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Wednesday, April 17, 2013

संजय दत्त को समर्पण के लिए मिला 4 हफ्ते का वक्त

संजय दत्त को समर्पण के लिए मिला 4 हफ्ते का वक्त

Wednesday, 17 April 2013 08:40

नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने 1993 के मुम्बई विस्फोट मामले में शेष सजा काटने के लिए संजय दत्त को समर्पण के लिए चार हफ्ते का वक्त दिया।

बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को आज उच्चतम न्यायालय ने आंशिक राहत प्रदान करते हुए शेष सजा काटने के लिए समर्पण करने हेतु ''मानवीय'' आधार पर चार हफ्ते का वक्त और दे दिया । उन्हें यह राहत जेल अधिकारियों के समक्ष अपने समर्पण की समयसीमा खत्म होने से एक दिन पहले मिली है।
संजय दत्त को 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में शस्त्र अधिनियम के तहत 42 महीने की शेष सजा काटनी है ।
इस 53 वर्षीय अभिनेता ने अपनी सात फिल्मों की शूटिंग पूरी करने के नाम पर समर्पण के लिए छह महीने का वक्त और मांगा था । निर्माताओं ने इन फिल्मों में 278 करोड़ रुपये लगा रखे हैं ।
शीर्ष अदालत ने उनके द्वारा किए गए आग्रह को मानवीय आधार पर स्वीकार कर लिया, लेकिन स्पष्ट किया कि इसके बाद आगे और कोई समय नहीं दिया जाएगा ।
संजय दत्त के समर्पण की समयसीमा 18 अप्रैल को खत्म होने वाली थी, लेकिन आज उन्हें चार हफ्ते की राहत और मिल गई।
न्यायमूर्ति पी. सतशिवम और न्यायमूर्ति बीएस चौहान की पीठ ने कहा, ''मामले के विशेष तथ्यों और परिस्थितियों तथा याचिका में उल्लेखित कारणों पर विचार करते हुए हम छह महीने का वक्त देने को तैयार नहीं हैं । हालांकि, हम कल से चार हफ्ते का समय और देते हैं । यह स्पष्ट किया जाता है कि आगे और समय नहीं दिया जाएगा ।''
पीठ ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया कि संजय दत्त की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे इस बात पर सहमत हो गए हैं कि आगे और कोई समय नहीं मांगा जाएगा ।

शुरू में साल्वे ने कहा कि संजय दत्त सिर्फ दया आधार पर मांग कर रहे हैं, न कि किसी संवैधानिक आधार पर ।
साल्वे ने अपनी बात शुरू भी नहीं की थी कि पीठ ने कहा, ''आप यह नहीं कह सकते कि आपके मुवक्किल को 2007 में विशेष अदालत द्वारा सुनाये गये फैसले का पता नहीं था ।''
न्यायालय कहा कि समय बढ़ाने के लिए याचिका में मुख्य कारण संजय दत्त अभिनीत सात फिल्मों में निर्माताओं द्वारा 278 करोड़ रुपये लगाया जाना बताया गया है । हालांकि, इसने साल्वे से कहा, ''क्या उन्हें जानकारी नहीं थी कि 2007 में एक फैसला आया था ।''
साल्वे ने कहा कि संजय को समर्पण के लिए थोड़ा और समय दिए जाने से उन्हें अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी ।
साल्वे ने समूचे घटनाक्रम को लेकर कहा, ''जीवन में ऐसा हो जाता है ।''
न्यायालय ने जब उनसे जानना चाहा कि उनके अनुसार समर्पण के लिए कितना समय और दिया जाना उचित रहेगा, साल्वे ने कहा, ''आठ हफ्ते से थोड़ा अधिक समय दिए जाने पर मानवीय आधार और अनुग्रह पर विचार किया जा सकता है ।''
हालांकि, सीबीआई के वकील और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल हरेन रावल ने कहा कि दत्त के आग्रह का ''विरोध करने के लिए उनके पास लिखित निर्देश हैं ।''
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ''मौजूदा आवेदन आपके फैसले की समीक्षा की मांग करता है । यह सही दृष्टिकोण नहीं है ।''
हालांकि, पीठ ने कहा, ''हम उसके समर्पण के लिए समय बढ़ा सकते हैं ।'

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