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Thursday, April 4, 2013

बामसेफ़ का एकीकरण (Unification of BAMCEF)


बामसेफ़ का एकीकरण (Unification of BAMCEF)

by Bamcef UP (Notes) on Saturday, March 30, 2013 at 4:12pm

बामसेफ़ का एकीकरण (Unification of BAMCEF)

आज कल बामसेफ़ के एकीकरण का काफी प्रयास चल रहा है। यह स्वागत योग्य कदम है।  इस संबंध मे एक आयोजन मुंबई मे 2-3 मार्च को हुआ है जिसमे मेशराम ग्रुप से तीसरी बार अलग हुये लोगो ने पहल की है। इसमे मुख्य रूप से निम्न लोगो की कोर कमेटी बनी है।  

 1. Jyothinath from Bihar

 2. Abhiram Mallick from Orissa

 3.Chamanlal (Cordinator) from UP

 4. Palash Biswas from West Bengal

 5. Bhaskar Wakde from Maharashtra

 6. Vijay Kujur from Jharkhand

 7. Khokan Maitra from West Bengal

 8. Raoji Bhai Patel from Gujarat

 9. Lt. Col. Siddharth Barves from Mumbai

 10.Mod. Sukur from Karnataka

 11. Sarnath Gaikawad from Maharashtra

 12.Ambade from Maharashtra

 

    इस मीटिंग को माननीय बी डी बोरकर, और माननीय तारा राम मेहना दोनों ने संबोधित किया है। एक मीटिंग लखनऊ मे भी 16-17 मार्च को हुयी जिसमे कई घर बैठ गए अत्यंत  पुराने और वारिस्ठ कार्यकर्ताओ ने भाग लिया है। इस मीटिंग मे भाग लेने आए श्री रुपचन्द सेठ से हम लोगो की लखनऊ के  मान्यवर कांशी राम स्मारक मे मुलाक़ात भी हुयी। इनकी अगली मीटिंग शायद नागपुर मे होनी है। 

अब बात करते है एकीकरण की। जो भी साथी मेश्राम के साथ दूसरी और तीसरी बार मे छोड़ रहे है उन्हे अपनी इस गलती का एहसास होना चाहिए कि जब की सारी सीईसी ने मेश्राम को 2003 मे निकाल दिया था तो ये लोग तब ये लोग उस समय मेश्राम को नहीं पहचान पाये और उस समय मेश्राम का साथ दिया। अगर यह साथी लोग उसी समय मेश्राम को पहचान जाते तो व्यक्ति निर्माण होने की बजाय संगठन निर्माण होता। कुछ ही दिन साथ देने के बाद अपने कुछ साथियो को 2006 मे इस बात का एहसास हो गया कि हमसे गलती हो रही है और हम संगठन निर्माण के वजाय व्यक्ति निर्माण मे लगे है तो उन्होने तुरंत मेश्राम का साथ छोड़ दिया। तब भी न तो श्री तारा राम मेहना जी को, न ही  इन साथियों को इस बात का एहसास हुआ और वे व्यक्ति निर्माण मे लगे रहे । बाद मे 2009 के राष्ट्रिय अधिवेशन-जयपुर मे माननीय तारा राम मेहना जी को एहसास हो गया वे अब तक संगठन के बजाय व्यक्ति निर्माण मे इस्तेमाल हो रहे थे, तब उन्होने ने भी मेश्राम का साथ छोड़ दिया। पर उस समय भी वर्तमान पहल करने वाले साथियो को एहसास नहीं हुआ और ये साथी पूरी ताकत से व्यक्ति निर्माण मे लगे रहे । ठीक उसी तरह जिस तरह आज अर्थात 2012-13 मे ये लोग तो मेश्राम को पहचान लिए है लेकिन उनके और साथी अभी भी मेश्राम के साथ है और व्यक्ति निर्माण मे लगे हुये है।  वे चोथी बारी मे उनको पहचान कर अलग होंगे तब उनको भी अपनी गलती का एहसास होगा। बहर-हाल खुशी की बात यह है की धीरे-धीरे ही सही परंतु संगठन मे एक लंबे समय तक कार्य करने वाले एकमत हो रहे है कि संगठन मे लोकतन्त्र होना चाहिए और व्यक्तिगत नेतृत्व के स्थान पर संस्थागत नेतृत्व होना चाहिए।  

