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Thursday, September 18, 2014

दीदी की मां माटी मानुष सरकार ने यादवपुर विश्वविद्यालय में नंदीग्राम और रवींद्रसरोवर दोहरा दिया! मुक्त बाजारी सत्ता को न लोक की परवाह होती है,न संस्कृति की और न इतिहास की। हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का दुस्साहस भी इसीलिए बार बार हो रहा है और राजनीति चीरहरण संस्कृति में तब्दील है।लंकादहन या कुरुक्षेत्र से अब सत्ता को कोी डर जाहिर है है ही नहीं। एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

दीदी की मां माटी मानुष सरकार ने यादवपुर विश्वविद्यालय में नंदीग्राम और रवींद्रसरोवर दोहरा दिया!


मुक्त बाजारी सत्ता को न लोक की परवाह होती है,न संस्कृति की और न इतिहास की।

हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का दुस्साहस भी इसीलिए बार बार हो रहा है और राजनीति चीरहरण संस्कृति में तब्दील है।लंकादहन या कुरुक्षेत्र से अब सत्ता को कोी डर जाहिर है है ही नहीं।


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास


दीदी की मां माटी मानुष सरकार ने यादवपुर विश्वविद्यालय में नंदीग्राम और रवींद्रसरोवर दोहरा दिया!यादवपुर यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रा से कथित तौर पर छेड़छाड़ के मामले में विरोध प्रदर्शन कर रहे 35 छात्रों की गिरफ्तारी से यह मुद्दा और गरमा गया है।यूनिवर्सिटी में माहौल गरम हो गया है। एक छात्रा के यौन शोषण की शिकायत की नए सिरे से जांच की मांग कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज होने के बाद वे उग्र हो गए।


मंगलवार रात करीब दो बजे हुई पुलिस कार्रवाई  के बाद से ही छात्र भड़के हुए हैं। उन्‍होंने यूनिवर्सिटी के वीसी और राज्‍य की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को ललकारते हुए नारे लगाए कि आओ, छात्रों की ताकत देखो।


गौरतलब है कि छेड़छाड़ के मामले की जांच कर रही समिति में दो बाहरी सदस्यों को शामिल करने की मांग को लेकर छात्रों ने वीसी और रजिस्ट्रार को बंधक बना लिया था। पुलिस ने कथित रूप से छात्रों पर लाठीचार्ज किया।


छात्रों के मुताबिक पुलिस ने विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्राओं के साथ बदसलूकी भी की। छात्राओं ने पुलिस के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत दर्ज कराई है।


छात्रों ने मंगलवार आधी रात को यूनिवर्सिटी के उप कुलपति और रजिस्ट्रार का घेराव किया था। छात्र संगठन ने कहा कि जब तक उनको आश्वासन नहीं मिल जाएगा तब तक घेराव नहीं उठाएंगे।मंगलवार को एक लड़की के यौन शोषण के मामले में प्रदर्शन कर रहे 35 छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।


बुधवार सुबह छात्रों का गुस्सा पुलिसिया कार्यवाही पर भी फूटा। सड़क पर उतरे छात्र जादवपुर यूनिवर्सिटी पुलिस स्टेशन के सामने रास्ता रोककर बैठ गए। उन्होंने कई ओर से रास्ता बंद कर दिया। कुछ छात्राओं ने पुलिस अफसरों द्वारा किए गए यौन दुर्व्यवहार और यूनिवर्सिटी के वीसी अभिजीत चक्रबर्ती के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई।


सभी छात्र साथी छात्रा के साथ हुए यौन दुर्व्यवहार की नए सिरे से जांच की मांग कर रहे थे। छात्रों ने वीसी अभिजीत चक्रवर्ती और रजिस्ट्रार का घेराव भी किया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को खदेड़ दिया।


मंगलवार रात दो बजे की गई पुलिस कार्रवाई में 30 से ज्यादा छात्र घायल हुए।


छात्रों का आरोप है कि पुलिस के साथ तृणमूल छात्र परिषद के सदस्य भी थे, जिन्होंने छात्रों को जबरिया हटाया।


हालात पर काबू पाने के लिए अडिशनल पुलिस कमिश्नर पुलिस बल के साथ कैंपस पहुंचे, लेकिन छात्र अपनी मांग पर अडिग रहे।


वहीं वीसी ने कहा कि अगर पुलिस नहीं आती, तो उन्हें मार दिया जाता। इसके अलावा प.बंगाल के शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छात्रों की अनुशासनहीनता को नहीं सहेगी और यह मामला बातचीत से सुलझ सकता है।


