9 अक्टूबर 2014 को महिषासुर शहादत दिवस के कार्यक्रम में एबीबीपी के छात्रों ने जिस प्रकार की हिंसात्मक वारदात को अंजाम दिया, वह वाकई चिंताजनक और निंदनीय है | 9 अक्टूबर के दिन कैम्पस महिषासुर के मुद्दे पर देखते-देखते दो ध्रुवों में बाँट गया | जाहिर है कि महिषासुर के समर्थक छात्रों की संख्या ज्यादा थी, परन्तु परिषद् के छात्र अपने प्रायोजित कार्यक्रम के अनुसार कार्यक्रम स्थल पर हिंसात्मक उपद्रव मचाया | वे 'भारत माता की जय' और 'दुर्गा माता की जय' का नारा लगाते हुए कार्यक्रम के बीचोबीच पहुँच कर व्यवधान डालने की कोशिश करते रहे | उन्होंने कावेरी छात्रावास के शीशे और दरवाजे तोड़ दिए | महिषासुर के समर्थक छात्रों से उनकी हाथापाई भी हुई, जिसमें कई छात्र-छात्राओं को चोंटे भी आई | इस हिंसात्मक संघर्ष के क्रम में महिषासुर समर्थक छात्रों ने बराबर शांति-व्यवस्था बनाये रखने की कोशिश की | एक घंटे चले इस कार्यक्रम में जेएनयू के लगभग सभी प्रगतिशील संगठनों के प्रतिनिधियों ने महिषासुर पर अपने-अपने विचार रखे | कार्यक्रम समाप्त होने के बाद महिषासुर की जयघोष के साथ छात्रों ने जेएनयू परिसर में एक प्रोटेस्ट मार्च भी निकाला |
फॉरवर्ड प्रेस के समर्थन में आगे आये लेखक संगठन, बिहार के भागलपुर में पुलिस दमन के खिलाफ प्रदर्शन
नई दिल्ली। जनवादी लेखक संघ ने फारवर्ड प्रेस के बहुजन– श्रमण अंक का समर्थन करते हुए फॉरवर्ड प्रेस के खिलाफ पुलिस दमन की निंदा की है वहीं बिहार के भागलपुर में फोरम फॉर फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन ने प्रतिरोध मार्च निकाला। फोरम की संयोजक ओम सुधा ने कहा कि 'गृह मंत्रालय को तत्काल प्रभाव से फॉरवर्ड प्रेस के खिलाफ ऍफ़ आई आर वापस लेनी चाहिए।'
पटना में लेखकों ने बैठक की और पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा भी की तथा कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई भारतीय संविधान के खिलाफ है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है।
इस बीच दक्षिणपंथी छात्रों के समूह ने वसंतकुंज थाने में एक और शिकायत भेजकर चित्रकार लाल रत्नाकर, जिन्होंने 'दुर्गा मिथ' के नए पाठ के साथ चित्र कथा प्रस्तुत की है तथा फॉरवर्ड प्रेस के एक लेखक के खिलाफ कारवाई की मांग की है।
जनवादी लेखक संघ के महासचिव मुरली मनोहर प्रसाद सिंह व उपमहासचिव संजीव कुमार ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा, "फॉरवर्ड प्रेस पत्रिका के नेहरु प्लेस स्थित दफ़्तर पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा द्वारा 9 अक्टूबर को छापा मार कर चार कर्मचारियों की गिरफ़्तारी और अगले दिन, 10 अक्टूबर को विभिन्न विक्रेताओं के यहाँ से उक्त पत्रिका की प्रतियों की ज़ब्ती बेहद चिंताजनक और निंदनीय घटनाक्रम है। पुलिस के पास अपनी इस कार्रवाई के लिए कोई