कल पिताजी के पुण्यतिथी पर हमेशा की तरह उन्हे याद करनॅ वाले वे मेरे साथी ही थे जो उनके इलाज और अन्तिम साँस लेते वक्त थे ।
गिलहरी इन दिनो हमारे घर से लेकर खेत तक राज कर रहे है। फल से लदे पेङो पर उछलते कूदते दामाल लङको के तरह अबतक लीची ~आङू साफ कर चुके है । कैटरीना सावधान ! गिलहरी अब आम खाने लगा है।
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