नंदीग्राम में बहिरागत मदद से पुलिस और बिनवर्दी पुलिस मुखौटे में हर्माद वाहिनी ने क्या क्या गुल खिलाये,उसका इतिहास सांप्रतिक है और बाकी देश उसे भूल भी जाये,दीदी कदम दर कदम वाम वापसी रोकने के लिए उस दुस्समय को याद दिलाती रहती है।थिओरी से हो सकता है लोग समझें नहीं,तो उन्होंने यादवपुर विश्वविद्यालय कैंपस को ही माकपाई सूर्योदय का हर्माद देश बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी।


रंवींद्र सरोवर कांड आज भी देश की सबसे लज्जाजनक घटनाओं में शामिल है।सांस्कृतिक कार्यक्रम के मध्य दक्षिण कोलकाता की सुरम्य झील में अचानक बत्ती गुल और सामूहिक वस्त्रहरण के जरिये वहां हाजिर महिलाओं के साथ जो चाहा कर डाला दुष्कर्मियों ने।


सूचना तकनीक के सौजन्य से अंधेरे का वह फुटेज नंदीग्राम और रवींद्र सरोवर का भले ही उपलब्ध नहीं हो,लेकिन यादवपुर विश्वविद्यालय में जो कुछ भी सत्ता ने कर दिखाया,वह सबकुछ कैमरे के अलावा मोबाइल के जरिये फेसबुक ट्विटर और सोशल मीडिया से लेकर टीवी के परदे और अखबारों के पन्ने पर हूबहू दर्ज है इसकरह की चश्मदीदी गवाही की भी जरुरत नहीं है।


मामला दरअसल एक सांस्कृतिक अनुष्ठान के बाद कार्यक्रम में बतौर जज आये एक संगीत कार के साथ पार्क में बैठी विश्वविद्यालय की एक पार्टिसिपेंट छात्रा को उठाकर पीजी छात्रावास में ले जाने,उसके साथी को मारने पीटने और छात्रा के साथ हुए अभव्य आचरण की शिकायत पर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ निष्क्रियता के अभियोग में छात्रों के आंदोलन से शुरु हुआ,जिसका अंत सत्तादल के स्वयंसेवियों बहिरागत  पार्टी कर्मियों और वर्दीधारियों के द्वारा विश्वविद्यालय में बत्तीगुल करके तमाम छात्राओं के साथ अश्लील आचरण और आंदोलनरत छात्र छात्राओं की हर तरह धुनाई और गिरफ्तारी से हुआ।

अब देश के बाकी विश्वविद्यालयों के छात्र इससे सबक ले सकते हैं कि चूंकि यादवपुर विश्वविद्यालय परिसर काशी विश्वविद्यालय,जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय,जामिया मिलिया,तमाम केंद्रीय विश्वविद्यालयों,आईआईटी आईआईएम के जैसे चुनिदा परिसरों की तरह अन्यतम अकादमिक क्षेत्र है और वहां मुक्ता बाजारी सत्ता छात्रों और छात्राओं के साथ एकमुश्त नंदी ग्राम और रवीद्रसरोवर हथियारों का इस्तेमाल कर सकती है,तो अपने अपने परिसर में वे कितने सुरक्षित और स्वतंत्र हैं।


मुक्त बाजारी चकाछौंधी नालेजइकानोमी में शिक्षाक्षेत्रे व्याप्त अंधकार का रवींद्र सरोवर बने यादवपुर के सबक से भावी पीढ़ियों को इससे निपटने के तौर तरीके भी शायद निकालने की जरुरत पड़े।


विनाशकाले विपरीत बुद्धि,शास्त्रों में लिखा है सत्ता दंभ के संदर्भ में।आपातकाल में छात्र युवाओं के अभूतपूर्व ऐतिहासिक दमन के एंकाउंटर विशेषज्ञ तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर राय के पुलिस मंत्री सुब्रत मुखर्जी मां माटी सरकार में पंचायत मंत्री है लेकिन मुकुलित सौरभकाले वे तनिक हाशेये पर हैं,लेकिन दीदी ने उन्हें लज्जित होने का मौका नहीं दिया है क्योंकि उनकी सरकार भी छात्रों युवाओं के दमनप्रसंगे सिद्धार्थ सरकार से किसी भी मायने में कम नहीं है।