अदालती आदेश या सक्षम प्राधिकारी का आदेश नहीं था। बताया जाता है कि यह कार्रवाई वसंत कुञ्ज पुलिस थाने में दर्ज की गयी एक शिकायत के आधार पर की गयी है। पत्रिका का यह अंक बहुजन-श्रमण परम्परा पर केन्द्रित है। दुर्गा के हाथों असुर जाति के राजा महिषासुर के वध की पौराणिक कथा को आर्य-अनार्य संघर्ष की एक कड़ी के रूप में चिन्हित करते हुए इसे महिष की शहादत के तौर पर व्याख्यायित करने वाले लेख इस अंक में हैं। यह हिन्दुत्ववादियों की नाराजगी का सबब हो सकता है, जिन्होंने पहले भी ऐसे मुद्दों पर आस्था को आहत करने का नुक्ता उठा कर हंगामे किये हैं। 9 अक्टूबर की शाम को जे एन यू में महिषासुर शहादत दिवस मनाये जाने के मौक़े पर भी आर एस एस के छात्र मोर्चे, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने उत्पात मचाया। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई और ए बी वी पी का उत्पात, दोनों एक ही श्रृंखला की कड़ियाँ हैं। हम इसे केंद्र में भाजपा के आने के बाद प्रतिक्रियावादी, साम्प्रदायिक-फ़ासीवादी ताक़तों के बुलंद होते हौसले और पुलिस-प्रशासन के स्तर पर उन्हें उपलब्ध कराई जा रही सहूलियतों के ख़तरनाक उदाहरण के रूप में देखते हैं। जनवादी लेखक संघ उक्त पत्रिका पर बिना अदालती आदेश के की गयी इस कार्रवाई और अभिव्यक्ति की आज़ादी के साथ ऐसे असंवैधानिक खिलवाड़ की कठोर शब्दों में भर्त्सना करता है। जनेवि में महिषासुर शहादत दिवस के मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के उत्पात की भी हम निंदा करते हैं। कार्रवाई, दरअसल, उन उपद्रवियों के ख़िलाफ़ होनी चाहिए जो असहमतियों को लोकतांत्रिक मर्यादा के भीतर रह कर व्यक्त करना नहीं जानते। असहमतियों की अभिव्यक्ति के इन लोकतंत्र-विरोधी तौर-तरीक़ों को भाजपा के शासन में जिस तरह खुली छूट मिल रही है, वह चिंताजनक है। भाजपा नेता सुब्रमन्यम स्वामी का तीन दिन पहले दिया गया यह बयान कि बिपन चन्द्र और रोमिला थापर जैसे इतिहासकारों की किताबें जला देनी चाहिए, ऐसे ही तौर-तरीक़ों का एक नमूना है।"
जनवादी लेखक संघ ने इस प्रवृत्ति के भर्त्सना करते हुए सभी धर्मनिरपेक्ष और जम्हूरियतपसंद लोगों से इसके ख़िलाफ़ एकजुट होने की अपील की है। जलेस ने कहा है, "हम सरकार से यह मांग करते हैं कि फॉरवर्ड प्रेस की अभिव्यक्ति की आज़ादी सुनिश्चित करे, उस पर हुए ग़ैरकानूनी पुलिसिया हमले की सख्ती से जांच हो, उसे अंजाम देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और जनेवि में महिषासुर शहादत दिवस के मौक़े पर तोड़-फोड़ करनेवाले तत्वों के ख़िलाफ़ भी क़ानूनी कार्रवाई की जाए।"



Why forget the dead of 2002??
Vrinda Grover Barkha Dutt has just proclaimed that 9/11 can never be forgotten.…

नोबेल शांति जनपदों को, तो जनपदों की भी सुधि लें, वरना हिंदी संस्कृत हो जायेगी!