 

एकीकरण किस बात का ? आइये जरा डीटेल व्याख्या करते है। जहा तक उद्देश्य की बात है तो बामसेफ़ के सारे ग्रुप का उद्देश्य व्यवस्था परिवर्तन है। अर्थात उद्देश्य का एकीकरण पहले से ही है। सारे ग्रुप की विचारधारा फुले और अंबेडकर की विचारधारा ही है। अर्थात विचारधारा का भी एकीकरण पहले से ही है। सारे ग्रुप एक ही नाम बामसेफ़ इस्तेमाल कर रहे हैं। अर्थात संगठन का भी एकीकरण पहले से ही है। सारे ग्रुप के कार्यकर्ता पहले से ही एकीकरण का दबाव दे रहे है। अब रही बात लीडरशिप के एकीकरण की तो, यदि लीडरशिप उद्देश्य के लिए समर्पित होकर बामसेफ़ चला रही है तो उनका एकीकरण हो सकता है, लेकिन यदि लीडरशिप करने वाले लोग उद्देश्य से ज्यादा अपना महत्व देना चाहते हो तो ऐसे लोगो का न तो एकीकरण हो सकता है न ही ऐसे लोग एकीकरण की प्रक्रिया को पसंद करेंगे। क्योकि उन्होने संगठन बनाया ही इस लिए है की खुद को कैसे वे स्थापित कर सके। इस लिए साथियो लीडरशिप का चरित्र लोकतान्त्रिक होना एकीकरण की पहली अनिवार्यता है।

 

मूलनिवासी बहुजन समाज के बुद्धजीवियों का भी इसमे योगदान है कि वे संगठन चाहते है या व्यक्ति? यह निर्णय लेकर उनको संबन्धित पक्ष का समर्थन देना होगा। 