हाल ही में छात्र आंदोलन में गिरफ्तार एक युवा छात्र नेता सुमन गुप्त को पुलिस हिरासत में बस से धकेलकर मार देने का काम इसी सरकार ने किया।जिसके विरोध में दिल्ली में एसएफआई समर्थकों ने योजना आयोग की बैठक में पहुंचे बंगाल के मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री से कुछ बैजां हरकत कर दी तो वह तूफान ठंडा हो गया तो अभी चौरंगी विधानसभा उपचुनाव के वक्त उस हत्याकांड की एकमात्र गवाह छात्रनेत्री समेत दो छात्राओं को सड़क पर रिराकर नृशंस तरीके से मारने पीटने की वारदात भी हो गयी।दिनदहाड़े सामूहिक बलात्कार और नारी उत्पीड़न अब अपराध कम और राजनीति ज्यादा है क्योंकि सांढ़ संस्कृति का राहुकाल है और नाना प्रकार के सांढ़ अपने पुंसत्व का झंडोत्तोलोन के लिए चौबीसों घंटे चाकचौबंद हैं।


जाहिर हैं कि इन्हीं निष्टावान पैदल फौजियों ने यादवपुर कांड को अंजाम दिया तो कोलकाता पुलिस के डीसी बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके छात्रों को हिंसक,अराजक और हथियारबंद बागी कुछ भी साबित करने का योगाभ्यास कर रहे हैं जिनको झूठा साबित कर रहे हैं तमाम लाइव फुटेज।

आज पांचवे दिन भीी यादवपुर विश्वविद्यालय परिसर उत्ताल समुद्र है जो ज्वालामुखी लावा बनकर जुलूस शक्ल में कोलकाता के राजमार्गों पर बहने भी लगा है।


उपकुलपति ने आधी रात के बाद आंदोलनकारी छात्र छात्राओं के घेराव से मुक्त होने के लिए पुलिस की मदद मांगी और सत्ता पक्ष के लिए रक्षाकवच बस इतना है।बाकी विश्वविद्यालय प्रशासन और अध्यापक वर्ग ने उपकुलपति की इस दलील को खारिज करने ज्यादा वक्त नहीं लगाया है तो विश्वविद्यालय की गरिमा को बाटलगाते हुए उपकुलपति ने ऐसा भी कह दिया कि हथियारबंद छात्र उनकी हत्या कर देने को तत्पर थे।


अब भी छात्र आंदोलन की बागडोर अहिंसक चात्राों के हाथ में है ऐर मंगलवार की रात को भी इन्हीं छात्राओं को निशाना बनाया गया।छात्रों पर बेरहम लाठियां और छात्राओं की वस्त्रहरण।यह नये किस्म का सत्ता समीकरण है।


सत्तर के दशक के छात्र युवा आंदोलन के बारे में दीदी की कोई अच्छी राय नहीं है औरक कोलकाता में किस्सा मशहूर है कि कैसे उन्होंने जेपी की जीप के बोनट पर खड़ा होकर कांग्रेस की छात्र युवा नेत्री बाहैसियत सार्वजनिक तौर पर क्या करिश्मा कर दिखाया था।


दीदी के तार वाया शारदा जमायत और हिफाजत से जुड़े हैं तो उनके वोटबैंक के सिपराहसालार भी तमाम कट्टरपंथी तत्व हैं।दीदी को मालूम नहीं कि खबर है कि नहीं,जब यादवपुर विश्वविद्यालय परिसर कांड से पूरे बंगाल और पूरे देश में छात्र ज्वालामुखी फूट निकलने को है तो ठीक उसी समय बांग्लादेश के प्रजन्म चत्वर सहबाग में कट्टरपंथ,हिफाजत जमायत गठबंधन के खिलाफ फिर छात्रों और युवाओं का हुजूम उमड़ने लगा है और उनपर किसी भी तरह के बल प्रदर्सन का असर नहीं है।


मुक्त बाजारी सत्ता को न लोक की परवाह होती है,न संस्कृति की और न इतिहास की।

हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का दुस्साहस भी इसीलिए बार बार हो रहा है और राजनीति चीरहरण संस्कृति में तब्दील है।लंकादहन या कुरुक्षेत्र से अब सत्ता को कोी डर जाहिर है है ही नहीं।


आरोपः पुलिस के साथ गुंडे भी थे

अंडरग्रैजुएट छात्रा अनीशा मंडल का कहना है कि 'यूनिवर्सिटी में हर जगह पुलिस थी, लेकिन इनमे से ज्यादातर बिना वर्दी के थे, वे गुंडे थे। मेरी जैसी लड़कियां और मेरे जैसे कईयों को पुरूष पुलिसकर्मियों द्वारा मारा गया। वहां सिर्फ दो महिला पुलिसकर्मी थीं, जिन्हें हमें छुआ तक नहीं। पुलिस वाले लगातार हमें उठा रहे थे।'