पलाश विश्वास वीरेनदा की कविता उद्धृत करने का एक और मौका। 16 को बसंतीपुर पहुंच रहा हूं। वे लोग, जिनसे अस्मिताओं के…
2014/10/11 / No Comment / Read More
मजबूरों, मजलूमों की ल़ाई लड़ने वाले कप्तान को सलाम
चंचल कप्तान साहब नहीं रहे। यह बड़ी खबर है। अभी भाई शेष नारायण सिंह का फोन आ गया कि हम अलीगढ़ जा…
2014/10/11 / No Comment / Read More
शिक्षा के दुश्मन कठमुल्ला "स्वामी"
एल.एस. हरदेनिया सुब्रमण्यम स्वामी एक ऐसे व्यक्ति हैं जो जब भी बोलते हैं जहर उगलते हैं। दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोलते…
2014/10/11 / No Comment / Read More
देश का संघीय ढांचा टूटने के लिए केंद्र से ज्यादा जिम्मेदार राज्यों के आत्मघाती क्षत्रप
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास यह बिल्कुल सही है कि भारतीय संविधान के मुताबिक बहुल संस्कृति के देश में संघीय ढांचा बेहद जरूरी है।…
2014/10/11 / No Comment / Read More
ये किताबें जलाने वाले विद्या के दुश्मन "स्वामी"
आलोक बाजपेयी सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आरएसएस के आनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के कार्यक्रम में कहा है कि बिपनचन्द्र, रोमिला…
2014/10/10 / No Comment / Read More
विकास नामक कुकुरमुत्ते को पैदा करने के लिए 'इन्वेस्टर्स समिट' जरूरी है !
श्रीराम तिवारी मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के कृत संकल्प और भाजपा के पूँजीवादी अजेंडे की परिणिति स्वरूप इंदौर का दूसरा 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स…
2014/10/09 / No Comment / Read More
जाति और धर्म की राजनीति विरासत में मिली है लोहिया के उत्तराधिकारियों को
लोहिया, आंबेडकर और गाँधी (भाग-3) कॅंवल भारती (यह आलेख रोशन प्रेमयोगी के उपन्यास 'आजादी: टूटी फूटी' की समीक्षा नहीं हैं, पर उसके…
2014/10/09 / 1 Comment / Read More
क्या सचमुच पूँजीवाद के विरोधी थे लोहिया?
लोहिया, आंबेडकर और गाँधी (भाग-2) लोहिया न जाति से ऊपर उठे थे और न धर्म से कॅंवल भारती (यह आलेख रोशन प्रेमयोगी…
2014/10/09 / No Comment / Read More
लोहिया का समाजवाद और 'आज़ादी टूटी-फूटी'
लोहिया, आंबेडकर और गाँधी कॅंवल भारती (यह आलेख रोशन प्रेमयोगी के उपन्यास 'आजादी: टूटी फूटी' की समीक्षा नहीं हैं, पर उसके बहाने…
2014/10/09 / 2 Comments / Read More
स्वच्छ भारत अभियान- ये जनता की कमाई के 62,000 करोड़ रु. किसकी जेब में जायेंगे?
सुनील कुमार भारत के प्रधानमंत्री ने लाल किले के प्राचीर से 'स्वच्छ भारत अभियान' के लिए संदेश दिया था और इस कार्यक्रम…
2014/10/09 / 1 Comment / Read More
फॉरवर्ड प्रेस के समर्थन में आगे आये लेखक संगठन, बिहार के भागलपुर में पुलिस दमन के खिलाफ प्रदर्शन
नई दिल्ली। जनवादी लेखक संघ ने फारवर्ड प्रेस के बहुजन– श्रमण अंक का समर्थन करते हुए फॉरवर्ड प्रेस के खिलाफ पुलिस दमन की…
2014/10/11 / No Comment / Read More
समाजवादी आंदोलन की अंतिम कड़ियों में थे कैप्टन अब्बास अली
नई दिल्ली। आज सुबह वयोवद्ध समाजवादी नेता कैप्टन अब्बास अली का अलीगढ़ के एक अस्पताल में देहांत हो गया। सोशलिस्ट पार्टी ने…
2014/10/11 / No Comment / Read More
