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Saturday, October 11, 2014

महिषासुर के समर्थक छात्रों से उनकी हाथापाई भी हुई


महिषासुर के समर्थक छात्रों से उनकी हाथापाई भी हुई

सांप्रदायिक ताकतों के तमाम अवरोधों के बावजूद महिषासुर शहादत दिवस २०१४ प्रतिरोध की प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुआ.

9 अक्टूबर 2014 को महिषासुर शहादत दिवस के कार्यक्रम में एबीबीपी के छात्रों ने जिस प्रकार की हिंसात्मक वारदात को अंजाम दिया, वह वाकई चिंताजनक और निंदनीय है | 9 अक्टूबर के दिन कैम्पस महिषासुर के मुद्दे पर देखते-देखते दो ध्रुवों में बाँट गया | जाहिर है कि महिषासुर के समर्थक छात्रों की संख्या ज्यादा थी, परन्तु परिषद् के छात्र अपने प्रायोजित कार्यक्रम के अनुसार कार्यक्रम स्थल पर हिंसात्मक उपद्रव मचाया | वे 'भारत माता की जय' और 'दुर्गा माता की जय' का नारा लगाते हुए कार्यक्रम के बीचोबीच पहुँच कर व्यवधान डालने की कोशिश करते रहे | उन्होंने कावेरी छात्रावास के शीशे और दरवाजे तोड़ दिए | महिषासुर के समर्थक छात्रों से उनकी हाथापाई भी हुई, जिसमें कई छात्र-छात्राओं को चोंटे भी आई | इस हिंसात्मक संघर्ष के क्रम में महिषासुर समर्थक छात्रों ने बराबर शांति-व्यवस्था बनाये रखने की कोशिश की | एक घंटे चले इस कार्यक्रम में जेएनयू के लगभग सभी प्रगतिशील संगठनों के प्रतिनिधियों ने महिषासुर पर अपने-अपने विचार रखे | कार्यक्रम समाप्त होने के बाद महिषासुर की जयघोष के साथ छात्रों ने जेएनयू परिसर में एक प्रोटेस्ट मार्च भी निकाला |

फॉरवर्ड प्रेस के समर्थन में आगे आये लेखक संगठन, बिहार के भागलपुर में पुलिस दमन के खिलाफ प्रदर्शन

2014/10/11  |   Filed under: देश  |   Posted by: 

नई दिल्ली। जनवादी लेखक संघ ने फारवर्ड प्रेस के बहुजन– श्रमण अंक का समर्थन करते हुए फॉरवर्ड प्रेस के खिलाफ पुलिस दमन की निंदा की है वहीं बिहार के भागलपुर में फोरम फॉर फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन ने प्रतिरोध मार्च निकाला। फोरम की संयोजक ओम सुधा ने कहा कि 'गृह मंत्रालय को तत्काल प्रभाव से फॉरवर्ड प्रेस के खिलाफ ऍफ़ आई आर वापस लेनी चाहिए।'

​ पटना में लेखकों ने बैठक की और पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा भी की तथा कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई भारतीय संविधान के खिलाफ है, जो अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता देता है। ​
इस बीच दक्षिणपंथी छात्रों के समूह ने वसंतकुंज थाने में एक और शिकायत भेजकर चित्रकार लाल रत्नाकर, जिन्होंने 'दुर्गा मिथ' के नए पाठ के साथ चित्र कथा प्रस्तुत की है तथा फॉरवर्ड प्रेस के एक लेखक के खिलाफ कारवाई की मांग की है।

​जनवादी लेखक संघ के महासचिव मुरली मनोहर प्रसाद सिंह व उपमहासचिव संजीव कुमार ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा, "फॉरवर्ड प्रेस पत्रिका के नेहरु प्लेस स्थित दफ़्तर पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा द्वारा 9 अक्टूबर को छापा मार कर चार कर्मचारियों की गिरफ़्तारी और अगले दिन, 10 अक्टूबर को विभिन्न विक्रेताओं के यहाँ से उक्त पत्रिका की प्रतियों की ज़ब्ती बेहद चिंताजनक और निंदनीय घटनाक्रम है। पुलिस के पास अपनी इस कार्रवाई के लिए कोई अदालती आदेश या सक्षम प्राधिकारी का आदेश नहीं था। बताया जाता है कि यह कार्रवाई वसंत कुञ्ज पुलिस थाने में दर्ज की गयी एक शिकायत के आधार पर की गयी है। पत्रिका का यह अंक बहुजन-श्रमण परम्परा पर केन्द्रित है। दुर्गा के हाथों असुर जाति के राजा महिषासुर के वध की पौराणिक कथा को आर्य-अनार्य संघर्ष की एक कड़ी के रूप में चिन्हित करते हुए इसे महिष की शहादत के तौर पर व्याख्यायित करने वाले लेख इस अंक में हैं। यह हिन्दुत्ववादियों की नाराजगी का सबब हो सकता है, जिन्होंने पहले भी ऐसे मुद्दों पर आस्था को आहत करने का नुक्ता उठा कर हंगामे किये हैं। 9 अक्टूबर की शाम को जे एन यू में महिषासुर शहादत दिवस मनाये जाने के मौक़े पर भी आर एस एस के छात्र मोर्चे, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने उत्पात मचाया। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई और ए बी वी पी का उत्पात, दोनों एक ही श्रृंखला की कड़ियाँ हैं। हम इसे केंद्र में भाजपा के आने के बाद प्रतिक्रियावादी, साम्प्रदायिक-फ़ासीवादी ताक़तों के बुलंद होते हौसले और पुलिस-प्रशासन के स्तर पर उन्हें उपलब्ध कराई जा रही सहूलियतों के ख़तरनाक उदाहरण के रूप में देखते हैं। जनवादी लेखक संघ उक्त पत्रिका पर बिना अदालती आदेश के की गयी इस कार्रवाई और अभिव्यक्ति की आज़ादी के साथ ऐसे असंवैधानिक खिलवाड़ की कठोर शब्दों में भर्त्सना करता है। जनेवि में महिषासुर शहादत दिवस के मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के उत्पात की भी हम निंदा करते हैं। कार्रवाई, दरअसल, उन उपद्रवियों के ख़िलाफ़ होनी चाहिए जो असहमतियों को लोकतांत्रिक मर्यादा के भीतर रह कर व्यक्त करना नहीं जानते। असहमतियों की अभिव्यक्ति के इन लोकतंत्र-विरोधी तौर-तरीक़ों को भाजपा के शासन में जिस तरह खुली छूट मिल रही है, वह चिंताजनक है। भाजपा नेता सुब्रमन्यम स्वामी का तीन दिन पहले दिया गया यह बयान कि बिपन चन्द्र और रोमिला थापर जैसे इतिहासकारों की किताबें जला देनी चाहिए, ऐसे ही तौर-तरीक़ों का एक नमूना है।"