एक वेंटिलेटर पर दूसरा हुआ लकवे का शिकार

पुलिस की लाठीचार्ज में घायल एक छात्र के बारे में बताया जा रहा है कि वह वेंटिलेटर पर है, जबकि दूसरे को आंशिक रूप से लकवा (पैरालिसिस) का शिकार हो गया है। छात्रों का आरोप है कि 'पुलिस आई और उन पर बर्बर ढंग से लाठियां बरसाईं।' एक छात्र रोनित मुखर्जी ने कहा, 'पुलिस का व्यवहार ऐसा था, जैसे हम चिकन के पीस हों। उन्होंने हमें उठाया और इधर-उधर फेंकने लगे। '

क्या है छात्रों की मांग

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने नया जांच पैनल बनाने की मांग की है और कहा है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। छात्रों की मांग है कि यौन उत्पीड़न मामले में यूनिवर्सिटी ने जो जांच कमिटी बनाई है, उसमें बाहरी लोगों को भी शामिल किया जाए और वीसी इस्तीफा दें।

कुलपति ने छात्रों द्वारा घेराव किए जाने को 'प्रताड़ना' करार दिया है। उन्होंने कहा है कि मामले को बातचीत से भी सुलझाया जा सकता है। वहीं, पुलिस ने बताया कि छात्रों ने परिसर के एक ब्वॉयज हॉस्टल में घटी 28 अगस्त की घटना की जांच में विलंब को लेकर कुलपति सौविक भट्टाचार्य और कुलसचिव प्रदीप घोष का घेराव किया था, जिसके बाद कार्रवाई की गई।


ममता सरकार की अपील, घेराव खत्म करें छात्र-

प. बंगाल की ममता सरकार ने भी घेराव खत्म करने की अपील छात्रों से की है। शिक्षा मंत्री पार्थो चटर्जी ने कहा है, "यह अलोकतांत्रिक है और उन्हें घेराव खत्म कर अधिकारियों से बातचीत करनी चाहिए।"

कवि शंख घोष ने इस वारदात की तीव्र भ्रत्सना की है लेकिन नंदीग्राम और सिंगुर की तरह पार्टीबद्ध सुशील समाज अब सड़कों पर उतर नहीं रहा है।

जो शंख घोष ने कहा है ,वह इस प्रकार हैः

জকালের প্রতিবেদন: যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ের ছাত্র-ছাত্রীদের ওপর পুলিসের লাঠি চালানোর ঘটনায় তীব্র নিন্দা করলেন কবি শঙ্খ ঘোষ৷‌ বুধবার তিনি জানান, মধ্যরাতের অন্ধকারে নিরীহ ছেলে-মেয়েদের ওপর নৃশংস হামলার কথা শুনে লজ্জায় আর গ্লানিতে মন অসাড় হয়ে যাচ্ছে৷‌ অভিনেতা ও নাট্য পরিচালক কৌশিক সেন বলেন, অত্যম্ত ন্যক্কারজনক ঘটনা, উপাচার্য অভিজিৎ চক্রবর্তী মিথ্যা কথা বলছেন৷‌ ওঁর পদে থাকা উচিত নয়৷‌ পুলিসি মার থেকে সব ছবি স্পষ্ট দেখা গেছে৷‌ আলো যে নিভিয়ে দেওয়া হয়েছে সে ছবিও এক ছাত্রের মোবাইলে ধরা পড়েছে৷‌ নিন্দায় সরব হয়েছেন শিল্পী সমীর আইচ, শিক্ষাবিদ মীরাতুন নাহার, অধ্যাপক অম্বিকেশ মহাপাত্র প্রমুখ বিশিষ্টরা৷‌ যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ের ভেতরে ঢুকে আন্দোলনরত পড়ুয়াদের ওপর পুলিস ও বহিরাগতদের আক্রমণের তীব্র নিন্দা জানাল পশ্চিমবঙ্গ কলেজ ও বিশ্ববিদ্যালয় শিক্ষক সমিতি, ক্যালকাটা ইউনিভার্সিটি টিচার্স অ্যাসোসিয়েশন৷‌ বুধবার ৫ সদস্যের শিক্ষক প্রতিনিধি যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ে যান৷‌ এই ঘটনার নিন্দা জানান৷‌ পাঁচ সদস্যের প্রতিনিধিদের মধ্যে ছিলেন নীলাঞ্জন গুহরায়, আবদুল কাফি, গৌতম গুপ্ত, নন্দিনী মুখার্জি ও দীপকেশ৷‌ পশ্চিমবঙ্গ কলেজ ও বিশ্ববিদ্যালয় শিক্ষক সমিতির সাধারণ সম্পাদক শ্রুতিনাথ প্রহরাজ জানান, পড়ুয়াদের ওপর নৃশংসভাবে হামলার প্রতিবাদে আগামী ২১ সেপ্টেম্বর অধ্যাপক সমিতির ডাকে ধিক্কার মিছিলে সামিল হবেন অধ্যাপক-অধ্যাপিকা, শিক্ষাবিদ, পড়ুয়া ও সমাজের বিভিন্ন স্তরের মানুষ৷‌ ওই দিন বিকেল ৪টেয় ঢাকুরিয়া বাসস্ট্যান্ড থেকে যাদবপুর ৮বি বাসস্ট্যান্ড পর্যম্ত মিছিল করা হবে৷‌ যাদবপুর ৮বি বাসস্ট্যান্ডেই একটি প্রতিবাদসভার আয়োজন করা হয়েছে৷‌ তিনি বলেন, যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ে এ ধরনের ঘটনা নজিরবিহীন৷‌ এই ঘটনার যথাযথ তদম্ত এবং দোষীদের দৃষ্টাম্তমূলক শাস্তি দাবি করা হয়েছে সমিতির পক্ষ থেকে৷‌ বিশ্ববিদ্যালয়ের মধ্যে এই ঘটনায় আচার্যের হস্তক্ষেপও দাবি করা হয়েছে৷‌ প্রসঙ্গত, যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ে মঙ্গলবার বিশ্ববিদ্যালয় ক্যাম্পাসে যৌন হেনস্হার প্রতিবাদ এবং তদম্ত কমিটির দুই সদস্যকে অপসারণের দাবিতে উপাচার্য অভিজিৎ চক্রবর্তীকে ঘেরাও করেন পড়ুয়ারা৷‌ সন্ধের পর তাদের ঘেরাও তোলার জন্য একদল বহিরাগত দুষ্কৃতী বিশ্ববিদ্যালয়ের ক্যাম্পাসে ঢুকে পড়ুয়াদের ওপর হামলা চালায়৷‌