नेता जी सुभाष चंद्र बोस और डॉ. राममनोहर लोहिया के निकट सहयोगी कैप्टन अब्बास अली का निधन
जाने-माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और वयोवृद्ध समाजवादी नेता कैप्टन अब्बास अली का निधन हो गया है। कैप्टन अब्बास अली नेता जी सुभाष…
2014/10/11 / 1 Comment / Read More
फॉरवर्ड प्रेस पर दिल्ली पुलिस का छापा मोदी सरकार का फासीवादी कदम-जेयूसीएस
यह छापा लोकतंत्र के मूल अधिकार 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' पर खुला हमला है-जेयूसीएस फारवर्ड प्रेस पर छापा ब्राह्मणवादी ताकतों के इशारे पर-जेयूसीएस…
2014/10/10 / No Comment / Read More
कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार
भारत में बाल अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले कैलाश सत्यार्थी को वर्ष 2014 के लिए मलाला यूसुफजई के साथ संयुक्त रूप…
2014/10/10 / No Comment / Read More
सत्ता गांव तक, गांव के लोगों के हाथों तक जानी चाहिए- राधा बहन
पर्यावरण को बचाने के लिए एकजुट हों जन संगठन -राधा बहन अंबरीश कुमार नई दिल्ली। गांधी शांति प्रतिष्ठान की अध्यक्ष राधा बहन…
2014/10/10 / No Comment / Read More
भाजपा में शामिल ब्राह्मणवादी ताकतों के इशारे पर फारवर्ड प्रेस पर छापा- प्रमोद रंजन
नई दिल्ली। फारवर्ड प्रेस के सलाहकार संपादक प्रमोद रंजन ने गुरूवार को जारी प्रेस बयान में कहा कि "हम फारवर्ड प्रेस के…
2014/10/09 / No Comment / Read More
कांग्रेस की हताशा के चलते महाराष्ट्र में भाजपा को बढ़त
शेष नारायण सिंह महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के पहले और लोकसभा चुनाव 2014 के तीन महीने बाद राज्य में साफ़ नज़र आ…
2014/10/09 / No Comment / Read More
जेएनयू में महिषासुर शहादत दिवस आज
8 अक्टूबर 2014, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में ऑल इंडिया बैकवर्ड स्टूडेंट्स फोरम के तत्वाधान में 9 अक्टूबर, शरद पूर्णिमा के…
2014/10/09 / No Comment / Read More
शिक्षकों की मांग को ले कर छात्राओं ने अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू की
भंवर मेघवंशी भीम,8 अक्टूबर। भीम के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 700 लड़कियां है और पढ़ाने वाले शिक्षक सिर्फ 4 हैं। प्रधानाचार्य…
2014/10/08 / No Comment / Read MoreMEENA MENON INTERACT WITH STUDENTS IN A DELHI SCHOOL

TENTH AMAN CHAUPAL: FORMER INDIAN JOURNALIST IN PAKISTAN, MEENA MENON INTERACT WITH STUDENTS IN A DELHI SCHOOL New…
2014/10/11 / No Comment / Read MoreMaharashtra Farmers who produce orange juice forced to consume poison: Modi

Amravati, Oct 10 (ANI): Prime Minister Narendra Modi on Friday while addressing a rally in Amravati district said…
2014/10/10 / No Comment / Read Moreभूषण की धमकी और "आप" का सच

हिन्दू तालिबान-50 भंवर मेघवंशी अन्ना टीम लोकतंत्र की भले ही बड़ी बड़ी बातें करती रही हो लेकिन उसका…
2014/10/07 / No Comment / Read Moreआवारा भीड़ के खतरे- हिन्दू तालिबान

हिन्दू तालिबान -47 भंवर मेघवंशी " जो अन्ना के साथ नहीं, वो चोर है, वो चोर है" ऐसे…
2014/10/03 / No Comment / Read Moreतब फासिज्म नहीं था अब फासिज्म आ गया?
