वाम की बडी जीत-
केन्द्र सरकार ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि चुनाव आयोग के आदेश का पालन करते हुए गैस मूल्य नहीं बढ़ाएगी। न्यायमूर्ति बी.एस. चौहान, न्यायमूर्ति जे. चेलामेस्वर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की पीठ से सरकार ने कहा कि गैस मूल्य को दोगुना करने का फैसला मंत्रिमंडल ने 2013 में रंगराजन समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया था।
अतिरिक्त महाधिवक्ता एल. नागेश्वर ने अदालत से कहा कि सरकार गैस मूल्य को बढ़ाने की योजना पर आगे नहीं बढ़ रही है, क्योंकि चुनाव आयोग ने इसे स्थगित क रने के लिए कहा है। महाधिवक्ता मोहन परासरन ने कहा कि इसके लिए कोई औपचारिक आदेश नहीं दिया गया था। मूल्य में वृदि्ध का सिर्फ एक फार्मूला था और सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है।
अदालत ने यह सवाल उठाया कि क्या उसे औपचारिक आदेश की अनुपस्थिति में नीतिगत फैसले या दिशानिर्देश की पड़ताल करनी चाहिए। अदालत दो याचिका की सुनवाई कर रही थी। एक याचिका वामपंथी सांसद गुरूदास दासगुप्ता ने और दूसरी याचिका एक गैर सरकारी संगठन कॉमन काउज ने दाखिल की थी।
दासगुप्ता ने अपनी याचिका में गैस मूल्य बढ़ाने के फैसले को चुनौती दी थी, जबकि कॉमन काउज ने सरकार और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बीच उत्पादन साझेदारी अनुबंध खारिज करने की मांग की थी।
केन्द्र सरकार ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि चुनाव आयोग के आदेश का पालन करते हुए गैस मूल्य नहीं बढ़ाएगी। न्यायमूर्ति बी.एस. चौहान, न्यायमूर्ति जे. चेलामेस्वर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की पीठ से सरकार ने कहा कि गैस मूल्य को दोगुना करने का फैसला मंत्रिमंडल ने 2013 में रंगराजन समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया था।
अतिरिक्त महाधिवक्ता एल. नागेश्वर ने अदालत से कहा कि सरकार गैस मूल्य को बढ़ाने की योजना पर आगे नहीं बढ़ रही है, क्योंकि चुनाव आयोग ने इसे स्थगित क रने के लिए कहा है। महाधिवक्ता मोहन परासरन ने कहा कि इसके लिए कोई औपचारिक आदेश नहीं दिया गया था। मूल्य में वृदि्ध का सिर्फ एक फार्मूला था और सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है।
अदालत ने यह सवाल उठाया कि क्या उसे औपचारिक आदेश की अनुपस्थिति में नीतिगत फैसले या दिशानिर्देश की पड़ताल करनी चाहिए। अदालत दो याचिका की सुनवाई कर रही थी। एक याचिका वामपंथी सांसद गुरूदास दासगुप्ता ने और दूसरी याचिका एक गैर सरकारी संगठन कॉमन काउज ने दाखिल की थी।
दासगुप्ता ने अपनी याचिका में गैस मूल्य बढ़ाने के फैसले को चुनौती दी थी, जबकि कॉमन काउज ने सरकार और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बीच उत्पादन साझेदारी अनुबंध खारिज करने की मांग की थी।
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