इस सिलसिले में हिंदी अखबारों की खबरें कुछ इस तरह हैंः


छात्राओं ने पुलिस के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत दर्ज कराई है। छात्रों ने मंगलवार आधी रात को यूनिवर्सिटी के उप कुलपति और रजिस्ट्रार का ...

जाधवपुर यूनिवर्सिटी में यौन शोषण मामले को लेकर छात्रों ने घेरा थाना

Inext Live - ‎17-09-2014‎

वेस्‍ट बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी में माहौल बिगड़ता ही जा रहा है. एक छात्रा के यौन शोषण की शिकायत की नये सिरे से जांच की मांग कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज होने के बाद वे उग्र हो गये. मंगलवार रात करीब दो बजे हुई पुलिस कार्रवाई के बाद से ही छात्र भड़के हुये हैं. जाधवपुर यूनिवर्सिटी में यौन शोषण मामले को लेकर छात्रों ने घेरा थाना. वीसी और ममता को ललकारा यूनिवर्सिटी के छात्रों ने इस पूरे मामले के बाद यूनिवर्सिटी के वीसी और राज्‍य की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को ललकारते हुये नारे लगाये कि आओ, छात्रों की ताकत देखो. पुलिसिया कार्रवाई से आक्रोशित छात्र सड़क पर उतर आये ...

कोलकाता: जाधवपुर यूनिवर्सिटी में यौन शोषण की जांच के लिए छात्रों ने किया VC का घेराव, 37 छात्र गिरफ्तार

ABP News - ‎16-09-2014‎

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी का परिसर जंग के मैदान में तब्दील हो गया है. यूनिवर्सिटी में एक लड़की के यौन शोषण का आरोप लगाया है. इसी को लेकर हंगामा हुआ है. छात्रों ने वीसी और रजिस्टार का घेराव किया तो हंगामा हो गया. एबीपी न्यूज के सहयोगी चैनल एबीपी आनंदा के कैमरामैन पर भी हमला हुआ है. घेराव कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. 37 छात्रों को गिरफ्तार किया गया है. विश्वविद्यालय के छात्र संघ ने परिसर के भीतर छात्रा के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न के मामले की नए सिरे से जांच कराने की मांग की है . छात्र संघ ने नया जांच पैनल बनाने की मांग की है ...

छेड़छाड़ की घटना में जादवपुर विवि के कुलपति पर मुकदमा

Nai Dunia - ‎18 घंटे पहले‎

विद्यार्थियों ने जादवपुर थाने के ओसी पर भी जबरन घेराव उठवाने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस के अनुसार, पीड़ित छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा है कि 28 अगस्त को लड़कों के छात्रावास में उसके साथ छेड़छाड़ की गई। आक्रोशित छात्रों ने बुधवार को कुलपति चक्रवर्ती का घेराव किया और नारे लगाए। उनकी सुरक्षा के लिए पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर घेराव समाप्त कराया। बंगाल शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कुलपति का बचाव करते हुए कहा कि छात्रों को विवि में अनुशासन तोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। वे अपना विरोध सरकार के पास दर्ज करा सकते हैं। हिरासत में लिए गए छात्रों को निजी बांड ...