आशु भटनागर फारवर्ड प्रेस पर छापे से व्यथित जेएनयू के भारतीय वामपंथी/ आंबेडकरवादी आजकल ब्राहमणवादियों को…
2014/10/11 / No Commentफारवर्ड प्रेस पर पुलिस छापा
फारवर्ड प्रेस पर पुलिस छापे की निंदा करते हैं हम। सहमति-असहमति के प्रसंग संदर्भ भिन्न हैं।…
2014/10/09 / No Commentसॉरी मकसूद
इमरान रिज़वी पंद्रह मिनट तक वो बेचारा एक बाघ के सामने हाथ जोड़े बैठा रहा। बाघ…
2014/09/25 / No Commentउड़ो आसमान में मगर रहो जमीन पर
बनारस वालों की चिंता छोड़िये आपको वहां जाना नहीं पड़ेगा वहां के लोग आप के घर…
2014/09/24 / No Commentहँसो कि कश्मीरी मर रहे हैं….. लाशों पर हँसने वाले ये भगवा राष्ट्रवादी
क्या उनका हिंदुत्व, क्या उनका राष्ट्रवाद, क्या उनकी देशभक्ति ने उन्हें सिर्फ यही सिखाया है ?…
2014/09/17 / No Commentपूँजीपतियों के हाथों का खिलौना है सरकार
प्रो. ग्रोथ से प्रो. बिजनेस तक-बदले मुखौटों के पीछे वही ढाक के तीन पात-3 ये पीपीपी…
2014/10/09 / 1 Commentराजनीति मूल्यहीन घटिया व्यवसाय फरेबी हो गई है
प्रो. ग्रोथ से प्रो. बिजनेस तक-बदले मुखौटों के पीछे वही ढाक के तीन पात-2 कमल नयन…
2014/10/09 / No Commentप्रो. ग्रोथ से प्रो. बिजनेस तक-बदले मुखौटों के पीछे वही ढाक के तीन पात
कमल नयन काबरा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन दो की सरकार ने अपने पहले बजट के समर्थन में…
2014/10/09 / No Commentभाजपा और आप मिल कर बनाएं दिल्ली में सरकार, बिखर रहा है आप का भानुमति का कुनबा
प्रेम सिंह पिछले करीब चार महीने की अटकलों के बाद दिल्ली में सरकार गठन की दिशा…
2014/09/09 / No Commentसाख ख़रीदी नहीं जा सकती, बनानी पड़ती है, महामहिम मी लॉर्ड
यही होगा तो साख कहाँ से आयेगी? क़मर वहीद नक़वी सदाशिवम जी भारत के मुख्य न्यायाधीश…
2014/09/06 / No Commentअंग्रेजी नहीं अब हिन्दुस्तानी- तमिल तेलगु हो या संथाली भाषी- हर जन भाषी की एक कहानी
संविधान की धारा 348, 343(1)&(2), 351 में संशोधन की मांग को लेकर संसद के नाम खुला…
2014/08/07 / No Commentसमावेशी व बहुलतावादी संस्कृति के लिए बनारस कन्वेंशन
समावेशी और बहुलतावादी संस्कृति वाले शहर बनारस की तरफ से आपको हार्दिक अभिवादन! आज हमें गालिब…
2014/08/02 / No Commentविचार गोष्ठी : आर्थिक मंदी, साम्राज्यवादी युद्ध और समाजवाद
निमंत्रण प्रिय साथी, 28 जुलाई, 2014 को प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) की शुरुआत के 100 साल…
2014/07/26 / No Commentआवाज़ उठाइये उस महिला के लिए जो अंत तक लड़ती रही….
22 जुलाई को शाम 5 बजे प्रतिरोध मार्च का हिस्सा बनिए( अगर वह ज़िंदा होती तो…
2014/07/21 / 1 Commentगाजा पट्टी पर इज़रायली बमबारी और नरसंहार के खिलाफ भारतीय जन का विरोध-प्रदर्शन
एक हार्दिक आग्रह, एक ज़रूरी अपील - सभी इंसाफपसंद साथी ध्यान दें, इस अपील को ज्यादा से ज्यादा लोगों…
2014/07/12 / No Comment
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