Palash Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti basu is DEAD

Jyoti Basu: The pragmatist

Dr.B.R. Ambedkar

Memories of Another Day

Memories of Another Day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Saturday, October 11, 2014

अगर महिषासुर को शहीद बताने पर किसी की भावनाएं आहत होती हैं , तो उसकी हत्या करने वाली दुर्गा की पूजा से भी किसी की भावनाएं आहत हो सकती हैं . आहत भावनाओं के तर्क को मान लेने पर इस विरोधाभास से बचने का कोई रास्ता नहीं है . अगर किसी की नास्तिकता से आपकी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं तो आपकी धार्मिकता से किसी की नास्तिक भावनाएं आहत हो सकती हैं . इसलिए इस तर्क से न तो आपको अपनी बात कहने से रोका जा सकता है , न किसी और को .
इस देश में बहुत से लोग रावण की पूजा करते हैं . लेकिन कोई उन्हें रोकने की कोशिश नहीं करता .किसी की भावनाएं आहत नहीं होतीं. भारतीय समाज में सहिष्णुता और समावेशन की जो परम्परा रही है , आज भारतीय संस्कृति की रक्षा के नाम पर सब से ज़्यादा चोट उसी को पहुंचाई जा रही है . 
पटना में भी महिषासुर की शहादत मनाई गयी , वहाँ किसी की भावनाएं आहत न हुई . दिल्ली में भी फारवर्ड प्रेस पत्रिका में महिषासुर पर दी गयी सामग्री से किसी की भावनाएं आहत नहीं हो रही थीं , न हो सकती हैं . इस पत्रिका पर पुलिस का छापा फासीवादी राज की स्पस्ट आहट है . प्रत्येक लोकतंत्र समर्थक को इस छापे का विरोध करना चाहिए.

No comments:

Post a Comment