कैंपस में छेड़खानी: जादवपुर यूनिवर्सिटी के 35 प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स अरेस्ट

नवभारत टाइम्स - ‎16-09-2014‎

जादवपुर युनिवर्सिटी कैंपस में छात्रा से कथित तौर पर छेड़छाड़ के मामले में विरोध प्रदर्शन कर रहे 35 छात्रों की गिरफ्तारी से यह मुद्दा और गरमा गया है। छेड़छाड़ के मामले की जांच कर रही समिति में दो बाहरी सदस्यों को शामिल करने की मांग को लेकर छात्रों ने कुलपति और रजिस्ट्रार को बंधक बना लिया था। पुलिस ... विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मंगलवार आधी रात को जादवपुर युनिवर्सिटी के उप कुलपति और रजिस्ट्रार का घेराव किया था। छात्र ... हालात को काबू में करने के लिए अडिशनल पुलिस कमिश्नर देवाशीष राय पुलिस बल के साथ युनिवर्सिटी कैंपस पहुंचे लेकिन छात्र अपनी मांग पर अडिग रहे।

छेड़छाड़ का विरोध करने वालों को जेल में डाला

आज तक - ‎17-09-2014‎

बताया जाता है कि छात्रों को काबू करने के लिए पुलिस ने कथित रूप से लाठीचार्ज किया और उन्हें पकड़कर घसीटा. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल छात्राओं के साथ भी बदसलूकी भी की. छात्राओं ने पुलिस के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत दर्ज कराई है. दरअसल छात्रों ने मंगलवार आधी रात को जादवपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार का घेराव किया था. छात्र आश्वासन मिलने तक घेराव करने पर अड़े हुए थे. हालात को काबू करने के लिए एडिशनल पुलिस कमिश्नर देवाशीष राय पुलिस बल के साथ यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंचे. इस कारण आधी रात तक हालात तनावपूर्ण रहे. वीसी ने घेराव को ...

जाधवपुर यूनिवर्सिटी में पुलिस और छात्रों में झड़प, 37 छात्र गिरफ्तार

Jano Duniya - ‎16-09-2014‎

कोलकाता,एजेंसी। पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी का परिसर जंग के मैदान में तब्दील हो गया है. यूनिवर्सिटी में एक लड़की के यौन शोषण का आरोप लगाया है. इसी को लेकर हंगामा हुआ है. छात्रों ने वीसी और रजिस्टार का घेराव किया तो हंगामा हो गया. घेराव कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. 37 छात्रों को गिरफ्तार किया गया है. विश्वविद्यालय के छात्र संघ ने परिसर के भीतर छात्रा के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न के मामले की नए सिरे से जांच कराने की मांग की है . छात्र संघ ने नया जांच पैनल बनाने की मांग की है और जोर देते हुए कहा है कि इस संबंध में आश्वासन मिलने से पहले ...

जाधवपुर यूनिवर्सिटी में पुलिस-छात्रों में झड़प

आईबीएन-7 - ‎16-09-2014‎

ये छात्र यौन उत्पीड़न मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने की मांग कर रहे थे और इसी को लेकर वाइस चांसलर के दफ्तर का घेराव कर रहे थे। छात्रों का प्रदर्शन उग्र होता देख यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने पुलिस बुला ली। पुलिस के पहुंचने पर छात्रों का गुस्सा और भड़क उठा। दोनों पक्षों के बीच देर रात तक समझौते के लिए बातचीत होती रही। इसके बाद पुलिस और छात्रों में झड़प तेज हो गई। पुलिस ने छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज किया, जिसमें 30 से ज्यादा छात्र जख्मी हुए हैं। पुलिस ने 35 छात्रों को गिरफ्तार किया है। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। छात्रों की ...

PHOTOS : जाधवपुर यूनिवर्सिटी में पुलिस-छात्रों में झडप

khaskhabar.com हिन्दी - ‎16-09-2014‎

पश्चिम बंगाल के जाधवपुर यूनिवर्सिटी में एक छात्रा के यौन उत्पीडन मामले को लेकर छात्रों ने कैंपस में जमकर तोडफोड की। ये छात्रयौन उत्पीडन मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने की मांग कर रहे थे और इसी को लेकर वाइस चांसलर के दफ्तर का घेराव कर रहे थे।छात्रों का प्रदर्शन उग्र होता देख यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने पुलिस बुला ली। पुलिस के पहुंचने पर छात्रों का गुस्सा और भडक उठा। दोनों पक्षों के बीच देर रात तक समझौते के लिए बातचीत होती रही। इसके बाद पुलिस और छात्रों में झडप तेज हो गई। पुलिस ने छात्रों पर जमकरलाठीचार्ज किया, जिसमें 30 से ज्यादा छात्र जख्मी हुए हैं। पुलिस ने 35 ...