जनवादी लेखक संघ ने इस प्रवृत्ति के भर्त्सना करते हुए सभी धर्मनिरपेक्ष और जम्हूरियतपसंद लोगों से इसके ख़िलाफ़ एकजुट होने की अपील की है। जलेस ने कहा है, "हम सरकार से यह मांग करते हैं कि फॉरवर्ड प्रेस की अभिव्यक्ति की आज़ादी सुनिश्चित करे, उस पर हुए ग़ैरकानूनी पुलिसिया हमले की सख्ती से जांच हो, उसे अंजाम देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और जनेवि में महिषासुर शहादत दिवस के मौक़े पर तोड़-फोड़ करनेवाले तत्वों के ख़िलाफ़ भी क़ानूनी कार्रवाई की जाए।"





हस्तक्षेप
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फॉरवर्ड प्रेस पर दिल्ली पुलिस का छापा मोदी सरकार का फासीवादी कदम-जेयूसीएस

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2014/10/09 / No Comment / Read More
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शिक्षकों की मांग को ले कर छात्राओं ने अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू की

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MEENA MENON INTERACT WITH STUDENTS IN A DELHI SCHOOL

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2014/10/11 / No Comment Read More

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Amravati, Oct 10 (ANI): Prime Minister Narendra Modi on Friday while addressing a rally in Amravati district said…

2014/10/10 / No Comment / Read More
शब्द

भूषण की धमकी और "आप" का सच

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हिन्दू तालिबान-50 भंवर मेघवंशी अन्ना टीम लोकतंत्र की भले ही बड़ी बड़ी बातें करती रही हो लेकिन उसका…

2014/10/07 / No Comment / Read More

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हिन्दू तालिबान -47 भंवर मेघवंशी  " जो अन्ना के साथ नहीं, वो चोर है, वो चोर है" ऐसे…

2014/10/03 / No Comment / Read More
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2014/10/11 / No Comment

फारवर्ड प्रेस पर पुलिस छापा

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2014/10/09 / No Comment

सॉरी मकसूद

इमरान रिज़वी पंद्रह मिनट तक वो बेचारा एक बाघ के सामने हाथ जोड़े बैठा रहा। बाघ…

2014/09/25 / No Comment

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2014/09/24 / No Comment

हँसो कि कश्मीरी मर रहे हैं….. लाशों पर हँसने वाले ये भगवा राष्ट्रवादी

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2014/09/17 / No Comment
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प्रो. ग्रोथ से प्रो. बिजनेस तक-बदले मुखौटों के पीछे वही ढाक के तीन पात-3 ये पीपीपी…

2014/10/09 / 1 Comment

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प्रो. ग्रोथ से प्रो. बिजनेस तक-बदले मुखौटों के पीछे वही ढाक के तीन पात-2 कमल नयन…

2014/10/09 / No Comment

प्रो. ग्रोथ से प्रो. बिजनेस तक-बदले मुखौटों के पीछे वही ढाक के तीन पात

कमल नयन काबरा  राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन दो की सरकार ने अपने पहले बजट के समर्थन में…

2014/10/09 / No Comment

भाजपा और आप मिल कर बनाएं दिल्ली में सरकार, बिखर रहा है आप का भानुमति का कुनबा

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2014/09/09 / No Comment

साख ख़रीदी नहीं जा सकती, बनानी पड़ती है, महामहिम मी लॉर्ड

यही होगा तो साख कहाँ से आयेगी? क़मर वहीद नक़वी सदाशिवम जी भारत के मुख्य न्यायाधीश…

2014/09/06 / No Comment
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संविधान की धारा 348, 343(1)&(2), 351 में संशोधन की मांग को लेकर संसद के नाम खुला…

2014/08/07 / No Comment

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समावेशी और बहुलतावादी संस्कृति वाले शहर बनारस की तरफ से आपको हार्दिक अभिवादन! आज हमें गालिब…

2014/08/02 / No Comment

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2014/07/21 / 1 Comment

गाजा पट्टी पर इज़रायली बमबारी और नरसंहार के खिलाफ भारतीय जन का विरोध-प्रदर्शन

एक हार्दिक आग्रह, एक ज़रूरी अपील  - सभी इंसाफपसंद साथी ध्‍यान दें, इस अपील को ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों…

2014/07/12 / No Comment

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