3Unlike ·  · 
  • Bamcef UP तर्क पूर्ण आलोचना का स्वागत है...पर गाली- गलौज, असभ्य, गैर बुद्धिवादी भाषा का नहीं. तर्क पूर्ण आलोचना न कर गाली- गलौज देने वाला व्यक्ति तथागत बुद्धा एवं बाबा साहेब आंबेडकर का अनुयायी नहीं हो सकता है.. जब कोई तर्क पूर्ण बात न कर गाली- गलौज करता है तो इस...See More
  • दत्ता चव्हाण युद्ध जितनेके के लिये सेनापती एक हि होता हे और इस सिद्धांत को सभीकी सहमती होनी चाहिये, इतिहास गवाह हे !
  • Sachin Abdule भला उसकि शर्ट मेरी शर्ट से सफेद क्योँ है । इसमे हम क्या कर सकते है । जो मँग्नेट मा मेश्राम साहब मे है क्या किसमे है ? क्या तूम तुम्हारे गिनेचूने अल्पसंतुष्टो के पैर दबाते हो ? जो दुसरो को बंधुआ मजदूर कहते हो ? तूम पालो तुम्हारे निकम्मोँकि टोली संस्थागत नेतृत्व(?)के नामपर क्या इन वर्षो मे कोई काबिल नेतृत्व दिया है तूम लोगो ने ?
    Monday at 11:44am via mobile · Like · 1
  • Kailash Chand yadi yuddh me senapati ke saath sena na ho to kya vo yuddh jit lega
  • दत्ता चव्हाण ARE ME VAHI KAHA RAHA HU MESHRAMJI KO HI HAME NETRUTV DEKE AGE BADHANA HOGA
  • Bamcef UP आप युद्ध लड़ो हम तो आंदोलन चलाएँगे....हमे युद्ध नहीं लड़ना है क्योकि हम तो बुद्ध के अनुयाई है...हाँ हम वैचारिक और मानसिक आंदोलन जरूर चलाएँगे...
  • Ulhas Sonawane tumari aukat kya he andoln chalane ki bibiya sabhalo haram khoro
  • Ulhas Sonawane kute bhokte rahate he salo tum logo ko vaivasta parivartan karna he to mesharam sir ke bareme bolna band karo aur bramnoke bare me bolo.
  • Brijesh Yadav ye haramkhor kute se battar hai kutta to wafadar hota hai ye haramkhor bibi aur apne bachcche ko palane me mashgul hai ye kya tyag karenge aur andolan chalyenge.
  • Dheeraj Khaparde ऊपर के कुछ चुतिया बामन-भक्तों को मेरे 'नागवंशी प्रश्न' पढना जागृति के लिए अनिवार्य शर्त है! नहीं तो साले कब बामन द्वारा úse and throw' कर दिए जांयेंगे पता ही नहीं चलेगा ! वॉल्यूम-१ से वॉल्यूम-१० तक जाग्रति हेतु अवश्य पढ़ें और 'तथागत' बने!
  • Bamcef UP कई अंध भक्त समर्थक भाइयो को हम लोगो की कर्तव्य निष्ठा पर संदेह रहता है। ये अंध भक्त भाई लोग समझते है की जैसे हम लोग ब्लाईंड सपोर्टर है वैसे ही ब्लाईंड सपोर्टर ये क्यों नहीं है? ये तर्क-वितर्क क्यों करते है? ये लोकतन्त्र की बात क्यों करते है ? ये विचार ...See More
  • Bamcef UP एक व्यक्ति या एक परिवार के इर्द-गिर्द घूमने वाले, व्यक्ति-वादी संगठन एक व्यक्ति, उसके कुछ नजदीकी रिश्तेदार, व कुछ एक चापलूस एवं चाटुकार का भला तो कर सकते है, पर पुरे मूलनिवासी बहुजन समाज का कत्तयी नहीं. एक व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमने वाले, व्यक्ति-वादी संगठन व्यक्तियों के साथ पैदा होतें हैं और उन्ही के साथ ख़त्म हो जातें हैं.॥आप के शब्दो मे ....सेनापति खत्म ...लड़ाई खत्म..
  • Ramchandra Gadhveer आन्दोलन मेँ लोकतन्त्र की आवश्यकता नहीँ हैँ हाँ सुविधाओँ के वितरण मेँ लोकतंत्र जरुर रहना चाहिये।
  • Ramchandra Gadhveer आप लोकतान्त्र लागु करो हम आपको आजाद करवाते हैँ।
  • Bamcef UP बाबा साहेब ने मूलनिवासी बहुजन समाज के आन्दोलन को आगे बढ़ाते हुय्र कई महान विचार दिए उसमे समता, स्वतंत्रता, भाईचारा के सिधांत के आधार पर लोकतंत्र जिसमे हर व्यक्ति का वैल्यू सामान हो भी एक महत्त्व पूर्ण सन्देश है। नायक पूजा के खिलाफ बाबा साहेब के विचार जग...See More
  • ANkhi Boy Sankalp Isme MESHRAM aaya tha kya ?
  • Bamcef UP जब खुद आज़ाद नहीं है तो हमारे आज़ादी का आंदोलन क्या चलाएगे...पहले आप तो आज़ाद सोच रखिए...
  • Ramchandra Gadhveer जो भी Time and talent अधिक देगा वही नेतृत्व करेगा।