जाधवपुर यूनिवर्सिटी में यौन उत्पीड़न की जांच के लिए कुलपति का घेराव, 35 छात्र गिरफ्तार

Sahara Samay - ‎16-09-2014‎

यूनिवर्सिटी कैंपस में एक छात्रा के कथित यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रही समिति में दो बाहरी सदस्यों को शामिल करने की मांग को लेकर छात्रों ने कुलपति और रजिस्ट्रार को बंधक बना लिया था. चक्रवर्ती ने संवाददाताओं से कहा, ''अगर पुलिस नहीं आती तो मैं उनके हाथों मारा जाता। वे हम पर हमला कर रहे थे और मुझे डर था कि हमें मार दिया जाएगा.'' कैंपस में बिताए भयावह समय की याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास उन्हें, रजिस्ट्रार प्रदीप घोष और कार्यकारी परिषद के अन्य सदस्यों की रक्षा के लिए पुलिस को बुलाने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं था. कुलपति ने कहा कि छात्र गाली दे रहे थे और शाम 4 बजे के बाद कार्यालय नहीं छोड़ने देने के कारण वह बीमार पड़ गए. चक्रवर्ती ने कहा, ''हमने उनसे कहा कि हमें जाने दें, लेकिन वे नहीं माने और इसलिए मैं पुलिस बुलाने को विवश हो गया. जब पुलिस ने मुझे कार्यालय से बाहर निकाला ... घेराव को खत्म करने के लिए पुलिस के कथित लाठीचार्ज के बारे में एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती ने घेराव को खत्म कराने और यूनिवर्सिटी की संपत्ति की सुरक्षा के लिए पुलिस से मदद मांगी थी. उन्होंने पूछा, ''मैं इस मामले में क्या कर सकता हूं ?'' पुलिस ने कुलपति और रजिस्ट्रार का घेराव कर रहेछात्रों को जबरन हटा दिया और 35 छात्रों को ...


यादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रा से छेड़छाड़ के मामले की जांच के लिए नई कमेटी बनाने की मांग को लेकर छात्र-छात्राओं और प्रबंधन के बीच चल रही खींचतान ने मंगलवार देर रात उस समय नया मोड़ ले लिया जब कैम्पस में कुलपति और रजिस्ट्रार का घेराव कर रहे छात्रों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। पुलिसिया जुल्म से भड़के छात्र अब कुलपति को हटाने की मांग पर अड़ गए हैं। घटना के विरोध में छात्रों ने बुधवार सुबह यादवपुर थाने का घेराव किया और रैली निकाली। विवि में पठन-पाठन का काम बंद रहा। छात्र-छात्रों ने काला दिवस मनाया। छात्रों ने कुलपति की बर्खास्तगी नहीं होने तक कक्षाओं का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

छात्रों के अनुसार उनकी मांग पर मंगलवार शाम विवि की कार्यकारिणी समिति की बैठक थी। बैठक के बाद कुलपति ने छात्रों से बात नहीं की। इससे नाराज छात्र उनका घेराव कर कैम्पस में धरने पर बैठ गए। रात लगभग 2 बजे बड़ी तादाद में पुलिस पहुंची और बिजली बंद कर लाठीचार्ज किया। इससे 30 से अधिक विद्यार्थी घायल हो गए। इनमें से दो की हालात गंभीर बनी हुई है। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इस सम्बन्ध में 35 छात्रों को गिरफ्तार किया है। रात को एक छात्रा को भी गिरफ्तार किया गया, जिसे थाने से छोड़ दिया गया।

दूसरी तरफ पुलिस ने लाठीचार्ज से इनकार किया है। कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (मुख्यालय) राजीव कुमार ने बताया कि कुलपति ने पुलिस को फोन किया कि उनकी जान को खतरा है। तुरंत सादी पोशाक में निहत्थे पुलिस वालों को भेजा गया। पुलिस ने कुलपति और रजिस्ट्रार समेत अन्य अधिकारियों को कैम्प से बाहर निकालने की कोशिश की तो छात्र पुलिस से हाथापाई करने लगे। हमले में 11 पुलिस वाले घायल हो गए। बाध्य होकर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

