बिलीयन राइजिग)की ग्लोबल फाउण्डर ईव इंसलर ने भी हौंसला दिया है,उन्होंने शांति देवी की पूरी कहानी सुनी तथा कहा कि कुछ साल पहले उन्हें भी'डायन'घोषित कर दिया गया था,तब उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि -''हाँ,मैं डायन हूँ,मेरे अन्दर तुमसे ज्यादा शक्तियां है और तुम्हें मुझसे डरना चाहिये।''लेकिन शांति देवी तो'डायन'शब्द से ही डरी हुई है क्योंकि जब से ओटाराम क्षेत्र के विधायक बने है,तब से उसे रायका समुदाय के लोगों के द्वारा''डायन'होने के संदेह मे तरह - तरह की प्रताडना दी जा रही है और अब ओटाराम भोपा के मंत्री बन जाने के बाद तो उसे'डायन'घोषित करके भयंकर मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना देने का सिलसिला शुरू हो गया है। पुलिस,प्रशासन कुछ भी कार्यवाही नहीं कर रहा है,क्योंकि मामला मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नजदीकी मंत्री ओटाराम से जुड़ा हुआ है। राज्य में महिलाओं पर अत्याचार के मामले बढ़ रहे है,हाल ही में राजसमंद जिले के थुरावड़ गाँव में केसी बाई को निर्वस्त्र कर,काला मुंह कर गधे पर बिठाकर घुमाया गया है। वहीं भीलवाड़ा जिले के चौहानो की कमेरी की80वर्षीय वृद्धा हीरी बाई को डायन बताकर गधे पर बिठाकर,मुंह काला कर,निर्वस्त्र कर घुमाया गया है तथा अब गाँव से निकाल दिया गया है,वह दर दर की ठोकरें  खा रही है,राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार को जोरदार फटकार लगाते हुये30दिन के भीतर डायन विरोधी कानून बानने के लिये कहा है। राज्य में चारों तरफ औरतों को'डाकण'बताकर उनके साथ अन्याय,अत्याचार करने की जघन्य एवं बर्बरतम घटनायें बढती जा रही है,वहीं राज्य की महिला मुख्यमंत्री तथा उनके मंत्री सरकार का एक साल पूरे होने के जश्न में मशगूल है। हालात इतने बदतर है कि शांति देवी को भी उम्मीद कम ही है कि उसकी बात सुनी जायेगी,क्यूंकि ओटाराम भोपा के मंत्री रहते पुलिस की क्या हिम्मत है कि जालिमों की खबर लें,उन्हें गिरफ्तार करें और जेल भिजवायें। ऐसे में राजस्थान में तो औरतों का ईश्वर भी रक्षक नहीं लगता है।

 

-भॅवर मेघवंशी

(लेखक राजस्थान में मानव अधिकार के मुद्दों पर कार्यरत है। )

--
Regards -
Bhanwar Meghwanshi
"Ambedkar Bhavan" 
Village- Sirdiyas, Via-Mod Ka Nimbahera, 
District- Bhilwara (Raj.) 311026
Mob.- 94603- 25948 
(bhanwarmeghwanshi.blogspot.com)

No comments:

Post a Comment