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Wednesday, April 17, 2013

नरोडा दंगे के दोषियों को मृत्युदंड दिलाएगें मोदी

नरोडा दंगे के दोषियों को मृत्युदंड दिलाएगें मोदी

Wednesday, 17 April 2013 08:32

अहमदाबाद ।  वर्ष 2002 के नरोडा पाटिया दंगा मामले में गुजरात सरकार माया कोडनानी, बाबू बजरंगी के साथ आठ अन्य दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग करेगी।

 

गुजरात सरकार ने वर्ष 2002 में हुए नरोदा पाटिया दंगों में संलिप्त पायी गई नरेंद्र मोदी सरकार में पूर्व मंत्री रही माया कोडनानी, बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी और आठ अन्य लोगों के लिए फांसी की सजा की मांग करने का फैसला किया है।
राज्य सरकार इस मामले में विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ जल्द ही उच्च न्यायालय में एक अपील दायर करेगी।
सहायक लोक अभियोजक गौरांग व्यास ने पीटीआई को बताया कि नरोदा पाटिया के दंगों के मामले में निचली अदालत द्वारा उम्र कैद की सजा पाने वाली कोडनानी और बजरंगी सहित सभी दस दोषियों को फांसी की सजा देने के लिए राज्य सरकार उच्च न्यायालय में अपील करेगी और राज्य के विधि विभाग ने इसकी याचिका तैयार करने के लिए तीन अधिवक्ताओं का एक पैनल बनाया है।
सरकार इस मामले में सात माह के अंतराल के बाद अपील दायर करेगी, जबकि निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने के लिए निर्धारित अवधि तीन महीनों की ही है। इस मामले में हुई समय की इस चूक की वजह से राज्य सरकार को अपील दायर करने के लिए उच्च न्यायालय से अनुमति लेनी होगी।

गुजरात में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामलों में व्यास को अधिवक्ता अल्पेश कोगजे के साथ सहायक लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है, जबकि वरिष्ठ वकील प्रशांत देसाई विशेष लोक अभियोजक के तौर पर इस मामले में राज्य सरकार का पक्ष रखेंगे।
व्यास ने कहा कि इन दस दोषियों के लिए मौत की सजा की अपील के अलावा निचली अदालत द्वारा उम्र कैद की सजा पाए 22 दोषियों की सजा 24 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष करने की अपील भी अगले सप्ताह तक दायर की सकती है।
इसके साथ ही मामले के 22 आरोपियों को बरी किए जाने के निचली अदालत के फैसले को भी अभियोजन पक्ष चुनौती देगा।
पिछले साल अगस्त में मामले की सुनवाई कर रही न्यायाधीश ज्योत्सना यागनिक ने माया कोडनानी को 28 वर्ष की जेल, जबकि बजरंगी को जीवन भर के लिए कैद की सजा सुनायी थी। मामले के आठ अन्य दोषियों को 31 वर्ष, वहीं 22 दोषियों को 24 वर्ष कैद की सजा दी थी।
गुजरात मे गोधरा स्टेशन के पास ट्रेन में लगी आग के एक दिन बाद राज्य भर में भड़के सांप्रदायिक दंगों के दौरान 28 फरवरी, 2002 को एक उग्र भीड़ द्वारा शहर के नरोदा पाटिया इलाके में कम से कम 97 लोग मारे गए थे।

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