  • Bamcef UP यह आप की मिथ्या धारणा है की आंदोलन मे लोकतन्त्र नहीं चाहिए....यह ठीक उसी तरह है की बबुल का पेड़ लगा कर आम की उम्मीद करना...
  • Ramchandra Gadhveer जिसमेँ ऊद्देश्य के प्रति निष्ठा का अभाव होता हैँ वह धैर्य नहीँ रख सकता हैं।
    49 minutes ago via mobile · Like · 1
  • Bamcef UP आप के लोग जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे है उससे आप के यहा के कैडर और लीडर के टैलंट का स्तर स्पष्ट है...।
  • Ramchandra Gadhveer आप दुनिया के सभी सफल आन्दलनो का अध्ययन करना।
  • Ashok Dusadh जिसे लोकतंत्र में विश्वास नहीं वह एक आत्ममुग्ध ,तानाशाह आन्दोलनकारी ही साबित होगा हिटलर की तरह ,कमजोर आस्थायों की कमी नहीं जो अपना उद्धार तो चाहती है ,पर अपना अधिकार नहीं , आतंरिक लोकतंत्र विरोधियों को समाज से आउट करना होगा ,ये मनुवादी से भी खतरनाक है .
  • Bamcef UP एक व्यक्ति जब असभ्य भाषा का प्रयोग करता है तो वो अपने परिवार और संगठन के वातावरण को प्रस्तुत करता है. क्युकी पारिवारिक भाषा का प्रयोग कभी ना कभी जान बूझकर या , अनजाने में ही वो किसी सार्वजनिक जगह पर प्रस्तुत कर देता है.
  • Bamcef UP पूर्णतः सही कहा है आप ने अशोक भाई....
  • Bamcef UP कई भाई लोग तानाशाही को जस्टिफाई करने के चक्कर में तथागत बुद्ध एवं बाबा साहेब का नाम ले लेतें है। मेरा मानना है की ऊपरोक्त दोनों महापुरुषों का लोकतंत्र में अपार विश्वास था। संघ के नियम पुर्णतः आधुनिक लोकतान्त्रिक प्रणाली की तरह विकसित थे। बाबा साहेब ने ...See More
  • Ramchandra Gadhveer वामन मेश्राम के नेतृत्व की वजह से ही आज हम राष्ट्रव्यापी आन्दोलन खङा करने के नजदीक हैँ।
  • Bamcef UP हमरे पास मेश्राम या किसी अन्य व्यक्ति के विरोध का कोई कार्यक्रम नहीं है। हाँ आप के पास मेश्राम को स्थापित करने का जरूर कार्यक्रम है...आप बामन के लिए काम करो हम संगठन और लोकतन्त्र और संस्थागत नेतृत्व और व्यवस्था परिवर्तन के लिए काम करेंगे...
  • Ramchandra Gadhveer अशोक जी हमेँ लोकतन्त्र पुर्ण विश्वास हैँ जब भी हमको मौका मिलेगा हम वास्तविक लोकतन्त्र भारत मेँ लागु करेगेँ।ये काम आप साथ दोगे तो करके दिखायगेँ आप साथ ना दोगे तो भी करके दिखायेगेँ।यकीन रखिये!
  • Bamcef UP अंग्रेज़ो की गुलामी गलत थी, ब्राह्मणो की गुलामी और भी गलत है/थी। फुले और बाबा साहब के कारण उनसे मुक्ति मिली है. तो हमारे कई लोगो को मुक्ति और लोकतन्त्र सुट ही नहीं करती है। इन लोगो को गुलामी का ही आनंद उठाना पसंद है और ये लोग फिर से अपने-अपने नेताओ के ग...See More
  • Bamcef UP इस लिए ही वामन आप जैसे अपने संगठन के कार्यकर्ताओ को चूतिया, गधे, और नालायक का सम्बोधन लगभग हर मीटिंग मे करते है...
  • Ramchandra Gadhveer नेतृत्व ऐक साधन है साध्य नहीँ।साधन अगर बेहतरीन हो तो ऊसका बेहतरीन ऊपयोग ऊद्देश्यपुर्ति हेतु होना चाहिये।
  • Bamcef UP यही उनकी टैलंट है...यही आप लोगो की अंध भक्ति का नमूना है की आप इसका विरोध नहीं करते हैं॥
  • Ramchandra Gadhveer ये शब्द आपको जरुर कहा होगा।
  • Bamcef UP मुझे भी अगर कहा तो भी उतना ही गलत है जितना आप के लिए कहा होता...
  • Ashok Dusadh हमें अभी तक वामन मेश्राम की कोई उपलब्धि नजर नहीं आती ,न ही बामसेफ एकीकृत की ,लेकिन बामसेफ एकीकृत गैर राजनीतिक संगठन रहते हुए सांस्कृतिक/वैचारिक और सामाजिक आन्दोलन चलता है तो उसका स्वागत है
  • Ramchandra Gadhveer विरोधियोँ के पास इसके अलावा कोई तर्क नहीँ हैँ।
  • Ramchandra Gadhveer अशोक जी आँख खुली रख कर चलेँ जरुर नजर आयेगी।
  • Balbhim Raut अगर हम आप साथ लडेंगे तो हम हमारा उद्देश नही पुरा करेंगे हम सब एक होजाये. नही तो आप (बी.डी बोरकर) वाले (मेश्राम सहाब ) वाले. आप अपनी तरह से काम करो. आप एक दोजे पर क्यु आरोप कर रहे हो.