ये है मामला

गत 28 अगस्त को विवि में कार्यक्रम के दौरान छात्रा से कुछ छात्रों ने छेड़खानी की थी। पुलिस और विवि प्रबंधन के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई थी। प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई। कुछ दिन पहले पीडिता ने कमेटी के दो सदस्यों की निष्पक्षता पर सवाल उठाया। इसके बाद विवि के छात्रों ने नई कमेटी बनाने की मांग की। मंगलवार को विवि ने उनकी मांग खारिज दी। इसके बाद से छात्र आंदोलन कर रहे थे।

छात्रों के समर्थन में उतरे बुद्धिजीवी

पुलिसिया अत्याचार के विरोध में राज्य के बुद्धिजीवी और अन्य विश्वविद्यालय के छात्र यादवपुर विवि के छात्रों के समर्थन में उतर गए हैं। बुधवार को घटना के विरोध में निकाली गई रैली में मीरातुन नाहर, समीर आईच, कौशिक सेन सहित कई बुद्धिजीवियों एवं अन्य विवि के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और विवि अधिकारियों ने बर्बरता की है।

पुलिसिया जुल्म का आरोप बिल्कुल गलत है। छात्रों ने हमें घेर रखा था। पुलिस आई तो पहले छात्रों ने उनपर हमला किया। घटना के लिए पुलिस नहीं छात्र दोषी हैं।

अभिजीत चक्र वर्ती, कुलपति, यादवपुर विवि

यादवपुर विवि के इतिहास में पहली बार ऎसी निर्मम घटना घटी है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। कुलपति 5 घंटे के घेराव के बाद ऎसा कदम उठाएंगे, हमने कभी ऎसा सोचा भी नहीं था। छात्र-छात्राओं को गंभीर रूप से चोट लगी है।

अभिषेक दास, रिसर्च स्कॉलर्स एसोसिएशन

हम शान्तिपूर्ण ढंग से धरने पर बैठे थे। पुलिस ने आकर बिजली बंद कर दी और मारना शुरू कर दिया। पुलिस ने थप्पड़, घूंसे और लात से बेरहमी से पीटा। लड़कियों को भी नहीं बख्शा।

रीना भट्टाचार्य, छात्रा, आर्ट्स विभाग

किसी भी शिक्षण संस्थान में ऎसी घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विद्यार्थियों को लोकतांत्रिक ढंग से अपनी मांग रखनी होगी। जरूरत पड़ने पर वे राज्य सरकार के समक्ष अपनी मांग रख सकते हैं। धरना और घेराव नहीं चलेगा।

पार्थ चटर्जी, शिक्षा मंत्री - See more at: http://www.patrika.com/news/midnight-lathi-charge-on-students/1030575#sthash.wJdwL408.dpuf

आधी रात को लाइट बंद करके पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज की, कई लड़कियों समेत 35 घायल

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कोलकाता: यादवपुर विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ बदसलूकी के मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने रात के अंधेरे में बल प्रयोग किया। इस दौरान ३० से अधिक प्रदर्शंनकारी छात्र घायल हो गये। घायल छात्रों के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके अलावा पुलिस ने ३६ छात्रों को हिरासत में ले लिया। बुधवार सुबह हिरासत में लिये गये छात्रों को जमानत पर छोड दिया गया।

प्राप्त खबरों के अनुसार यादवपुर विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ बदसलूकी के मामले की जांच के लिये गठित समिति के खिलाफ मंगलवार दोपहर विश्वविद्यालय के सैकडों छात्र धरने पर बैठ गये। वे जांच के लिये गठित समिति की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उसके दो सदस्यों को बदलने की मांग कर रहे थे। शाम को जब विश्वविद्यालय के उपाचार्य व अन्य अधिकारी बाहर निकलने लगे तो प्रदर्शनकारी छात्र उन्हें घेर कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान कथित रूप से तृणमूल समर्थक कर्मियों के साथ छात्रों की कहासुनी भी हुई। बाद में आधी रात के बाद पुलिस विश्वविद्यालय परिसर में पहुंची और छात्रों को आंदोलन खत्म करने का अल्टीमेटम दे दिया। छात्रों ने जब हटने से इनकार किया तो कथित तौर पर पुलिस ने वहां की लाईटें बंद कर धरने पर बैठे छात्रों पर लाठी चार्ज किया। पुलिस की इस कार्रवाई में तीस से अधिक छात्र घायल हो गये। इनमे से दो छात्रों को गंभीर चोटें आई है। छात्रों का आरोप है कि पुलिस के साथ कुछ अन्य लोग भी थे जिन्होंने उन पर बेहरमी से लाठियां चलाई। इस घटना को लेकर छात्रों में आक्रोश व्याप्त है।


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