Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Friday, June 14, 2013

कोल इंडिया पर एकाधिकार का गलत फायदा उठाने के दावे में कोई दम नहीं!

कोल इंडिया पर एकाधिकार का गलत फायदा उठाने के दावे में कोई दम नहीं!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


कोलइंडिया के एकाधिकार खत्म करने के लिए उसके विनिवेश और पुनर्गठन के लिए जरदार कारपोरेट लाबिइंग हो रही है तो प्रतिरोध में खड़ी हो गयी है मजदूर यूनियनें भी। वित्तमत्री पी चिदंबरम हालांकि यूनियनों के विरोध से बेपरवाह हैं और कोलइंडिया को तोड़ने पर आमादा है। सीसीआई कोलइंडिया के खिलाप जांच कर रही है और खास बात यह है कि इस जांच में कोल इंडिया ने अपना पक्ष मजबूती से रखते हुए तमाम आरोपों का खंडन कर दिया है। दरअसल कोल इंडिया के खिलाफ आरोपों में कोई दम नहीं है। घटिया कोयला सप्लाई के मामले को हालांकि सीसीआई गंभीरता से ले रही है।कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के कथित तौर पर अपने दबदबे का गलत इस्तेमाल करने के खिलाफ सरकारी पावर जेनरेशन कंपनियां कॉम्पिटिशन पर नजर रखने वाले कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) के पास शुरु से गुहार लगा रही हैं। सीसीआई में कोलइंडिया की शिकायत की गयी है पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से भी! कोल इंडिया (सीआईएल) ने प्राइसिंग, फ्यूल सप्लाई पैक्ट्स और प्रोडक्शन में अपनी मजबूत पोजिशन का गलत फायदा उठाने से जुड़ी सीसीआई की चिंता दूर करने की कोशिश की है। सीआईएल की देश के कोल मार्केट में मोनोपली है। सीआईएल के इसका गलत फायदा उठाने के आरोपों की सीसीआई जांच कर रहा है।बिजली कंपनियों का आरोप है कि कोलइंडिया गलत सेल्स एग्रीमेंट, प्राइस में मनमानी बढ़ोतरी, खराब क्वालिटी के कोयले की सप्लाई के साथ एग्रीमेंट्स में शामिल पेनाल्टी की शर्तों का पालन भी नहीं कर रही है। महाराष्ट्र के इस मुद्दे को सीसीआई के पास उठाने के बाद अब गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने भी खराब क्वालिटी वाले कोयले के लिए ज्यादा दाम वसूलने के सीसीआई के दबाव के खिलाफ याचिका दायर की हैं। छत्तीसगढ़, पंजाब और पश्चिम बंगाल भी सीसीआई के पास जा चुकी हैं।


कोलइंडिया की सबसे बड़ी खरीदार एनटीपीसी की सीसीआई के पास जाने की कोई योजना नहीं है, लेकिन कमीशन ने महाराष्ट्र की शिकायत के आधार पर एनटीपीसी से जानकारी मांगी है। एनटीपीसी के एक सीनियर ऑफिशियल ने बताया, 'हमसे कोयले की क्वालिटी और कीमत के बारे में जानकारी मांगी गई थी। हमने यह जानकारी सीसीआई को दी है।'


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने  कोयला की कीमतें बढ़ाने की कोल इंडिया की कार्रवाई की आलोचना की है।बनर्जी ने एक सोशल नेटवर्किंग साइट पर लिखा, 'कोल इंडिया ने एक बार फिर निम्न गुणवत्ता वाले कोयले की कीमतें औसतन 10 प्रतिशत बढ़ा दी है। यह  दुर्भाग्यपूर्ण है।'पश्चिम बंगाल बिजली विकास निगम (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) में अपील दायर की है।इस बारे में राज्य बिजली विभाग में मुख्य सचिव और राज्य सरकार नियंत्रित डब्ल्यूबीपीडीसीएल में निदेशक मलय डे ने बताया, 'सीआईएल के मनमाने रवैये के खिलाफ हमने सीसीआई में एक याचिका दायर की है।'मध्य प्रदेश विद्युत उत्पादन कंपनी (एमपीपीजीसीएल) ने देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीसीआई) और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) में शिकायत दर्ज कराई है। एमपीपीजीसीएल ने अपनी याचिका में कोयला कंपनी पर आरोप लगाया है कि वह कोयला आपूर्ति के क्षेत्र अपने दबदबे का फायदा उठाते हुए इसके दरों में लगातार इजाफा कर रही है। इसके चलते बिजली उत्पादन कंपनियों पर लागत बोझ बढ़ रहा है।