    दुसरी बात ये है की बी.डी बोरकर वाले ही ज्यादा वामन मेश्राम सहाब प
    ...See More
  • Bamcef UP एक व्यक्ति का नाम रटने के और एक व्यक्ति की भजन करने के अलावा न तो आप ने अभी तक कोई भी न तो ज्ञान की बात की है और न ही तर्क। विचारधारा और उद्देश्य तो आप लोगो के समझ से बहुत ही दूर है। लगे रहो और नाम जपते रहो...और भजनियाँ मंडली के सदस्य के रूप काम करो वैसे भी आप का नेता आप लोगो को बंधुआ मजदूर समझता है॥इस लिए उतना ही अल्प ज्ञान देता है जिससे कि आप लोग भजन मंडली के बंधुआ मजदूर बने रहो..
  • Ashok Dusadh वैसे बताएँगे वामन मेश्राम का अंतिम उद्देश्य क्या है , मैं उनके आन्दोलन को उनके निजी महत्वाकांक्षा के नजरिये से देखता हूँ . ramchandra ji
  • Ramchandra Gadhveer 29 State,400 dist. 3000 teh. व 2700 जातियो का संगठन खङा करना गिल्ली डंडु का खेल नहीँ है।
  • Balbhim Raut अगर हमारा उद्देश सफल नही होता तो उसे समाज नही बल्की आप नेतृत्व करने वाले ही जिम्मेदार हो सकते हो.
    19 minutes ago via mobile · Like · 1
  • Ashok Dusadh हमारा अंतिम उद्देश्य लोकतंत्र और संविधान की पूर्ण रूप से बहाली होना चाहिए न की व्यक्ति और व्यक्तित्व की स्थापना .
  • Ramchandra Gadhveer आपको अगर बामसेफ का अन्तिम ऊद्देश्य पता नहीँ हैँ।मैँ तो आपको ऐक जागृत अम्बेडकरवादी समझ रहा हुं।
  • Ramchandra Gadhveer शक्ति संगठन की,समर्थन जनता का,दांवपेच नेतृत्व का=सफलता
  • Mulnivasi Sangh UP मेश्राम की हर मीटिंग मुख्य और विशिष्ठ अतिथि के रूप मे उपसतिथ होने वाले कैप्टन जय नारायण निषाद जी मोदी जी के लिए यज्ञ कर रहे है....पिछले दो वर्षो मे मेश्राम जी ने श्री निषाद जी पता नहीं क्या पढ़ाया की वो एक तो यज्ञ और वो भी मोदी के लिए यज्ञ करने लगे....28 फरवरी को निषाद जी के घर पर नयी पार्टी का गठन और 3 मार्च को रैली और 7 मार्च को मोदी के लिए यज्ञ ...क्या माजरा है ???
  • Ramchandra Gadhveer अशोक जी हम भी वही चाहते हैँ।व्यक्ति साधन ही हैं।
  • Ramchandra Gadhveer sincerety to the cause and not to the person.
    10 minutes ago via mobile · Like · 1
  • Bamcef UP तानाशाही के सहारे लोकतन्त्र स्थापित करना .....हा हा हा...
  • Bamcef UP कभी जन आंदोलन की बात करना तो कभी मौका देख चुनाव की तैयारी करना...हा हा हा....
  • Ramchandra Gadhveer निषाद जी जाति आधार गिनती के मुद्दे पर हमारा समर्थन करते हैँ ईसलिये हम ऊनको बुलाते हैँ वे हमारे कार्यकर्ता नही हैँ।

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