असोसिएशन ऑफ पावर प्रोड्यूसर्स के डायरेक्टर जनरल अशोक खुराना ने कहा, 'हमने इस काम के लिए जानीमानी इंडिपेंडेंट एजेंसीज से थर्ड पार्टी सैंपलिंग की मांग की है।' सीसीआई ने जांच के दौरान एसोसिएशन से चर्चा की थी। खुराना ने कहा कि ज्वाइंट सैंपलिंग लॉजिकल नहीं है, क्योंकि बायर और सीआईएल के बीच किसी तरह की असहमति से विवाद पैदा होगा, जिसके चलते सीआईएल की तरफ से सप्लाई में बाधा आ सकती है। उन्होंने कहा, 'हमने उनके मोनोपॉलिस्टिक बिहेवियर के बारे में विरोध जताया है। बिलिंग के दौरान जो प्राइस चार्ज किया जाता है, वह सप्लाई किए गए कोयले से डिफेरेंट होता है। हम जानना चाहते हैं कि सीआईएल किस तरह प्राइसेज फिक्स करती है। मनमाने प्राइस चेंजेज की जगह ट्रांसपेरेंट तरीका होना चाहिए।' एसोसिएशन ने कहा है कि फ्यूल सप्लाई पैक्ट से उन्हें किसी तरह का प्रोटेक्शन नहीं मिलता है।


सीसीआई के संज्ञान में कोल इंडिया लिमिटेड की एकाधिकार स्थिति लाई गई, जिसके कारण वह कोयले की गुणवत्‍ता और अन्‍य मानदण्‍डों में गैर-पारदर्शी अनुबंध लागू कर रहा है। अनुबंध के नियमों को लागू करते हुए कोल इंडिया लिमिटेड खराब गुणवत्‍ता वाले कोयले की आपूर्ति कर रहा है। वाशिंग कोल की अंतरराष्‍ट्रीय विधि का भी वह पालन नहीं कर रहा है। भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग ने प्रथम दृष्‍टया इस आरोप पर ध्‍यान देते हुए महानिदेशक से इसकी जांच करने को कहा।


सीसीआई अभी सीआईएल पर खराब क्वालिटी के कोयले की सप्लाई करने के आरोप की जांच कर रहा है। पहले महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी (महाजेनको) ने इसकी शिकायत की थी। बाद में गुजरात, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल की यूटिलिटीज ने भी सीसीआई के लिए फॉर्मल पिटीशंस दाखिल की थी। एक सरकारी ऑफिशियल ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'सीसीआई के डायरेक्टर जनरल ने प्राइसिंग, प्रोडक्शन, फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट्स (एफएसए) और कोयले की क्वालिटी पर खास सवाल उठाए थे। कोल इंडिया ने अपनी सफाई पेश की थी। जांच के बाद डीजी ने यह पाया है कि कोयले की क्वालिटी को छोड़कर दूसरा कोई इश्यू नहीं है।'उन्होंने कहा, 'सीआईएल ने हाल में खराब क्वालिटी के कोयले की सप्लाई के आरोपों को लेकर दलील पेश की है। उसने कहा है कि एफएसए में ऐसा प्रोविजन है, जो कोयले की ज्वाइंट सैंपलिंग की इजाजत देता है। इस मसले पर किसी विवाद को इससे हल किया जा सकता है।' लेकिन पावर प्रोड्यूसर्स ज्वाइंट सैंपलिंग की सलाह को लेकर उत्साहित नहीं हैं। इसके बजाय उन्होंने सीआईएल द्वारा की गई सप्लाई के इंडिपेंडेंट थर्ड-पार्टी क्वालिटी इंसपेक्शंस की मांग की है।


No comments:

Post a Comment